Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
वह ज़माना (यह 2080 की बात है) - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकअन्य

वह ज़माना (यह 2080 की बात है)

  • 195
  • 18 Min Read

वह ज़माना
मि.वासन बिलियर्ड के जबरदस्त शॉट लगाकर,अब अपने रिटायर्ड दोस्तों के बीच कॉफी का लुत्फ लेने लगे।उसी बीच कर्नल रंगराजन ने हंसते हुए कहा,"भाई एक जमाना हुआ करता था कि हमें घर एक नियत समय पर पहुंचने की पाबंदी हुआ करती थी। मगर अब...!"
" अब क्या भाई?"
"अब, अब तो ना वह घर रहे ना घर वाले, क्या जमाना आ गया है! आज से 60 साल पहले क्लब से निकल कर एक लौंग ड्राइव लेते थे। घर पहुंचते तो कुक गरमा- गरम खाना टेबल पर सजा देते थे!"
" अब क्या बदलाव आ गया, भाई अब भी तो वही सब कुछ है।"
" मेरे और आपके नजरिए में बस यही अंतर है। अब गर्मजोशी से स्वागत करने वाले न घर वाले रहे ,ना घर के हाथों का बना हुआ स्वादिष्ट खाना, जिसमें उनका स्नेह और प्रेम मिला होता था, वह अब इन रोबोट्स के हाथों में कहां!"
मिस्टर डागर बोले,"भाई हम तो पिल्स लेकर ही पेट भर लेते हैं, ब्रांडेड कैलोरी वाली,हा,हा,हा..!"
"अब हमारी भी उम्र हो चली। पके फल हैं, जाने कब टपक जाएं, अब यह बच्चे जानें और उनका भविष्य।"
"कितनी पुरानी चीज़ों को याद रखेंगे,रावत साहब, अब ना सूरज की रोशनी है ना सूरज की गर्मी है। न वह पीपल और बरगद के नीचे की ऑक्सीजन है। अब तो ऑक्सीजन पार्लर हैं।मेरी तो खपत भी कुछ ज्यादा ही हो गई है, इन दिनों।"
"मुझे भी ब्रेथलैसनेस की शिकायत है। सब कुछ इतना चारों तरफ वर्चुअल ,फेक और आर्टिफिशियल लगता है मगर कुछ कर भी नहीं सकते।जब तक जीना है..."
"मि. रोबिन मैंने तो पूरे घर को ऑटो मोड़ पर रख दिया है। जिसका सारा सुपरविजन मेटामॉरफिना करती है।"
"सुना है ,मेटामॉरफिना AI से लैस रोबोट है। वह जरूरत के हिसाब से रूप भी बदल सकती है।"
"सही सुना है, यही नहीं,वह जरूरत के हिसाब से रूप भी बदल सकती है।यदि आपको बचपन के किसी दोस्त से बात करने की चाह हो, तो वह आपके निर्देश पर तुरंत उस दोस्त का रूप लेकर आपके सामने उपस्थित हो जाएगी।यदि आपकी बीबी मायके गयी हो, तो आपकी बीबी भी बन जाएगी - ऐसी बहुत सारी ऑप्शनल एड ऑन कॉस्ट वाली मेटामॉरफिना बाजार में हैं।"
"ओ के, मैं तो अभी तक यही देख रहा था कि
पढ़ाई का तरीका बिल्कुल बदल गया है। सारे स्कूल- कॉलेज वर्चुअल हो गए हैं और शिक्षक की जगह पर
ऑल इंटरफेस रोबोटिक टीचर क्लास ले रहे हैं।"
"अब देखो मिस मर्सिडीज की तीन रोबोटिक संताने हैं।ये उनके लिए कोई परेशानी खड़ी नहीं करतीं, सभी अच्छी ब्रांड की हैं।।पहले भी ओन डिमांड ही डिजायनर बच्चे बनते थे, मगर उनके साथ कितनी देख भाल, कितनी जिम्मेदारी आती थी। अब वह सब कुछ नहीं।इनकी प्रोग्रामिंग कर दो और यह आपके कहे अनुसार काम करेंगे, सुविधा है दोस्त।"
"यह रोबोटिक संतान सब एक ही शक्ल के होते हैं,चलो मां- बाप तो इन्हें पहचान लेते हैं ,ये अपने मां-बाप को कैसे पहचानती हैं?"
"यह अपने माता पिता को तब पहचानती हैं जब वे इनके नजदीक आते हैं। उनके नजदीक आने पर इनके कोड का टैग बीप करने लगता है।"
"आज की पीढ़ी को सुनकर अजीब लगता है कि पहले लोगों के पास इतनी फुर्सत होती थी कि वह 9 महीना एक बच्चा तैयार करने में लगाते थे। औरतें तकलीफ पाती थीं,और उन को बड़ा करने में कितनी मुसीबतें झेलनी पड़ती थीं।वे कहना मानेंगे या नहीं, उनकी मनमर्जी से चलेंगे या नहीं,इसके लिए भी बहुत कुछ सिखाना पड़ता था।"
"और यह चश्मा,जिससे सामने वाले की मन की बातें आप सब पढ़ लेते हो, यह भी कितने काम की चीज है। अब धोखा खाने से बचते हैं।"
"भाई मैं तो पहले ट्रैवलिंग में जो इंतजार का समय होता था, उसको काटना ही सबसे मुश्किल समझता था, लेकिन अब ट्रेन या ऐरोप्लेन का इंतजार नही करना है। डिजायर्ड डेस्टिनेशन एंड टाइम सूट पहनो मन की गति से यात्रा करो।"
" कुछ भी हो, विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है, मगर मुझे अपना वही पुराना समय अच्छा लगता है !
इंसान ने वैज्ञानिक अनुसन्धान करके रोबोट को बनाने में सफलता अर्जित कर ली |समय बीतने के साथ, इंसान के अनुकूल जो परिस्थितियाँ थीं, वो धीरे-धीरे समाप्त होती गयीं|पीने का पानी,ऑक्सीजन,और खाद्य पदार्थ विलुप्त हो गए।अब इंसानी बस्ती में अब हम जैसे ही बचे हैं
हमारी पीढ़ी के समाप्त होने के बाद केवल वही बचेंगे।"
गीता परिहार

logo.jpeg
user-image
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG