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सागरपूजा और अन्य कहानियाँ - Kamlesh Vajpeyi (Sahitya Arpan)

लेखसमीक्षा

सागरपूजा और अन्य कहानियाँ

  • 60
  • 24 Min Read

एक पाठकीय समीक्षा

' सागरपूजा और अन्य कहानियाँ ' (कहानी संग्रह)
लेखिका : आकांक्षा सिंह
प्रकाशक
अद्विक पब्लिकेशन
आई पी एक्सटेंशन
पटपड़गंज
दिल्ली - 110092
पुस्तक का मूल्य 160/- रूपये





' सागर-पूजा' और अन्य कहानियाँ ' ,आकांक्षा सिंह जी का प्रथम कहानी-संग्रह है..

वैसे उनकी अनेक रचनाएँ.. कहानियां, संस्मरण, कविताएं और लेख, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं.
' हिन्दी प्रतिलिपि ' पर भी उनकी कहानियां और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं..

वे बहुत सम्वेदनशील स्वभाव की हैं,यह उनके लेखन में, भलीभांति परिलक्षित होता है.

कहानी - संग्रह में कुल 17 कहानियां हैं, सभी बहुत सुन्दर और पठनीय हैं.. लेखिका ने पुस्तक अपने आदरणीय माता-पिता को समर्पित की है,जिन्होंने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया. परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग भी उन्हें मिला.

'' शुभाशीष के दो शब्द '' श्री सूरजप्रकाश जी ने लिखें हैं, वे पठनीय हैं और किसी भी नव-लेखक का मार्गप्रशस्त कर सकते हैं. .

पहली कहानी ' सागर-पूजा '

.. की पूजा, घर की दुलारी, इकलौती बेटी है..सबकी लाड़ली, सौम्य स्वभाव की, संस्कारों में पली - बढ़ी.. सभी को प्रिय, सबकी आज्ञाकारी.. अपने कर्तव्यों के प्रति भी पूर्ण रूप से समर्पित..

वह अपने मामा के यहां, प्रान्तीय प्रतियोगी परीक्षा देने जाती है. वहां रहने के दौरान उसकी, युवक सागर से भेंट होती है, जो उसी की तरह, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा होता है..वह उसकी तैयारी में भी, सभी प्रकार से सहायता करता है.. परीक्षाऐं भलीभांति सम्पन्न होती हैं. वाराणसी यात्रा के समय वे एक-दूसरे के और नज़दीक आ जाते हैं.
सागर विवाह प्रस्ताव भी रखता है. किन्तु पूजा के पिता ने पहले से ही उसका विवाह, अन्यत्र करने का निर्णय कर लिया है..वे पूजा का पक्ष भी नहीं सुनना चाहते..!
पूजा बहुत दुखी और आहत होती है. उसके प्रिय चाचा, पूरी बात जान कर, समझ कर, पूजा के पिता को राज़ी कर लेते हैं. दोनों का चयन और नियुक्ति भी हो जाती. विवाह सम्पन्न होता है..
अन्त कुछ दुखद है,पुलिस अधिकारी सागर, कर्तव्य पालन करते हुए, ड्यूटी पर शहीद हो जाता है.

' मित्र की मित्रता '
की स्नेहा, अपने सहपाठी राज की कक्षाओं में बढ़ती हुई अनुपस्थिति से चिंतित होती है. उससे कारण जान कर, अपने पिता के मित्र द्वारा उसकी समुचित सहायता करती है. जिससे उसके, गम्भीर रूप से बीमार भाई को आरोग्य मिलता है और राज अपना अध्ययन भी कर पाता है.. सच्ची, निस्वार्थ मित्रता का एक बहुत अच्छा उदाहरण है, यह कहानी.

' दिल टूटने न पाए '

.. में, विदेश में अच्छी नौकरी कर रहा सहज..वयोवृद्ध और रुग्ण, माता-पिता के लिए , अपने कर्तव्यबोध के प्रति भी पूर्ण सजग है और अपना, बड़ा प्राजेक्ट समाप्त होने पर, अपने गांव, वापस लौटना चाहता है. वहीं अपना प्राजेक्ट लगाने का निश्चय करता है, इसमें उसकी पत्नी, शिवि भी सहर्ष सम्मिलित होती है.

यह विदेश में रह रहे, बहुत से युवाओं के लिए, एक सन्देश है,जिनके माता-पिता, बढ़ती आयु में.. अकेले रहने के लिए मजबूर होते हैं.

'' घर में लूट '' एक ग्रहणी के साहस की कहानी है , जिसमें वह, घर में अचानक घुसे एक बदमाश का साहस से मुकाबला करती है, पड़ोसी महिला के सहयोग से, वह व्यक्ति भागने पर मजबूर हो जाता है.

'' अधूरे सपने की उड़ान ''

एक मर्मस्पर्शी रचना है. एक उदाहरण है कि कैसे एक बेटी, अपने अधूरे सपने को भूल कर , अपने को नये रोल में ढाल लेती है. बचपन की बालसुलभ चन्चलता.. गम्भीरता में बदल जाती है.. अब वह अपने भाई से भी, अधिकारपूर्वक न बोल कर. आने के लिए ' अनुरोध ' करती है.. किन्तु भाई अपनी ` तीक्ष्ण बुद्धि `बिट्टू का सपना पूरा करता है.

'' ज़िन्दगी के हिस्से ज़िन्दगी के किस्से ''

एक ख़ूबसूरत सी, मनोहारी रचना है.. ज़िन्दगी में कुछ ऐसे पल भी, कभी-कभी आ जाते हैं.. जिनकी यादें हमेशा, मन के अवचेतन में रहती हैं. .! उम्र के साथ भी शायद वे धूमिल नहीं होतीं..!!

'' वेश्या "
एक सुन्दर और मर्मस्पर्शी रचना है. बालिका को न्रत्य अच्छा लगता है, वह उस महिला (कथित वेश्या) के साथ न्रत्य करना चाहती है. लेकिन वह महिला मना कर देती है, छोटी सी बालिका का, आदर पूर्वक सम्बोधन

उसका ' आन्टी' कहना, उसे भावुक और आल्हादित कर देता है.. एक सुखद अनुभूति, देता है. बालिका को दिये हुए, असंख्य आशीर्वाद.. कालान्तर में उसे इतनी शक्ति देते हैं कि वह महिलाओं के इस वर्ग के लिए, कुछ करने में सक्षम होती है..

'' पार्लर वाली आंटी ''

अनन्या, विशेष रूप से पार्लर वाली आंटी से मिलने आती है. वे अपनी कर्मनिष्ठा से, अपने बेटे, बेटी का भविष्य संवार देती हैं. पति की उदासीनता और अत्याचार सहते हुए. भी . वे काम करती रही हैं.. अनन्या को यह जान कर सन्तोष होता है कि शीघ्र ही वे अपने बेटे बहू के पास, कैनेडा पहुंच जाएंगी..

'' डिसीजन '' एक ऐसी कहानी जहां.. मैरी, अपनी मित्र एना को स्पष्ट सलाह देती है जो उसे ठीक लगती है.. फिर भी उस पर थोपना नहीं चाहती. वह चाहती है कि मैरी अपने उत्तरदायित्व से न भागे.

'' बड़की बिटिया '' में रामदीन शिक्षा के महत्व को समझ कर ऋण ले कर भी अपनी बेटियों को शिक्षित करता है, वे भी उसे निराश नहीं करतीं. उसकी ' मझली बिटिया' कलेक्टर बन जाती है.
बुन्देली भाषा की भी एक करूण कहानी है '' शैलू ''

'' अपुन की दादी गीरी ''
एक रोचक रचना है.

सभी कहानियाँ, अच्छी और पठनीय हैं..
पुस्तक का मुद्रण भी अच्छा है.


कमलेश वाजपेयी

नोएडा
20-4-2023

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