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जीना बड़ा दुश्वार और नासाज़ कर दिया - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जीना बड़ा दुश्वार और नासाज़ कर दिया

  • 7
  • 2 Min Read

मौला मेरे इक मुफ़लिस को क्यूं उम्रदराज़ कर दिया,
पीरी में इस ग़रीब को गैरों का मोहताज कर दिया!

करके इस क़दर लम्बी मिरी हयात-ए-मुस्त'आर को,
जीना इस को बड़ा दुश्वार और नासाज़ कर दिया!
© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

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