Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan Competition - सा रे गा मा (अंत का आरंभ) भाग -1
uploads/competition_images/12/-रे-गा-मा-(अंत-का-आरंभ)-भाग--1_1613368580.jpeg


सा रे गा मा (अंत का आरंभ) भाग -1

Competition Stats

  • #Entries 30

  • #Likes 14

  • Start Date 15-Feb-21

  • End Date 21-Feb-21

  • Competition Information/Details

    आज फिर नीरव रात की खामोशी में अपने कमरे में बैठा अपनी अधूरी कहानी को पूरा करने की कोशिश कर रहा था पर उसका अंत उसे सूझ ही नही रहा था काफी जद्दोजहद के बाद वो अपनी डायरी बंद करके अपने बेड पर पसर गया पर दिमाग मे कहानी के अंत की सोच थी कि बार बार समुद्र में आये तूफानी लहरों की भांति हिलोरे ले रहे थे।

    अपनी कहानी के अंत की खोज में वो अपने भूत में पहुँच गया था जहाँ से इस कहानी की कलियां फूटने की शुरुआत हुई थी...
    वो जैसे खुद से ही बातें करने लगा..!

    बात दो साल पहले की है जब अचानक से काम के सिलसिले में अपने परिवार से दूर मुझे जयपुर आना पड़ा था
    दिन भरके काम की थकान से चूर जब मैं अपने गेस्टहाउस पहुँचता तब मानो गेस्ट हाउस की खामोश दरों दीवार मुझे खाने को आती थी मुझ नीरव के मन की नीरवता उस समय और गहरा जाती जब घर से फोन तो आता पर किसी कारण वश बात नही हो पाती
    उस दिन भी कुछ ऐसा ही था घर से आया फोन खराब नेटवर्किंग के कारण खुद ही डिसकनेक्ट होगया था मेरे बार बार कॉल करने पर भी जब फोन नही लगा तो एक गहरी उदासी को अपने जेहन में लपेट कर मैं खिड़की के पास खड़ा हो दूर आसमान के उड़ते पछियों से खुद की तुलना करने लगा।
    शाम होते ही कैसे ये सभी अपने अपने आशियाने की ओर अग्रसर थे। एक मैं ही हूँ जो अपने आशियाने से दूर था विचारों की उधेड़बुन अपना कोई संचा तैयार कर पाता उससे पहले ही मेरे मोबाइल की रिंगटोन बज गई।
    आवाज सुन कर चेहरे पर अत्यंत ओजस्वी मुस्कान मेरे होठों के किनारे धरना दे कर बैठ गई।
    मैंने तुरन्त भाग कर मोबाइल उठाया।
    माँ और बच्चों की आवाज़ सुनने को मैं बेचैन था
    "हैलो....
    वहाँ से एक मखमली अपरिचित आवाज कानो में शहद घोलने लगी।
    कौन...?
    मैने दिमाग पर जोर देते हुये पूछा।
    मैं गूँजन...!
    नाम बताने के बाद उसने जो बातों की झड़ी लगाई तो ये जानने की भी कोशिश न कि के उससे बातें करने वाला हैं कौन.!
    उसकी सारी बातें मेरे सर से ऊपर जा रही थी फिर भी मैं उसकी रस भरी आवाज़ में मैं खोने लगा था

