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चांद 🌙 आसमां में चमकते चांद का नूर भी तेरे आगे फीका हैं । जबसे तू मेरे साथ में दिखा हैं । ना कोई तुझसा हैं और ना कोई मुझसा हैं ? जबसे मेरे खुदा ने तुम्हें मेरे नसीब में लिखा हैं । फिरोज़ खान मदनी