कवितालयबद्ध कविता
पिया बनी हुई इस बात को बोलो तुम कब बोलोगे
शहद अपनी बातों का बोलो तुम कब घोलोगे
पति बड़ा ही हैरान पूछे
प्रिये हुआ तुमको है क्या
जहर उगलती बीवी से तुम बन गयी कैसे दयावान
बीवी बोली आप इतने प्यारे हो रुक कैसे जाऊं
अब बताओ दिल की बात तुमको नही तो किसे बतलाऊँ।
पति को कुछ तो शक हुआ
ये बम कैसे फुस्स हुआ
तभी बीवी ने बाहें गले में डाली
जैसे ही चेहरे को करीब लाई
पति जोर से चिल्लाया
मुझे बताओ तुमने दारू की आदत कैसे लगाई।
पत्नी बोली दारू मैंने कब पी तुम क्या बकवास करते हो। तुमने बोला था इस बोतल में शहद है मैंने तो बस वही चखा है।
इतना सुनकर पति ने सिर पीट लिया।
इसी लिए बीवी ने उसको इतना प्रेम में घसीट लिया।
अब पति ने सोचा कि क्यों न मौके का फायदा उठाया जाए।बीवी नशे में है कुछ बातों को उगलवाया जाए।
बातों बातों में बीवी के पुराने यारों की पोल खुल गयी।
पति और पत्नी के बीच की बात बिगड़ गयी।
पत्नी सुबह सोकर उठी तो उसका सिर घूम रहा था।इस बार नशे में उसका पति बोल रहा था।
घर के बर्तन खड़क रहे थे पड़ोसी सुन रहे थे।
बच्चे बेचारे त्राहिमाम करके इधर उधर कोने चुन रहे थे।
इसलिये नेहा कहे कि इन बुरी आदतों को मुंह न लगाएं।
लत बुरी है यह इसे अपने परिवार से बचाये। - नेहा शर्मा