    अब तू भी कुछ बोलेगा या मैं ही बोलती रहूँगी..!
    वो बोल कर चुप हुई।
    जी... मैं क्या बोलूँ..!
    कौन बोल रहा है?
    जी.. मैं नीरव..!
    नीरव कौन..? मुझे तो दीप से बात करनी थी
    लगता हैं देवी जी आपने गलत नम्बर मिला दिया है..!
    मैं एक छोटी से हँसी के साथ बोला
    मेरी हँसी जैसे आग में घी का काम कर गई
    रॉन्ग नम्बर था तो तुम बोल नही सकते थे ?
    कह कर एक लम्बी चौड़ी डाट लगा कर फोन काट दिया।
    मुझे समझ नही आया इसमे मेरी गलती कहाँ थी।
    पर आज अकेले पन का एहसास नही हो रहा थ मीठी सी बोली में मैने खुद को उसमें डूबते महसूस किया।
    उसकी आवाज़ रह रह कर कानो में गूँज रही थी
    दिल तो चाह रहा था एक बार फिर उससे बात हो पर हिम्मत नही हुई ऐसे किसी अंजान लड़की को फोन करने की।
    दूसरे दिन सुबह मैं ऑफिस के लिए निकल ही रहा था कि उसका कॉल आ गया
    हैल्लो.. नीरव जी..!
    उसकी मधुर आवाज में अपना नाम सुन मैं जन्नत पहुँच गया।
    मैं खुद को संभालते हुए बोला
    जी..बोलिये..!
    माफ कीजियेगा कल गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल दिया जबकि गलती मेरी ही थी..!
    उसने बहुत ही शालीनता के साथ माफी माँगी
    बस यही से मेरे जीवन की एक नई शुरुआत हो गई।
    धीरे धीरे हम दोनों में बातें होने लगी और अब आँख उसकी गुड मॉर्निंग से खुलती तो रात उसकी बेवजह की बातों से, बातें करती सोती थी।
    कुछ ही दिनों में हम दो अजनबी एक दूजे की जिंदगी का हिस्सा बन गये थे।
    जी हाँ मुझे उसकी बातों से प्यार होने लगा था इस प्रेम-तरंग की तरंगें भी उसकी चुलबुली बातों से ही दिल मे उठने लगी थी....

    क्रमश:

    नीरव उस अंजनी अनदेखी लड़की गूँजन के प्रेम-पाश में बंधने लगा था अब वो उसकी चुलबुले अंदाज़ को उसकी खूबसूरती सँग बांध कर उसे अपने सपनो में सजाने लगा..! बस इसी परिस्थिति पर आपको गीत लिखना है।

    कहानीकार
    पूनम बागड़िया "पुनीत"

    कवितागीत

    Ajnabi Si Dastak

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    अजनबी सी दस्तक
    ---------------------------------

    अजनबी सी दस्तक ने सपने जगा दिए
    अनजाने एहसास दिल में समा गए

    Read More

    ajnabi-si-dastak_1613934427.jpg
    user-image
    Gaurav Shukla

    Gaurav Shukla 3 years ago

    बेहतरीन

    Varinderpal kaur babli3 years ago

    shukriya

    कवितागीत

    कशिश

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    कशिश
    *--*--*
    सन्नाटे के कोलाहल में इक,
    आवाज़ चहकती वो।
    झंकृत करके तनमन मेरा,
    पायल प्रेम खनकती वो।
    आयी थी जिस पल जीवन,
    में नीरवता अवसान लिए।
    शुष्क हृदय में बारिश बन कर,
    प्रणय बेल पनपती वो।
    भूल न पाया अब
    Read More

    20210221_110400_1613909486.jpg
    user-image
    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    अच्छी रचना है , बिल्कुल कहानी के अनुरूप ।

    Shashi Ranjana3 years ago

    हार्दिक आभार सरिता जी🙏🙏

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Shashi Ranjana3 years ago

    हार्दिक आभार ऋतु जी🙏🙏

    कवितागीत

    प्रणय मिलन

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    सा रे गा मा ( अंत का आरंभ)भाग-१
    दिनांक--२१/०२/२०२१
    विधा--गीत
    विषय--- प्रेमी का इंतज़ार

    ख्वाबों में आकर वो मुझको, यूँ सताने लगी है।
    सारी- सारी रैना अब तो , वो जगाने लगी है।

    छा रहा नशा मुझपर उसकी, प्यार
    Read More

    inbound8526128130479002725_1613899884.jpg
    user-image
    Rajesh Kr. verma Mridul

    Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

    सुंदर प्रस्तुति।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Dipti Sharma3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    गरीबी और परायापन

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    गरीबी और परायापन
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    कौन बात करता है आजकल गरीब जानकर |
    लोग अपना मुँह फेर लेते हैं उसे बदनसीब मानकर |
    सबको डराती है यह गरीबी ,रूलाती है यह गरीबी |
    दूर हो जाते हैं अपने भी ,कोई रह न जाता करीबी
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    कविताअतुकांत कविता

    गरीबी की मार

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    गरीबी की मार
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
    तोड़ जाती है तुम्हारा विश्वास ,तोड़ जाती है हौसला |
    गरीबी उजाड़ जाती है ,बना बनाया घोंसला |
    अपने पराए हो जाते हैं जैसे साँप और नेवला
    हर कोई करने लगता है तुम्हारी जिंदगी का
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    लेखआलेख

    लोकतंत्र में व्यक्ति कहाँ है ?

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    लोकतंत्र में व्यक्ति कहाँ है ?
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
    क्या यह व्यवस्था व्यक्ति की गरिमा को सुनिश्चित कर पा रही है ? मेरा उत्तर है नहीं | हम अभी भी तर्क नहीं ताकत की भाषा समझते हैं | तमाम तर्कों को ताकत
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    कविताअतुकांत कविता

    अंजान पथ

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    अंजान पथ
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
    हम बुरे हैं ,
    हम बेसुरे हैं |
    क्योंकि हम अधूरे हैं|
    पूर्णता की आस में
    हम कहाँ कहाँ नहीं भटकते|
    कभी गलत कभी सही जगह
    कदम रखते
    अक्सर हमें पता नहीं होता
    पथ की रेखा
    चले जाते हैं
    वहाँ
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कवितागीत

    अंकुरण

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    *अंकुरण*
    मैंने अंकुरण किया ......
    अपने जज्बातों का,

    बीजो को रोपा उसमें ......
    उल्लासित जीवन के लिए,

    सपने सजाए हजार हमने
    सपने साकार किए हमने

    मिट्टी में दबा कर बैठे
    रहे नित नई आस लगाकर...

    अंकुरन होगा....
    आज
    Read More

    16138173367841693652078409347504_1613817453.jpg
    user-image
    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अच्छी रचना..!

    Ritu Garg3 years ago

    जी धन्यवाद

    SHRUTI GARG

    SHRUTI GARG 3 years ago

    Wakai mein sahraniya hai

    Ritu Garg3 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद जी

    SHRUTI GARG

    SHRUTI GARG 3 years ago

    😍😍😍😍😍

    SHRUTI GARG

    SHRUTI GARG 3 years ago

    Bohot badiya 🎉🎉

    Shashi Ranjana

    Shashi Ranjana 3 years ago

    खूबसूरत रचना।

    Ritu Garg3 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद जी

    dimple goyal

    dimple goyal 3 years ago

    Bahut Achi Kavita Aapne likhi hai babhi Shree. Hume aap per proud hai.

    Ritu Garg3 years ago

    धन्यवाद जी

    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    नवनीत का अर्थ मक्खन होता है शायद। पहले मैंने इस्तेमाल किया है फिर हमने । रचना के भाव अच्छे हैं , थोड़ी वर्तनी गत सुधार की आवश्यकता है आदरणीया ।

    नेहा शर्मा3 years ago

    सरिता जी मुझे आपका यूं निष्पक्ष होकर समझाना बहुत बहुत अच्छा लगा। आपका यह प्रेम सभी पर बनाये रखिएगा।

    Ritu Garg3 years ago

    जी अवश्य

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    ज़ी धन्यवाद

    Sarita Gupta3 years ago

    जी मैम धन्यवाद ।

    कवितालयबद्ध कविता

    शायद ज़िन्दगी होना था...!

