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Sahitya Arpan Competition - शब्दचित्र मार्च 2021
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शब्दचित्र मार्च 2021

Competition Stats

  • #Entries 17

  • #Likes 19

  • Start Date 05-Mar-21

  • End Date 10-Mar-21

  • Competition Winners

    Writer Rank Certificate
    Meeta Joshi First Certificate
    Pallavi Rani Second Certificate
    Poonam Bagadia Third Certificate

    Competition Information/Details

    नमस्कार साहित्यिक स्वजनों

    आप सभी के समक्ष हम उपस्थित हैं, शब्दचित्र लेकर, मतलब तस्वीर भी है शब्द भी है। तो शब्द पढिए रचना गढ़िए। चित्र निहारिये, लिख डालिये, और भेज दीजिये हमें अंतिम तारीख से पहले।

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
    1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
    2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
    3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
    4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
    5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा... सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी

    कहानीलघुकथा

    माँ की ममता

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    ऑफिस पहुँच विपिन को माँ का भाग कर कोट लेकर आना रह-रहकर याद आ रहा था।माँ आज भी वही थी।वही प्यार वैसी ही चिंता।आज भी मेरी तकलीफ से उसकी आह निकल जाए।सालों बाद उसके साथ हूँ।वो इतने सालों में मेरे लिए
    Read More

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    Girish Upreti

    Girish Upreti 3 years ago

    माँ-बेटे के संवादों का चित्रण चलचित्र की भांति आँखों के आगे आ गया

    Seema Pande

    Seema Pande 3 years ago

    बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर। बहुत ही सच्चे भाव

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद शिवम जी🙏😊

    Bina Chaturvedi

    Bina Chaturvedi 3 years ago

    मार्मिक चित्रण

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद 🙏

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी..!

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद सर🙏आप comment करते है तो।लगता है कुछ अच्छा लिखा है।

    Bhavay Joshi

    Bhavay Joshi 3 years ago

    माँ के निश्चल प्रेम से भरपूर सच्ची कहानी👌

    Meeta Joshi3 years ago

    Thanku❤️

    Shivangi lohomi

    Shivangi lohomi 3 years ago

    Beautiful story ❤️❤️👍👍💕💯💯🙏

    Meeta Joshi3 years ago

    Thanks❤️

    Mukesh Joshi

    Mukesh Joshi 3 years ago

    माँ की भावनाओं का भावुक चित्रण।बहुत खूब।

    Meeta Joshi3 years ago

    शुक्रिया

    कहानीसंस्मरण

    मां की स्मृतियाँ

    • Edited 3 years ago
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    मां की स्मृतियाँ
    माँ के नाम मात्र से असंख्य स्मृतियाँ साकार हो जाती हैं. अपने से बड़ों का हमेशा आदर करना सिखाने वाली, कहानियाँ सुनाने वाली, भूत से डर भगाने वाली, जबरदस्ती, मिन्नत करके सिर में तेल
    Read More

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    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    ये तो सच है सर मां के साथ बीते पल बेहद खूबसूरत और सुखदायक थे..उनके बाद उनके साथ के लिए ह्रदय रो उठता है..!🙏🏻

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जी. पूनम..!

    Amrita Pandey

    Amrita Pandey 3 years ago

    माता-पिता की मधुर स्मृतियां सदा साथ रहती हैं।सच, कभी कभी अपनी नासमझी पर रुला भी देतीं है।

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अम्रता जी..! धन्यवाद 🙏

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    निःशब्द कर दिया

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    🙏🙏

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत ही जीवन्त संस्मरण.....👌👌👌

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जी. धन्यवाद

    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    संस्मरण बहुत सुंदरता से लिखते हैं आप🙏💐

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जी..! धन्यवाद!

    Mukesh Joshi

    Mukesh Joshi 3 years ago

    सुंदर स्मृति।वाजपेयी जी

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जी.. आभार..!

    कवितालयबद्ध कविता

    माँ

    • Edited 3 years ago
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    तुम्हारी याद दिल से जाती नहीं
    माँ अब तुम नजर कहीं आती नहीं
    सूना है आँगन घर का और मेरे मन का
    तुम्हारी चूड़ियाँ अब कहीं खनखनाती नहीं.....

    याद आता है तेरे आँचल में छिप जाना
    याद आता है तेरे हाथों का खाना
    बचपन
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    कहानीलघुकथा

    मां शब्द की महिमा

    • Edited 3 years ago
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    जब एक नादां दिल ने बुजुर्ग दिल से पूछा कि एक मां का दर्ज़ा इतना ऊंचा क्यों होता है, तो उस बुजुर्ग दिल ने वक्त का पहिया थामकर अपनी गति को रोक लिया और अतीत के धड़कनों में से कुछ धड़कनों को जिंदा करके , उस
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    निःशब्द कर दिया

    शिवम राव मणि3 years ago

    शुक्रिया सर

    कवितालयबद्ध कविता

    माँ की एक अलग दुनिया हुआ करती है।

    • Edited 3 years ago
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    माँ - मेरी ख्वाहिशें पूरा करती है,
    सुबह वो बोझ लिए सबसे पहले उठती है....
    बिना किसी शिकायत के काम वो हफ़्ते-महीने करती है..
    सुकून में भी वो सबके बारे में सोचती है...
    माँ ....मां की एक अलग दुनिया हुआ करती है...

    जहाँ
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Gaurav Shukla3 years ago

    आभार😊

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    अतिसुन्दर.... रचना।

    Gaurav Shukla3 years ago

    शुक्रिया

    लेखआलेख

    विश्व महिला दिवस के बहाने

    • Edited 3 years ago
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    विश्व महिला दिवस के बहाने
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
    आज विश्व महिला दिवस है | किसी दिन विश्व पुरूष दिवस भी मनाया जाता है | लेकिन क्या है ऐसे दिवस के मायने मुझे यह आजतक समझ में नहीं आया | क्या ऐसे दिवस मनाने से
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    सही.....

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कविताघनाक्षरी

    माँ और ममता *

    • Edited 3 years ago
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    माँ और ममता
    **************
    ये माँ भी ना, जाने किस मिट्टी की बनी होती हैं ।
    असह्य वेदना सहकर सृजन का संसार गढ़ती हैं ।।
    🙏
    दिल के टुकड़े को अंक लगाये,
    गिले बिस्तर पे भी खुशी से सोती हैं
    ये माएँ भी ना,जाने किस
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    कहानीप्रेरणादायक

    मां की हँसी

    • Edited 3 years ago
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    मां मुझे बचा लो ! मैं अभी मरना नहीं चाहता।मै आपका अच्छा बेटा हू ना मां। अठारह वर्ष का संजीत अस्पताल में अपनी मां से लगातार बोले जा रहा था।
    मां बस बेबसी से बेटे को देखे जा रही थी।
    दो बहनो का इकलौता
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    कवितालयबद्ध कविता

    नारी तू ही शक्ति है

    • Edited 3 years ago
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    शीर्षक - नारी तू वो शक्ति है



    नारी तू वो शक्ति है
    जो देश भी बदल सकती है
    तू ही समाज के किसी भी क्षेत्र को
    पुरुषों से बेहतर संभाल सकती है
    तू ही परिवार और देश की आर्थिक स्थिति का प्रबंधन सक्षम
    ढंग से कर
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    कविताअन्य

    "काश मिले फिर तेरे आँचल का कोना"

    • Edited 3 years ago
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    (मम्मी के जाने के बाद जब पहली बार उनके बिना ननिहाल गई ...)

    शीर्षक: "काश मिले फिर तेरे आँचल का कोना"

    यादों के आँचल में छिपी
    माँ तेरी ममता की गरमाई

    काश मिले तेरे आँचल का कोना
    तेरी खुशबू फिर मुझसे टकराई

    आज
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    Mohammad Afroz

    Mohammad Afroz 3 years ago

    बहुत मार्मिक 🙏🏻

    Poonam Bagadia3 years ago

    🙏🏻🙏🏻

    Nidhi Gharti Bhandari

    Nidhi Gharti Bhandari 3 years ago

    बहुत भावुक और मर्मस्पर्शी लिखा

    Poonam Bagadia3 years ago

    धन्यवाद...🙏🏻

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..!!

