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कवितानज़्म
खुशियों के सहारे न गुज़रेगी ग़म के सहारे न गुज़रेगी किसी के सहारे न गुज़रेगी जिन्दगी गुजारे न गुजरेगी जाने कैसे गुजार लेते हैं लोग अपनी पहाड़सी जिंदगी हयाते-मुस्त'आर हमारी 'बशर' बिन तुम्हारे न गुज़रेगी © 'बशर' بشر.