कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक:मेरे देश में पौष का स्वागत
💐💐
चलो चलें महाराष्ट्र पौष में खाएं पूरन पोली
झारखंड में लगा है मेला पौष पीठे की झोली
उत्तराखंड में आटे, गुड़ का बनता पुआ
उत्तरप्रदेश में देशी घी का नित खाते हैं हलुआ
गरमागरम पकोड़े दाल के बड़ा जो कहलाते
बच्चे, बूढ़े और जवान सभी चाव से खाते
मीठे चावल, गुड़ की पूड़ी
पंजाबी पिन्नी बहुत जरूरी
अदरक वाली चाय में गुड़ स्वाद बढ़ाता
पौष मास में दूर रखो चीनी से नाता
अधिक तेल,घी स्वास्थ्य को हानि हैं पहुंचाते अजवाइन,सोंठ,तिल,गोंद,मेवे पोष्टिक कहाते
उतरायण को घी,अचार,भरते संग खिचड़ी खाते।
सूर्य उपासना, दान-पुण्य कर उमंग से पतंग उड़ाते
गीता परिहार
अयोध्या