Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
टकरार क्या करना - INDER BHOLE NATH (Sahitya Arpan)

कवितागजल

टकरार क्या करना

  • 35
  • 3 Min Read

कर लो प्यार से रुखसत, टकरार क्या करना
मैंने जला दिये सब खत, टकरार क्या करना

हमने कब कहा कि हम कुसुरवार नहीं हैं
वाज़ीब है तुम्हारा शक़, टकरार क्या करना

तुम्हें मोहब्बत है तब्दीली से तुम ठहर नहीं सकते
तुम्हें मुबारक हो ये लत्त, टकरार क्या करना

तुम अब जो करो,उचित,हमें सहना है बहरहाल
तुम्हें हमने ही दिया ये हक़, टकरार क्या करना

आँधियों से ख़फ़ा रहें ये उचित नहीं "इंदर"
जब उजड़ गया दरख़्त, टकरार क्या करना

इंदर भोले नाथ
बागी बलिया उत्तर प्रदेश

inbound5198521155519706011_1712717014.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg