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"तुम"
कविता
"तुम लौट आओ"
क्या हाल बनाया तुम्हारा वसुंधरा
तुम कह कर तो देखते
दोस्ती
याद है तुम्हें
पत्नी हूँ तुम्हारी मैं भी प्रेम चाहती हूँ
जोगन
कवि हो जाना
वो रिमझिम बरसात
तभी तो पिता
तुम होते तो बात ओर होती
हाँ माँ तुम ही तो हो
तुम्हारे घर में एक छोटा सा कोना चाहती हूँ
क्या जानती हो
किसकी आज़ादी...
तुम्हारे आंगन की तुलसी हो जाना चाहती हूँ
उठो तुम
आना मेरी गली
माँ ...जो मैंने तुम्हें कभी न बताया
क्या कर रहे हो तुम?
मैं तुमसे प्यार नही करता
मन में कुछ जिज्ञासा है
मन में कुछ जिज्ञासा है
पंछी
हाँ, वो प्यार करती है
धुंधलापन ------------------------ इस रात के घने अंधेरे में मैं देखना चाहता हूँ चारों ओर इस दुनियाँ का रंग रूप पर कुछ दिखता नहीं पर मन में एक रोशनी सी दिखती है | बस हर तरफ से नजरें हारकर बस उसकी तरफ मुड़ जाती है दिखती है वह दूर से आती हुई पर उस
हास्य की तीन चुटकियां
तुम्हें कब मना किया है
तुम्हारा ज़िक्र
गुरु के नाम
काश! तुम भी समझते
बिन बोले
शमा तू फिर भी जल
मुश्किल हो गया
तुम छोड़ गये पद का निशान
तुम्ही बताओ
कुछ बात तुम्हें सुनाते हैं
सम्भल जा ज़रा
तुम
दर्पण की भी सीमा है
सर्दी
Kya neend aati hai tumhe
अतिथि, तुम कब जाओगे
जिंदगी तुम इतनी दूर क्यों हो
उसने कहा
तुम्हारा प्यार
क्या तुम्हें याद है?
नारी स्वतंत्रता...
मेरे जज्बात-2
तब तुम मेरे पास आना प्रिय
मेरे जज़्बात
तुम क्यों शोक मनाते हो?
अच्छा लगता है
काश..एक बार तुम मेरी खामोशी सुन लेते
अपनी शक्ति पहचानो
अपनी शक्ति पहचानो
कान्हा संग प्रेम
गुरूर तुम पर.....
तुम भी कर सकते हो
अधूरी दुनिया
सोचते रहना
लिखो तुम
वो बाते
अब कोई नही है
अवधान
तुमने मुझे
राम तुम्हें फिर आना होगा
जब राम नही बन सकते
मुर्दे की चाह
तुम मिले
आवाहन करती है ये वसुंधरा
हे! देशभक्त जाँबाज वतन के रखवालों
मां की ममता
हम लड़के हैं।
अपनी शक्ति पहचानो
ख़ुद पर विश्वास
दिप जैसे चमकते रहो तुम ...
मुझे याद है
हम तुम
हैवान की हैवानियत
हैवान की हैवानियत
खत जो भेजा नहीं
आवारगी
सांवलापन.....
तुम्हारी मुस्कान.....
तुम्हारा अहसास.....
आत्मविश्वास.....
खुशफहमी.....
तुम्हारा प्यार.....
अपनी शक्ति को पहचानो
धोका
२०२० तुमसे कोई शिकायत नहीं
अलविदा 2020
2020 तुमने सिखलाया भी है बहुत कुछ
मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
मेरा शहर
मौन
हम तुम
इकरार
हम और तुम
तुम्ही बताओ
तुम याद आते
नेताजी
तुम याद लाते
तुम याद आते
"आख़िर कौन हो तुम"
ए-माँ तुम खुदा की भी खुदा लगी हमको
तुम और मैं
#तुम पुरूष हो....
प्यार का पंचनामा
कल मिलोगी जब तुम मुझसे...
