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"और"
कविता
औरतें
बंधन
औरत का सफर
कमियां और खूबियां
होने को साकार, फिर एक बार ...
परंपरा और आस्था
मैं और बनारस के पथरीले घाट
महल और झोपड़ी ( मरीचिका)
महल और झोपड़ी
महल और झोपडी
जन्म और मृत्यु
एक बात मैं और कहूं क्या?
क्या खोया क्या पाया
पाप और पुण्य
पाप और पुण्य से परे
धुंधलापन ------------------------ इस रात के घने अंधेरे में मैं देखना चाहता हूँ चारों ओर इस दुनियाँ का रंग रूप पर कुछ दिखता नहीं पर मन में एक रोशनी सी दिखती है | बस हर तरफ से नजरें हारकर बस उसकी तरफ मुड़ जाती है दिखती है वह दूर से आती हुई पर उस
मैं और वह
चैतन्य महाप्रभु और विष्णुप्रिया
दो कप चाय और हम
हिंदी और शिक्षा
हां मै एक औरत हूँ
एक औरत की दहलीज़
भूख,लाचारी और खुदा
कल और आज
पूर्व और पश्चिम
नवरात्रि और श्रद्धा
एक और रामधुन
हां मै एक औरत हूँ
और ये सब तुडे़-मुडे़ से, सिकुडे़ से अखबार
वो और मैं
धरती, अंबर और समंदर
ज्ञान और रोशनी
तितली और ज़िन्दगी
ये तज़ुर्बा कुछ और है
मृत्यु और सभ्यता
हम और तुम
तुम और मैं
गरीबी और परायापन
पति पत्नी और वो
शादी एक व्यापार
कुण्डलियाँ "बसंत और पलाश"
मुझसे प्यार है और नहीं भी
मैं और मेरे अच्छे दिन
माँ और ममता *
कविताएं और कविताएं
बादल और किसान
निर्मला और उज्ज्वला
कोरोना वायरस और प्रकृति
वसंत ऋतु और हम
प्रेम और गलतफहमी
भारत देश और इंसान
आम और सच
फूल, तितली और पत्तियां
दवा देनेवाले ने दर्द और बढ़ा दिया
सामंजस्य, सह-अस्तित्व और समन्वय
तितली और भवरा
एक और रामधुन
तुम और मैं जैसे
तुम और तुम्हारी बातें
औरत हूँ, मैं नारी हूँ
शहर और देहात
शिवाजी
थोड़ा और शहर
आओ और सराहा जाये
रेत और ज़िंदगी
धरती और आसमां की तरह
"मैं अभी और पढ़ना चाहती हूं"
शामो-सहर रोजो-शब आज और कल बदलते हैं
और बशर इस जहां में क्या रखा है
मानाके मौसम तेरे शहर का दिलकश और सुहाना है
शिद्दत और बढ जाती है उनके याद आने की
औरत,स्त्री... !
कोई येह तो बताए के हिंदुस्तान और भी है
कोई और काम आ गया है
*और फिर खुदा खुदा*
याद का नहीं है असर तो और क्या है
बरसात और ठंडी हवा
*मेहनत और मशक़्क़त की चलती है*
मतलब कोई और निकालता है
औरों को क्या पता होगा
वो कुछ और पढते हैं
बुलंदी पर बने रहना और बात है
खामोशी और तन्हाई 🥹
किसी और का नसीब क्या जानें
बरबाद और आबाद ❤️
ऊन के गोले और मां ककी सलाइयां
ऊन के गोले और मां की सलाइयां
अहसान मानिए हमारी फुरक़त और फ़ासलों का
किसी और के कब दीवाने हो गए
एक और साल गया
हैं औरभी मुख़्तलिफ जानवर-जात दुनिया के जंगल में हर किस्म के मग़र आदमजात के बदरंग किरदार का सूरत-ए-हाल ही और है
आदमजात के किरदार का सूरत-ए-हाल और है
एक और बरस हयात से चला गया
उसके हबीब की भी बातें सुनी
मेरे सिवा कौन चलता है तेरे साथ
सच और हक़ की सब बात करते हैं
नींद औरों की उड़ाकर
हिन्द हिन्दी और हिन्दुस्तान
बदल गए कल और आज
तुमजो चाहोतो फ़ासले और बढा लो
गैरों और बेगानों पर भी ऐतिबार किया
वफ़ा और यक़ीन एक ही खुदा में
खूबियाँ औरों की देख "बशर"
फ़ासले और दूरियां
"राहें और मंजिल"
अहसासात और जज़्बात यहाँ
और बात
और फिर वो भी सो जाते हैं
दिल में किसीकी जगह
मतलब की बात
तुम,से है,हमें मोहब्बत, ये बात और है
वसवसे और वहम में गुज़र गई
नादानी और अहम में गुज़र गई
उम्मीद और अपेक्षा
मैं और तुम 😍
बिछड़ते हैं फितरते-अना और सवाले नाक से
किसी और केलिए रोकर भी देखो
मुफ्त आमदानी और आय
सही सोच और सच्ची नीयत
और क्या बताएं
और कोई नहीं मेरा ही साया था
ख़्वाहिशों और हसरतों में रह गई कमियां
मिले भी नहीं और याद उन्हीं को किया
सुकून-ए-क़ल्ब को पा लेना
आज और कल बिगाड दिए
धर्म जात और परिवार की परवाह है
बड़प्पन और बात
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
वाह वाह और सिर्फ़ वाह वाह
नासमझी और नादानी से
ना डरा था और ना ही डरूंगा
बर्ताव और रवैय्या औलाद का
ना तो मुमकिन जुबाँ से कद -ए-औरत की सना होती है.
