Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
तुम रह जाओ टूटकर - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तुम रह जाओ टूटकर

  • 72
  • 1 Min Read

किसी को भी कभी "बशर" इस क़दर भी न चाहो टूटकर
वो कमबख़्त मुक़म्मल निकल जाए तुम रहजाओ टूटकर
© 'बशर' بشر.

1663935559293_1716734492.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg