कविताअतुकांत कविता
विषय- चित्र
विधा - कविता
17/10/2020
#नवरात्रि
मां शैलपुत्री
हिमालय सुता
जगतारिणी
वृषाऋढा ,त्रिशूल धारिणी।
ब्रह्मचारिणी ब्रह्म स्वरूपा
मनोहारिणी
तपश्चारिणी
सर्वसिद्धि प्रदायिनी।
चंद्रघंटा विस्मयकारी
खड्ग धारिणी
विपदा दूर कर
इहलोक-परलोक सुधारिणी।
कुष्मांडा देवी शुभदात्री
ब्रह्मांड रचयिता
सिंह सवारी
दुख क्लेश निवारिणी।
स्कंद माता
पद्मासना
जगजननी,शुभदायिनी
भवसागर तारिणी।
कात्यायनी मनोरथ पूर्णा
मंगलकारिणी
रोग, शोक, संताप, भय हरिणी
अमोघ फलदायिनी ।
काल रात्रि कपालिनी
त्रिनेत्रा, शुभंकरी
दुष्ट दमना
भवभय निवारिणि।
महागौरी गौरवर्णी
श्वेताम्बरधरा
तन धवला,मन धवला
अमोघ फलदायिनी।
सिद्धिदात्री मोक्षदायिनी
भक्त प्रिया हितकारिणि
सिद्धि,सौभाग्य दायिनी।
बहुत सुंदर
हार्दिक आभार
धन्यवाद