कविताअन्य
***** सोच और प्रवित्ति *****-*
जैसी सोच रखेंगे हम , वैसा ही बन जायेंगे l
आज नहीं तो निश्चय कल करनी का फ़ल पायेंगे l
कर्म हमारे बनाने में सोच हमारी बुनियाद है l
दूरदर्शी विद्वान कह गये उनकी कथनी तो याद है l
कर्म प्रधान ये है तत्थ्य उजागर इसका मरम बहुत बतलाया l
सारे विद्द्वानो ने ही हमारी सोच को कर्म का आधार बतलाया l
अच्छी सोच कर्म अच्छे, तो जीवन शांत व सुखमय होगा l
नकारात्मकता दूर रहेगी जीवन मंगलमय होगा l
( आलोक मिश्र )