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    डायरी के पन्नों में सिमट न सका मेरा प्यार,
    अनकहे किस्से का अंत नहीं होना था...
    सोचते
    सोचते जब गिरा तुम्हारी यादों के छाँव में,
    तो मुझे ऐसे ही ख़ामोखा नहीं सोना था...
    मुझे करना था सफ़र उस हमसफ़र के यादों
    Read More

    IMG_20210220_132615_1613807976.jpg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    Bahut khoob

    Gaurav Shukla3 years ago

    आभार आपका❤️

    Varinderpal kaur babli

    Varinderpal kaur babli 3 years ago

    Wah wah

    Gaurav Shukla3 years ago

    शुक्रिया❤️

    Shashi Ranjana

    Shashi Ranjana 3 years ago

    सुंदर रचना।

    Gaurav Shukla3 years ago

    शुक्रिया🙏

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    क्या ख़ूब

    Gaurav Shukla3 years ago

    आभार मैंम

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Gaurav Shukla3 years ago

    शुक्रिया मैंम

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Gaurav Shukla3 years ago

    शुक्रिया मैंम

    कविताअतुकांत कविता

    गाँव ! तुम्हारी बहुत याद आती है

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    गाँव ! तुम्हारी बड़ी याद आती है
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    गाँव बहुत शिकायत है तुझसे
    पर बहुत याद आती है तुम्हारी
    शहर की इन सड़कों पर ,अभी भी तेरी गलियाँ हैं भारी |
    कुछ हैं वजह जिससे तेरे यहाँ
    जीना दुस्वार
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    कविताअतुकांत कविता

    बदलते शक्ल

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    बदलते शक्ल
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    हम दर्पण लेकर आए थे |
    उन्होंने आईना दिखा दिया |
    उनकी तस्वीर देखना चाहता था
    उन्होंने मेरी शक्ल समझा दिया |
    बड़े अरमान थे उनके रूप उकेरने की
    उन्होंने मेरी शक्ल ही उकेर दी |
    जैसे
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत अच्छा

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कविताअतुकांत कविता

    कुछ उल्टा सीधा

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    कुछ उल्टा सीधा
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    कहना था थोड़ा,मैं ज्यादा ही कह गया |
    न जाने कैसे कब किस धारा में बह गया |
    सुनकर हम भौंचक्के रह गए |
    हम जो सुन न पाए वो वह कह गए |
    प्यार का अतिरेक था ,या चाहत का भँवर
    हम ड़ूबने
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    व्हा बहुत खूब

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कविताअतुकांत कविता

    गाँव ! तुम्हारी बहुत याद आती है

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    गाँव ! तुम्हारी बड़ी याद आती है
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    गाँव बहुत शिकायत है तुझसे
    पर बहुत याद आती है तुम्हारी
    शहर की इन सड़कों पर ,अभी भी तेरी गलियाँ हैं भारी |
    कुछ हैं वजह जिससे तेरे यहाँ
    जीना दुस्वार
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    कवितागजल

    सावन की बूंदे

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    सावन की बूंदों ने ऐसा जादू ढाया है
    मेरे मन में हसरतों को फिर से जगाया है
    चलो डूब जाए प्यार के सागर में
    रिम झिम बरखा ने गीत गाया है
    सावन की .....

    कोमल सा ये मन,सुनके बिरहा की धुन
    हो गया व्याकुल, देख सावन
    Read More

    1613729530.jpg
    user-image

    कविताअतुकांत कविता

    जिंदगी ! तुझे पढ़ न पाया

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    जिंदगी ! तुझे पढ़ न पाया
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    तूने जिंदगी को लिखा
    मैं जिंदगी को पढ़ न पाया
    डूबता उतराता ही रह गया
    सागर की इन लहरों में
    ऊपर आकाश था
    पर मैं न चढ़ पाया |
    समझ न पाया इसकी भाषा
    शायद बड़ी थी
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत अच्छा