संवेदना *
काश तुम Hug कर पाते"
माँ
"पहला चुम्बन"
बहुत उम्मीद है
तुम हो तो
ज़जबात
सावन सी भिंगादो ना
अंखियों के झरोखों से
आया बंसत झूम के
बारिश हो रही है
मनमीत
प्रणय मिलन की आकांक्षा
बरसात में तेरा दीदार
गाँव ! तुम्हारी बहुत याद आती है
गाँव ! तुम्हारी बहुत याद आती है
कौन हो तुम
गरीबी की मार
Khud se Rubru
कहाँ खो गए तुम
दो कदम तुम भी चलो
बहुत बोलती हैं ये आंखे तुम्हारी
येदिलकर रहा है तुम से ही बातें
हलचल
हमसफ़र/दोस्त
प्यार के रंग
तुम मेरे हो
तुमसे है प्यार
मन तन के पार
मन तन के पार
अपनी धारा ,अपना वेग
"पुरानी डायरी के बंद पन्ने"
बिछडो न तुम (गीत)
तुम जो मिले
एक झिलमिलाती सुबह
सूर्पनखा की नाककटाई !
यह प्रकृति एक सुंदर पुस्तिका
उत्सव
उत्सव
पराली हूँ मैं।
प्रेम और गलतफहमी
माँ भारती के गहने
तुम, यानी मैं
अतिथि, तुम कब जाओगे
नवदुर्गा माँ जगदंबा 🌺
रात की बात
कोरोना बोलो तुम्हे कब है जाना
काश
तुम
निर्वाण
एक लहराते पंछी सी
फूल, तितली और पत्तियां
ऐ सूरजमुखी के फूल
जो कुछ नहीं करते बहुत कुछ करते हैं
तुम सुनो न सुनो
मैं खुद में तुमसे ज्यादा नहीं था कभी
मैं फिर आऊँगा
परछाईयाँ अगर बोल सकती
" तुम-बिन " 💐💐
तुम खो मत देना ये आज़ादी
तुम्हारा बदलना
बप्पा, तुम जल्दी चले गये
तुम मिले ऐसे...
पंछी
" हे संतति तुम्हे प्रणाम " 💐💐
दो कदम तुम भी चलो
ख्वाइशें
उर्मिला की विरह वेदना
जो तुम रूठ गए
तुम ही बतलाओ कान्हा...
अपनी शक्ति पहचानो
मैं पानी हूँ
तुम्हारे प्यार की बारिश
तुम और मैं जैसे
तुम हमसे मिलें ऐसे
तुम हो ही नही
मेरा ओर तुम्हारा रिश्ता मां
तुम्हारी साँस बन जाऊ
कैकयी तुम क्यूँ बदनाम हुई?
तुम और तुम्हारी बातें
तुम्हारे सीने में मेरा दिल
कवि तुम नहीं
तुम्हें कैसे समझाऊं...
अपने सपनो के लिए
तुम्हारे बिन
क्या क्या काम बताओगे तुम
याद आती हो तुम .....
तुम्हारी सादगी
मंजूर न था
पता ही नहीं
वर्तमान से वक्त बचा लो तुम निज के निर्माण में द्वितीय भाग
पल पल तुम्हें पुकारा
उठो युवा तुम उठो ऐसे
प्रियतम
मैं पुल होना चाहता हूँ
नन्हीं सी परी
चाहता हूं
तुम क्या जानो तुम मेरे लिए क्या हो।
Samaaj
अफसोस
माना कि मश्ग़ूल हो तुम
तुम्हारे साथ गुजारा हुआ वक्त
तुमअपने सपने बशर जिस ज़बान में देखो
कौन सका है बखान
साथ जिस शख़्स के हमेशा तुमने शराफ़त की होती है बशर
झरोखे यादों के
निगाहें आज तक टिकी हैं बशर उसी तरफ़ मुंतज़िर तुम्हारी
तुम
ओ साथी रे
कोरोना महराज
माँ तुम्हारे रूप से
क्या तेरा, क्या मेरा !!
