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कविताअन्य
विषय: बलिदान विधा: तांका ये वीर जवान की दास्तान कर्तव्य वेदी पर बलिदान अद्भुत अभिमान। वो शौर्य कर्तव्य स्वाभिमान मातृभूमि को अर्पित हों प्राण यही है अरमान। ये देश हमारा है सम्मान सौगंध खाते कुर्बान कर्तव्य पथ पर हो जान। गीता परिहार अयोध्या
सुन्दर