ख़ूबसूरत अनमोल और खास होते हैं वो लोग
तितली और कॉकरोच
औक़ात और गैरत का दर्जा क्या है
वक़्त भी बदलेगा और ये दिन-रात भी बदलेंगे
संघर्ष और सफ़लता का सफर
इत्तेफ़ाक और कहीं होता है
ख़ुश रहना बेहद आसान और सरल है
मुस्कुराना औरभी ज्यादा मुश्क़िल है
जीना बड़ा दुश्वार और नासाज़ कर दिया
लानत ओ ज़लालत है औलाद की शौहरत और अमीरी पे
सबब बेकली और बेचैनी का
भली अपनी सब्र और समाई
सोच और प्रवित्ति
दिलजलों की कानाफ़ूसी और सरगोशियां खा जाती है
किसी और दरगाह पर जा कर करें दुआ
मंज़िल भी दूर है और वक़्त बहोत कम
चौकस और होशियार
आदमी आवारा और मक्कार
तन्हा और दोस्तों संग वक़्त बिताने में फ़र्क होता है
थोड़ी दौलत और जुड़ जाए
आते हैं कैसे जाते है कैसे चांद सूरज और दिन-रात
सुकून और सब्र की डगर
दूसरे भी पसंद करने लगेंगे
इस जहाँसे आगे जहाँ औरभी है
जा ही रहा है उसे भूल जाइए और जाने दीजिए
कहीं और कुछ और हो जाएगा
सोच और कर्म से हासिल की जाती है
इन्सां ने अपनी ज़मीं और घर बदला है
बांटनेसे और बढेंगी मसर्रतें कम न बांटा करो
सब्र और शुक्र कीजिए
कहानी
फ़िक्र
रावण
बंधन
फर्क
सुरक्षा घेरा
कन्या पूजन( छटा और आखिरी भाग)
यह आजकल की छोरियां (दूसरा और आखिरी भाग)
सोनू और मिन्नी
कहानी औरत की
वो बुढ़िया और मैं
परी और टूटू की दोस्ती
लेखन और गुरु चेला संवाद
पाप और पुण्य
पाप और पुण्य
पाप और पुण्य
लक्ष्मी और दरिद्रता
विद्वान और विद्यावान
एक रोटी और ले लो
एक और इम्तिहान
एक और इम्तिहान
एक और भारतीय वीरांगना
और सूरज निकल आया
एक और साल...!
एक कप कॉफी और तुम
और सूरज निकल आया
एक कप काफी और तुम
रोटी और चंद सिक्के
औरत बनकर मन भर गया
चन्दर और सुधा
गरीबी और ठंड
पति पत्नी और खाना
स्टैटस- एक और लौकडाउन *
कैप्शन और कहानी
शिवा और उसका जादुई जाम्ब नगर
और भी हैं राहें 💐💐
एक और नवप्रभात
"युद्ध और औरत "
" एक कप कौफी और तुम"
बेटियाँ और नदियाँ
पिता और बेटा
कर्ण और दुर्योधन
रावण, परशुराम और सीता स्वयंवर
और वो एक कम्पनी का “COO” बन गया.
और रो पड़ी मां
मैं और वो लड़की ( भाग - 1 )
धैर्य और समर्पण की शिक्षा
लेख
मैंगो वनीला मस्तानी
झोपड़ी और महल
हिंदी और हम।
सृजन और विध्वंश
यह राष्ट्रविरोध नहीं तो और क्या है ?
आस्था और विश्वास : मानव चेतना के बँधक
भरोसे का बाज़ार
जल्दी का काम शैतान का
पतंग और हम
पतंग और हम
हमारे तीन अचूक अस्त्र -आस, प्रयास और विश्वास
अभाव और मुश्किल ने सदैव बेहतर कल का निर्माण किया है
नवरात्रि का महत्व और तैयारी
समस्या और समाधान
और प्रमाण मिल गया
शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए अपना आज और कल कुर्बान करते हैं
चीन और महाभारत
सागरपूजा और अन्य कहानियाँ
एक यात्रा, थोड़ा मनोजागरण और ढेर सारा मलाल
हास्य और व्यंग्य से जीवन को जीवंत बनाएं।
वर्षा ऋतु पर मेरे विचार और भावनाएँ
योग और योग दिवस पर मेरे विचार
हम सब भगवान शिव और देवी पार्वती की भक्ति करें
रोचक और लाभ दायक सफर
हमारी संवेदना और श्रद्धांजलि
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