खामोशी और तन्हाई 🥹
खुदा तुम भी नहीं
सितम 🥹
रवैया क्या है तुम्हारा
इश्क़ में 💫
तुमसे मोहब्बत है 😍
अपना कातिल 🔪
तुम साथ तो दे दो 💫
तेरे दिल की 💞
तुमजो चाहोतो फ़ासले और बढा लो
तुमको कभी अनदेखा न करे
तुमसे ज्यादा नहीं है खास कोई
अच्छी क़ाफ़िया-पैमाई है
चाह तुम्हारी न होगी
तुम काबिल हो ❤️
Kanchan dasi
तुम्हारा नाम बिगाड़ेंगे
तुम्हारी परछाई दिखाई देती हो
तुमको मुबारक ये जहाँ
तुम्हारा येह जमाना नहीं है
स्कूली एग्जाम
दुश्मन तुम्हारे अंदर बैठा है
फ़ितरत हमारी है
नारी तुम कमजोर नहीं
सौगात मेरी
पार्थ तुम्हें भी बनना होगा
केशों से तुम कह दो-कविता
तुम बन जाना मेरी होली
मुक्तक (क़ता )
प्रेम नियति
आलिंगन
टकरार क्या करना
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
तुम,से है,हमें मोहब्बत, ये बात और है
डर किस बात का,कौन सा,हकीकत मे आना था
फिर रहे हैं दर बद्दर, तुम, दर दर से पूछ लो
दिन का सुकून,नींद रातों का,गुजार रखा है
रुको न तुम करते रहो सवालों का सिलसिला
मैं और तुम 😍
ज़रूरत क्या है
माँ सरस्वती तुम्हें हमारा नमन
शब -ए-ग़म बदनाम हो गई है
सुना नहीं तुमने
लाख आवाजें लगाया करना
Magar nahin hota
अभ्यागत"....तुम आए जब से, हो उदासीन.....
तुमने रुख़सार पर अपने ये जो तिल लगा रक्खा है
तुम कितने दूध के धुले हो मैं जानता हूँ
तुम्हेभी कोई ग़म नही हमें भी कोई ग़म नहीं
इतने क़रीब मिले
तुम रह जाओ टूटकर
क्या तुम नहीं जानते
दर्द ए दिल मिला कि अश्क ए चश्म मिला ग़म ए हयात मुझे तुमसे मेरे हमदम मिला
सब भूल जाएंगे तुम कितने अच्छे थे
हयाते-मुस्त'आर हमारी बिन तुम्हारे न गुज़रेगी
एक व्रक्ष तुम लगाओं
यादों की कश्ती ढूंढर ही किनारा
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
वही तुम पर फिदा है
यादों की तस्वीर
क्यों न खुद को तुम में बुन लूं मैं
दीवाना दिल
एकतरफ़ा इश्क
तन्हायी
तुमबिन हम नहीं
आंखें ही बेच देंगे तुमको ऐनक देने का वादा करके
मन नहीं भरता 🥰
शुक्रिया आपका 🥰🥰
तुमसे आगे कुछ नहीं
तुमसे आगे कुछ नहीं
तुम हों 💖
चांद 🌙
छूटा तेरा साथ
इश्क़ हमारा 😇✌️
गृह आभारी रहेगा तेरा
Ghazal
बाहर की दुनिया सारी खारा समंदर है
क़ामयाबी केलिए तुम्हारा यक़ीन ज़रूरी है
मोहतरमा 🤩
इस जहाँसे आगे जहाँ औरभी है
साथ
ऐतबार हमारा हम पर हो
तूफ़ान जिसने देखा वो नाख़ुदा लहरों से हारा
तुमसे जो प्यार कर बैठे हैं 😍
अपने तुम्हारे कितने अपने हैं
ख़ामुशी मेरी उड़ाकर रखदेगी नींद तुम्हारी रातों में
विसाल-ए-हक़ीक़त से "बशर" फ़रेब से तुम हिज्र करो
साबित करो कि तुम हमसे नाराज़ हो
सारी क़ायनात की तस्वीर बदल जाएगी खुद बदलो तुम्हारी तक़दीर बदल जाएगी सुकून -ए-क़ल्ब अपना कायम रखो बशर बाहरके रंजो-ग़म की तासीर बदल जाएगी
तुम्हारी दुनिया से निकलकर ही चला गया
कहानी
साथ साथ (भाग -2)
कहानी औरत की
फिर वही तन्हाई
तुम बच्चे भी!
एक बार फिर
परिवार
अलविदा 2020
एक कप कॉफी और तुम
एक कप काफी और तुम
कारवां गुजर गया
बरसात
कच्चे रास्ते - भाग १ (साप्ताहिक धारावाहिक)
अनाथ भाग-3
" एक कप कौफी और तुम"
" तुम्ही से शुरू तुम्ही पर खत्म"
अनाथ भाग 6
" ऑनर किलिंग "💐💐
मम्मा तुम्हारी
अर्धांगिनी
लेख
शिक्षक का खत विद्यार्थी के नाम
मैं तुम्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहता हूं
ढूंढा करते हैं तुम्हें
उदासियां
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