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कविताअतुकांत कविता

    कामदेव राज

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    कामदेव राज
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    भारत हो अमेरिका
    हर जगह कामदेव का राज एक सा |
    लक्ष्मी हर जगह दिखती हावी |
    शिवजी में हर किसी को आज
    फिर से दिखने लगी है खराबी
    सरस्वती के नाम पर
    चलता रंग गुलाबी |
    न जाने कामदेव ने
    Read More

    logo.jpeg
    user-image

    कवितागीत

    ओ सनम मेरे सनम

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    ओ सनम मेरे सनम.....
    ये क्या हुआ कैसे हुआ
    जाने न मन.........
    कैसी हैं बेताबियाँ, सुन रहा
    अब तरफ़ तेरी ही आवाज़ मन.....
    धड़कनों को आ रही तेरी सदा
    लगता है जैसे हो तुझसे रिश्ता
    जनम-जनम का सनम.....
    ये क्या हुआ कैसे हुआ
    जाने
    Read More

    inbound5236491403590288482_1613676473.jpg
    user-image
    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    नायक के मन के भाव । बढ़िया ।

    Yasmeen 18773 years ago

    Ji shukriya

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    वाह

    Yasmeen 18773 years ago

    जी शुक्रिया

    Yasmeen 1877

    Yasmeen 1877 3 years ago

    Thanku 🌹

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    व्हा बहुत खूब

    Yasmeen 18773 years ago

    Thnx 🌹

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Yasmeen 18773 years ago

    जी शुक्रिया 🌹

    कविताअतुकांत कविता

    मन के आईने में

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    मन के आईने में
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    क्यों किसी के पैरों के आहट से ही
    दिल धड़क जाता है |
    रगों में लहु तेज दौड़ जाता है |
    अजीब सी झनझनाहट होती है
    जैसे लगता है कोई बिजली सी
    कौंध गयी सारे जहन में |
    कुछ अनकहे से अल्फाज
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद !

    कविताअतुकांत कविता

    प्यार का मर्म

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    प्यार का मर्म
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    प्यार जाना है मैंने ये कैसे कहूँ |
    प्यार का कायदा न अबतक आया मुझे |
    ऐसा नहीं कि मैंने की वेवफाई
    पर वादा निभाना न आया मुझे |
    वे वादे भी करते हैं ,कसमें भी खाते हैं |
    प्यार जताने
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    व्हा व्हा

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद !

    कविताअतुकांत कविता

    प्यार का मर्म

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    प्यार का मर्म
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    प्यार जाना है मैंने ये कैसे कहूँ |
    प्यार का कायदा न अबतक आया मुझे |
    ऐसा नहीं कि मैंने की वेवफाई
    पर वादा निभाना न आया मुझे |
    वे वादे भी करते हैं ,कसमें भी खाते हैं |
    प्यार जताने
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत समय बाद आपकी रचना देखकर अच्छा लगा आदरणीय। 🙏🏻

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    धन्यवाद आदरणीया | आपने ही तो इस मंच पर लाया है |

    कवितागीत

    वो लड़की*

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    वो लड़की
    ❤❤❤❤❤
    वो लड़की अल्हड़ अनजानी सी,
    छू गयी हृदय के तार सभी ।

    उसकी भोली सी बातें सुनकर ,
    मन भाव विभोर मुस्काता है ।
    दिन डूबा कब साँझ ढली अब
    दिल कुछ भी समझ ना पाता है।

    कानों में घुली मिसरी की
    Read More

    FB_IMG_1559477898427_1613589795.jpg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    क्या बात बहुत सुंदर

    Pallavi Rani3 years ago

    धन्यवाद आदरणीया

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत प्यार भरी रचना है आपकी, बहुत बढ़िया चित्र का चयन भी बखूबी किया..! ऐसे ही लिखते रहे शुभकामनाएं..!💐

    Pallavi Rani3 years ago

    आत्मीय आभार आदरणीया

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूबसूरत यह तस्वीर मानो जीवित कर रही है रचना को। बहुत प्यारा सा लिखा है आपने

