Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
क्यों न खुद को तुम में बुन लूं मैं - पुष्पा कुमारी (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

क्यों न खुद को तुम में बुन लूं मैं

  • 417
  • 2 Min Read

क्यों न तुम में खुद को बुन लूं मैं।
जो जाती हो राह तुम तक
आज उसी को चुन लूं मैं।
तोड़ कर बन्धन रिवाजों के
बांध लूं प्रेम के धागों से।
सफ़र हो लम्बा चाहे काँटों भरा।
साथ हो बस तेरा मेरा।
क्यों न तुम में खुद को बुन लूँ मैं।
जो जाती हो राह तुम तक
आज उसी को चुन लूं मैं।
@पुष्पा कुमारी

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg