लेखआलेख
गुलाब को फूलों का राजा इसके बहुउपयोगी होने के कारण कहा जाता है। इसका उपयोग पूजा -अर्चना, भेंट मुलाकात और बालों और वस्त्रों पर टांकने के काम भी आता है ,इसके अलावा गुलाब का अर्क, परफ्यूम और गुलकंद एक बड़ा व्यवसाय है।
इसकी खेती भारत के महाराष्ट्र में नासिक,इचलकरंजी, सांगली, बार्शी ,डहाणू और विदर्भ आदि में की जाती है।
यह कम लागत में भारी मुनाफे का धंधा है। गुलाब का एक पौधा लगातार पांच साल तक फूल देता है। एक एकड़ में गुलाब की खेती से दस लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।
अगर गेहूं की फसल में एक एकड़ से अमूमन 40 से 50 हजार रुपये तक कमाई होती है, तो वहीं गुलाब की खेती से ये कमाई 10 लाख या उससे अधिक की हो जाती है। गुलाब की खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं। गुलाब की एक प्रजाति की खेती सजावटी फूलों के लिए होती है और दूसरी अन्य कई कामों में उपयोग में लाई जाती है जिनसे हर्बल उत्पाद बनाए जाते हैं। इन्हें जड़ से या कलम द्वारा तो उगाया जाता है। आजकल युवाओं के सामने रोजगार का संकट है। वह गुलाब की खेती कर घर बैठे कमा सकते
हैं।
बाजार में गुलाब की मांग काफी ज्यादा है। जन्मदिन, सालगिरह, वैलेंटाइन डे और मदर्स डे जैसे अवसर पर गुलाब के इस्तेमाल का चलन बढ़ता ही जा रहा है। बैंक से लोन मिल जाता है। लोन पर नाबार्ड से सब्सिडी मिल जाती है।
बेरोजगारी के जमाने में आज गुलाब की खेती युवाओं और किसानों के लिए बेहद मुनाफेदार धंधा है। किसानों से लेकर ग्राहक के हाथों तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया में दुकानदार भी कमा रहे हैं। बल्कि दुकानदारों का मार्जिन अक्सर 40 फीसदी के आसपास होता है। किसानों को एक गुलाब की कीमत 50 पैसे से लेकर 2-3 रुपए तक ही मिलती है। किसान फूल तो उगाते हैं, लेकिन वे अक्सर इन्हें गिनकर नहीं बेचते। छोटे किसानों के लिए ऐसा करना संभव भी नहीं होता। ट्रेडर उनका पूरा खेत ले लेते हैं। फिर आधुनिक उपकरणों से उसकी कटिंग, पैकिंग और मंडियों तक पहुंचाने का काम स्वयं करते हैं।
जो किसान ये काम अपने स्तर पर करने लगे हैं, उनकी भारी कमाई हो रही। कटिंग के बाद फूलों को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि ये जल्दी खराब हो जाते हैं। ट्रक या हवाई जहाज से उतारने के बाद इन्हें कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। पैक फूल को सात-आठ दिन रखना जरूरी होता है। कटने के बाद सिर्फ रिटेल शॉप पर ही ये ऑपन में दिखते हैं।छोटे वेंडर लगभग हर दिन एक हजार रुपए तक कमा लेते हैं। बड़े वेंडर का तो कहना ही क्या! अच्छे मार्जिन की वजह से बड़ी संख्या में लोग इस बिजनेस में आ रहे हैं।
अब पूरे देश में बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती हो रही है। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं।
जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने के डर से भी लोग गुलाब के फूलों की खेती करने लगे हैं। यात्रा के सीजन में गुलाब की बिक्री भी खूब होती है। गुलाब के तेल की बिक्री से भी किसानों की अच्छी कमाई होती है। कई किसान नए प्रयोग कर खेतों में खरीफ और रबी की सामान्य फसलों के साथ ही गुलाब की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
गुलाब का एक पौधा लगातार पांच साल तक फूल देता है। इसके बाद दूसरा पौधा लगाना पड़ता है। इस पौधे के लिए बीज की कोई जरूरत नहीं होती, बल्कि खेत में पहले से लगे पौंधों की टहनियों को काटकर कलम कर दिया जाता है। इससे नए पौधे तैयार हो जाते हैं। इस तरह से एक बार का खर्च उठाने के बाद किसान जब तक चाहे, तब तक लाभ कमा सकता है।
गीता परिहार