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हम तुम - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

हम तुम

  • 263
  • 3 Min Read

एक मजबूत से धागे में साँसों की माला बंधती है।
हमारी जिंदगी एक दूसरे में पल पल पलती है।

कहने वाले कह भी देते हैं पागल हमें
पर ये पगली नेहा किसी की बात कहाँ सुनती है।

नाज नखरे उठाकर बड़ी हसरत से पलको पर बिठाया
राजा की जान तोते में कुछ ऐसे ही बसती है।

बीत रहें है वर्ष साल दिन महीने साथ में
लड़ाई और प्यार की बरसात इकट्ठे चलती है।

बनी रहे ये जोड़ी हमारी सदैव ऐसे ही
ईश्वर से यही प्रार्थना हमेशा बनी रहती है।

जुड़ी है कड़ी प्यार की हम दोनों के बीच मोहब्बत बनकर
नीर की बातों में नीर सी मोहब्बत होती है। - नेहा शर्मा

शादी की सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं।

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Pratik Prabhakar

Pratik Prabhakar 3 years ago

बहुत खूब??

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

शत शत आशीष

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

बहुत सुंदर। सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं

Champa Yadav

Champa Yadav 3 years ago

बहुत.. ही...बढ़िया...शादी... की..शालगिरा...की शुभकामनाएं....

नेहा शर्मा3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

विवाह की वर्षगांठ की बहुत बधाई और शुभकामनाएं ??????

नेहा शर्मा3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद

प्रपोजल
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