    Pallavi Rani3 years ago

    हार्दिक आभार आदरणीया

    कवितागीत

    प्रणय मिलन की आकांक्षा

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    आयोजन:- सा रे गा मा (अंत का आरंभ)
    विषय :- प्रणय मिलन की आकांक्षा
    विधा:- गीत
    =====================================
    【रचना】

    प्रीत तेरा मंत्र जैसा, स्वास मे ही धारता हूँ।
    बिन तुम्हारे कुछ नहीं मैं, बात यह स्वीकारता हूँ।।

    आ प्रिये
    Read More

    PicsArt_02-17-08.02.04_1613572526.png
    user-image
    रकमिश सुल्तानपुरी

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार आदरणीय श्री

    Pallavi Rani

    Pallavi Rani 3 years ago

    बहुत ही खूबसूरत शब्द संयोजन आदरणीय 🙏

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    शानदार शब्दों का चयन.. बेहतरीन कल संयोजन... और विषय पर सटीक बैठती रचना... बहुत खूब... आप सतत् ऐसे ही खूबसूरत सृजन करते रहे आदरणीय.. एवं मंच पर अपनी रचना प्रेषित करते रहे.. बहुत बधाई

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सादर अभिवादन सहित नमन

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    वाह... माँ हिन्दी की आप पर विशेष कृपा है..

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सादर अभिवादन सहित नमन

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    Its wonderful बहुत ही सुंदर रचना 👌🏻

    Arvina Gahlot

    Arvina Gahlot 3 years ago

    बहुत खूब

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सादर अभिवादन सहित नमन

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत खूबसूरत..👌

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार आदरणीया

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सहृदय आभार

    कवितागीत

    फोन ऐ मोहब्बत

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    शीर्षक-फोन ए मोहब्बत

    इक अंजानी मोहतरमा से
    फोन पर बात हो गई
    बोली सुनकर दिल ने कहा
    ख्वाबों की मल्लिका मिल गई
    इक चुलबुली नाज़नी से
    दिल की डोर बंध गई
    चंचल और शोख हसीना से
    अनदेखी चाहत हो गई

    खनकती सी
    Read More

    Screenshot_20210217-182555_Google_1613567161.jpg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    Sapna Vyas3 years ago

    धन्यवाद रितुजी

    Sapna Vyas

    Sapna Vyas 3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी 🥰🙏

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब सपना जी

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    वाह सपना जी .. फोनिक मुलाकातें...👌👌👌

    Sapna Vyas3 years ago

    शुक्रिया पूनम जी🙏🥰

    कवितागीत

    मधुर मिलन

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    ना जाने किसकी तलाश थी
    किससे बातें करता था तनहाई में
    दफ्न हो गयीं थीं खुशियां सारी
      मानो सागर की गहराई में,
    ना दिन को सुकून था, ना रात में चैन
    उदास- उदास  से दिन थे,
    तन्हा तन्हा रातें,
    अपने ही खयालों
    Read More

    1613543782.jpg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत ही खूबसूरत मेम..!👌👌

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना आदरणीया

    कवितालयबद्ध कविता

    तेरा आना

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    यादो के झरोखे में , सुन्दर सा अहसास जगा
    बातों ने रस घोल दिया शब्द शब्द मधुमास लगा
    मैं आवारा बंजारा पतझड़ का राही हूं
    यादो में तेरा आना कभी शाम लगा कभी रात लगा।
    तू चंचला नयनों की शहद तेरी बोली लगती
    Read More

    20210217_065033_1613524920.jpg
    user-image
    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    सुंदर अभिव्यक्ति

    Bandana Singh3 years ago

    आभार आपका

    कवितालयबद्ध कविता, अन्य

    मोहब्बत

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    कभी गलती भी खूबसूरत हो जाती है
    किसी की बातें भी दिल में उतर जाती हैं
    एक बार जो घुली शहद सी हसी कानों में
    उसी चासनी से ज़िन्दगी मीठी हो जाती है

    यूं ही जो बैठा था खामोश ,
    लिये उथल पुथल समन्द्र
    Read More

    1613501855.jpg
    user-image
    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    अच्छी कोशिश..👌

    कवितालयबद्ध कविता

    आह्वान

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    मैं स्मृतियों में खोया था
    तुम चाहत बन कर आई
    सूखे तपते जीवन में
    बदली सी बन कर छाई

    ध्वनि तरंग तुम्हारी यंत्रों से
    कानों में अमृत सा घोलें
    ज्यों छूट रहा तन बन्धन से
    यों मन के पहलू को छू लें

    प्रारंभ
    Read More

    1613484570.jpg
    user-image
    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    अरे वाह, आपने बिल्कुल नायक के मन के भाव लिख दिए । लाजवाब रचना ।

    Ritu Garg

    Ritu Garg 3 years ago

    बढ़िया है जी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अच्छी रचना

    Alok Singh

    Alok Singh 3 years ago

    Wah.....lajawab

    कवितागीत

    मीठी मीठी बातें

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    मीठी-मीठी बातें

    तेरी मीठी मीठी बातों से
    दिल को चेन आ गया

    मखमली आवाज जो सुनु
    धक धक धक जियरा बोले
    नयन बांवरे तुझको ढूंढे

    तेरी मीठी मीठी बातों से
    दिल को चेन आ गया

    डायल जो घुमाऊँ तेरा नंबर
    लग जाय
    Read More

    IMG_20190131_124724_1613471936.jpg
    user-image
    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत बढ़िया....

    Arvina Gahlot3 years ago

    हार्दिक आभार 🙏

    कवितालयबद्ध कविता, अन्य

    ज़जबात

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    हुसन  तुम्हारी  बहती  धारा ,
    मैं  लहरों  का  एक भवंर 
    कैसे  कैसे  तड़पाओगी ,
    हौले  हौले  रोज  संवर 
    पिघल  कभी  तू  बाहों  में  , 
    होठों  पर  तू  जरा  ठहर
    सांसों  में  तू  अब  मिल  जा  भी  ,
    कितना  तडपूँ क्या 
    Read More

    FB_IMG_1582886418900_1613382192.jpg
    user-image
    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    प्रेममय

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बढ़िया

    Kanak Harlalka

    Kanak Harlalka 3 years ago

    अच्छी कविता.

    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    अच्छी है ।

    Alok Singh3 years ago

    Thanks

    Alok Singh3 years ago

    Thanks

    Bandana Singh

    Bandana Singh 3 years ago

    लाजवाब रचना उम्दा भाव

    Alok Singh3 years ago

    Sukriya

    Arvina Gahlot

    Arvina Gahlot 3 years ago

    बढ़िया रचना

    Alok Singh3 years ago

    Thanks

    कवितालयबद्ध कविता, अन्य

    तुम हो तो

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    तुम हो तो मेरी गजल है
    तुम हो तो मेरी कविता है
    तुम ही तो मेरी शायरी हो
    तुम हो तो मेरी भावनाओ
    की बहती सरिता है
    तुम सबको ही तो मै
    लेखनी बना लेता हूँ
    जो क्रिया प्रतिक्रिया है तुम्हारी
    उसको श्याही बना
    Read More

    20201228_131431_1613375778.jpg
    user-image
    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बहुत खूब

    Kanak Harlalka

    Kanak Harlalka 3 years ago

    बढ़िया..

    Sarita Gupta

    Sarita Gupta 3 years ago

    भाव अच्छे हैं । बड़ी ज्यादा हो गई । शब्दों की पुनरावृत्ति न होती तो छोटी रहती ।

    Alok Singh3 years ago

    Ok....sujhav ke liye sukriya...aise hi pyar bnaye rakhiye aur khule dil se pratikriya dete rahiye

    Arvina Gahlot

    Arvina Gahlot 3 years ago

    बहुत सुंदर