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यादों की तस्वीर - Dipak Kumar (Sahitya Arpan)

कवितागजल

यादों की तस्वीर

  • 16
  • 3 Min Read

जो बसी है मेरी यादों में वो तस्वीर तुम हो,
मेरे हर ख्वाब और हर अक्स में, एक तासीर तुम हो।

तुम्हारे बिना ये जिंदगी अधूरी है मेरी,
मेरे हर लफ्ज़ और हर अहसास में, वो तहरीर तुम हो।

तुम्हारी हंसी से महकता है मेरा हर दिन,
मेरी हर खुशी और हर मुस्कान में, वो रंजीर तुम हो।

तेरे बिना मेरे दिल का हाल बताऊं कैसे,
मेरे हर दर्द और हर आह में, वो तक़दीर तुम हो।

तुम्हारे बिना ये रातें भी बेरंग सी लगती हैं,
मेरे हर सपने और हर रात की, वो जंजीर तुम हो।

जब भी तन्हाई में तेरी याद आती है,
मेरे हर आंसू और हर सिसकी में, वो तस्वीर तुम हो।

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