    Poonam Bagadia3 years ago

    हार्दिक आभार सर...!🙏🏻

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना पूनम दिल छू लिया

    Poonam Bagadia3 years ago

    शुक्रिया...🙏🏻🌹

    कवितालयबद्ध कविता

    मां तू है ममतामयी

    • Edited 3 years ago
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    8 मार्च , महिला दिवस

    मां की अनुभूति
    ==============
    मां तू रुह आधारी
    हमें हो जीवन देती
    पालन करती पोषण देती
    वात्सल्य से जग भर देती

    लाड प्यार को रहती तत्पर
    खिलाने को स्मित आतुर
    तु हाथ पकड़े चलती डोर

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    कविताअतुकांत कविता

    मां

    • Edited 3 years ago
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    "माँ"
    सृष्टि की जन्मदाता हूँ मैं
    फिर भी लेष मात्र नहीं मुझमें 'मैं'
    नौ महीने उदर में रखती हूँ मैं
    अपार दर्द सह इस जग में लाती हूँ मैं
    आँचल में छिपा क्षुधा मिटाती हूँ मै
    फिर भी लेष मात्र नहीं मुझमें
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    कहानीप्रेरणादायक

    लाँग कोट

    • Edited 3 years ago
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    # शब्दचित्र मार्च २०२१
    प्रतियोगिता

    *लाँग कोट*

    ममता ब्याह के पाँच वर्ष पश्चात भी माँ नहीं बन पाई। जहाँ भी जाती बाँझ का लाँछन पीछा नहीं छोड़ता। आख़िर एक अनाथ बच्चे को गोद लेकर उत्सव नाम दे दिया। ममता
    Read More

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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    सुन्दर रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    Basudeo Agarwal

    Basudeo Agarwal "Naman" 3 years ago

    सुंदर

    कविताअतुकांत कविता

    माँ की ममता

    • Edited 3 years ago
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    #माँ
    जीवन पथपर प्रतिपल माँ की छाया चलती है...
    सूक्ष्म से भ्रूण को जो है करती,अपने रक्त से सींचित.
    डाल अपने प्राणों को जीवन -मृत्यु के बीच
    देती जन्म शिशु को, और कहती हुआ पूर्ण जीवन मेरा
    किन शब्दों में
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर स्रजन..!

    Yasmeen 18773 years ago

    आभार एवं धन्यवाद

    Varinderpal kaur babli

    Varinderpal kaur babli 3 years ago

    Wah

    Yasmeen 18773 years ago

    जी शुक्रिया🙏

    कविताअतुकांत कविता

    शुक्रिया माँ

    • Edited 3 years ago
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    माँ!
    शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
    ईश्वर का
    ईश्वर स्वयं न आ सके हमारी मदद के लिए
    इसलिए ईश्वर ने
    आपको भेजा हमारी मदद के लिए
    हम पुत्रों का ख़्याल रखने के लिए
    हमारी ख़ुशियों की परवाह करने के लिए।।

    माँ!
    शुक्रिया
    Read More

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    कहानीलघुकथा

    सौतेली माँ

    • Edited 3 years ago
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    सौतेली मां ****
    **********
    आज मीरा अपने आंसूओ को बार बार साड़ी के पल्लू से पोंछ रही थी । आज उसकी दोनों बेटियाँ एक साथ विदा हो रही थी हां वही बेटियाँ जिनको सब परिवार वालों ने उससे अलग करना चाहा था क्योंकि बह
    Read More

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    कविताअतुकांत कविता

    बिटिया कहे

    • Edited 3 years ago
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    बिटिया कहे

    देखा है हमने!
    बचपन से ही जोड़ने लग जाता है हर पिता,
    संदूकची में क‌ई सारी पास बुक!
    और जोड़ता हैं उसमें ढेरों उम्मीद--
    खुद की ख्वाईशों पर पैबंद लगा !!
    आखिर क्यूं डरता तू ??

    देखा है हमने!
    अक्सर
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आपने प्रतियोगिता गलत मेंशन कर दी है।

    नेहा शर्मा3 years ago

    एकता जी आपके प्रोफाइल में जाकर एडिट करके इसे सही वाली प्रतियोगिता में attach करना था।

    Ekta Kochar3 years ago

    Hello neha ji please suggest how can i change because mail id se b mera connect nh ho rha tha mene facebook se kiya fir

    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    वाह!