कविताअतुकांत कविता
बुखार, थकान के लक्षण आवें
सूखी खांसी गर सताए
स्वाद,सुगंध का फ़र्क भुलावे
पखवाड़ा भर ताप सताए
समझो कोविड - उन्नीस दबाए
मधुमेह,दिल और अस्थमा रोगी
सावधानी रखेगी निरोगी
विश्व त्रस्त आतंकी सूक्ष्म जीव से
शहर,देश श्मशान हो रहे
प्राणवायु की कमी हो रही
रोग प्रतिरोधकता वृद्धि जरुरी
संपर्क नहीं,बस रखो दूरी
जरुरी हो बाहर जाना दो गज की दूरी अपनाना
शीतल जल से मुंह लो मोड़
गर्म जल से लो नाता जोड़।
काढा पीओ,भाप लो दो बार
हाथों को साबुन से धोओ बारम्बार,स्वच्छता की यही गुहार
संक्रमण से खुद को बचाओ।
नहीं लाइलाज़ समय से चेत जाओ
चिकित्सक के सुझाव अपनाओ।
गीता परिहार
अयोध्या