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तुम बच्चे भी! - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

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तुम बच्चे भी!

  • 181
  • 13 Min Read

तुम बच्चे भी!
(एक बालक से बातचीत का अंश)

मैं:     तरुण,तुम कितने साल के हो ?
तरुण: 5 साल 3 महीने का।
मैं:      तुम स्कूल जाते हो ?
तरुण:  हां।
मैं:       क्या तुम्हारे स्कूल में लड़के और लड़कियां                  दोनों पढ़ते हैं ?
तरुण:।   हां।
मैं:         क्या तुम मुझे अपने दोस्तों के नाम बता                   सकते हो ?
तरुण:     कुणाल,अभिनव,रजत,सौम्य,सात्विक और                 एलेन।
मैं:          बस ?
तरुण:      हां।
मैं:           मगर ये सब तो लड़के हैं,क्या लड़कियां                     तुम्हारी दोस्त नहीं है ?
तरुण:        नहीं।
मैं:             तो ,तुम लड़कियों से दोस्ती नहीं करते,                       क्या उनके साथ खेलते भी नहीं ?
तरुण:        नहीं,मुझे लड़कों के साथ खेलना अच्छा                     लगता है। मैं लड़का हूं,तो लड़कों के                       साथ ही खेलूंगा ,ना ?
मैं:            क्या लड़के और लड़कियों में फर्क होता है                  ?
तरुण:       हां।
मैं:            वह कैसे ?
तरुण:       अम्.. लड़कियां ,लड़कियां डरपोक होती                   हैं।
मैं:             वो कैसे ?
तरुण:         जब लड़के मारपीट करने वाले खेल                          खेलते हैं ,तो वो डर जाती हैं,शोर मचाती                     हैं, रोने भी लगती हैं।
मैं:               लड़कियां ऐसा क्यों करती हैं ?
तरुण:          अम..भगवान ने उन्हें ऐसा बनाया                              है,शायद..मुझे नहीं पता।
मैं:               लड़के और लड़कियों में तेज कौन होता                      है  ?
तरुण:           लड़के, हां..लड़के।
मैं:                नहीं भाई,लड़कियां ज्यादा तेज होती है।
तरुण:            स्पोर्ट्स में हम लोग तेज हैं।
मैं:                 क्या लड़कियां पढ़ने में ज्यादा तेज                          नहीं  होती   ?
तरुण:           दोनों होते हैं।
मैं:               अच्छा यह बताओ हिम्मत किसके पास                     ज्यादा होती है ?
तरुण:          लड़कों में,लड़कियां  तो बात - बात पर                     रोने लगती हैं।
 मैं:               अच्छा ये बताओ,अच्छा कौन होता है ?
तरुण:           अच्छी तो लड़कियां होती हैं।
मैं:                सच  ?अच्छा ,ज्यादा बातें कौन करता                      है ?
तरुण:           लड़कियां।
मैं:                लड़कियां अच्छी होती हैं,इसीलिए                           मारपीट और लड़ाई झगड़ा नहीं                               करतीं,क्या ये बात सही है ?
तरुण:           मालूम नहीं.......मगर......  
                   नहीं,कुछ लड़कियां अच्छी होती हैं।
मैं:                मुझे बताओ ,कोई दो बातें जो लड़कों            ‌          की अच्छी हैं और दो बातें जो लड़कियों                     की  अच्छी हैं।
तरुण:           लड़के गलत बात पर मारते हैं ,   वो           ‌                चुप रहती हैं । और दूसरा ,लड़के हेल्प                       करते हैं ,लड़कियां हेल्प मांगती हैं।
मैं:                भाई ,लड़कियों की अच्छी बात भी तो 
                    बताओ।
तरुण:           जब वो मम्मी रहती हैं तो सबसे अच्छी                      हो  जाती हैं।
 बच्चे तुमने एक सार्वभौमिक सत्य को सामने रख दिया!
तुम भी!

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शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

बहुत ठीक

Gita Parihar3 years ago

धन्यवाद आपका

दादी की परी
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