Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan - Ritu Garg

कवितालयबद्ध कविता

नवरात्रे

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 135
  • 5 Mins Read

नवरात्र
मां दुर्गा

नौ दिनों में माता मेरी
नौ रूप दिखलाती
भक्ति भाव का संगम
हर दिलों में जगाती

सिंह सवारी कर माता
सज धज कर आती।
भक्तों को सम्मुख पाकर
मंद मंद मुस्काती

लाल चुनरिया सवा रुपैया
में
Read More

नवरात्रे,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
Amrita Pandey

Amrita Pandey 3 years ago

सुंदर रचना।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूबसूरत रचना

कविताअतुकांत कविता

चिंटू की खुशी

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 142
  • 6 Mins Read

*चिंटू* *की आवाज आई** ...........
मम्मी देखो जली जली हुई सी तिरछीरोटी पापा ने बनाई.....
पापा शर्माए सकुचाए,
बोले मैं नई-नई काम पर आ ई......
मैं कुछ वेतन नहीं लूंगी,
मुझे इस घर में रहने दो मेरी माई..
मम्मी भी सकुचाई सुनकर
Read More

चिंटू की खुशी,<span>अतुकांत कविता</span>
user-image

कहानीलघुकथा

धरोहर

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 335
  • 12 Mins Read

विषय धरोहर
लघु कथा

नवीन ने अपने दस वर्षीय राहुल को एक लिफाफा देते हुए कहा कि मैं अपनी धरोहर तुमको दे रहा हूं ।
इसे संभाल कर रखना मुझे उम्मीद है यदि किसी का सहारा नहीं हुआ तो यह तुम्हारे काम आएगी।
एक
Read More

धरोहर,<span>लघुकथा</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

कचरे वाला बच्चा

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 471
  • 6 Mins Read

*नमन मंच
कचरे वाला बच्चा
*********************
हाथ में थैला लिए जब वह निकलता ,
आंखों में सपने हजार लिए चलता
डगर डगर गली गली वह घूमता ,
कचरे वाला बच्चा कचरा बीनता ।

ढूंढता है खाली बोतल, ढक्कन में सपने,
नंगे पांव
Read More

कचरे वाला बच्चा,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image

कवितागीत

दिल की आशा

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 259
  • 5 Mins Read

दिल की आशा
धीरे धीरे हम अपना हाल सुना बैठे।।

एक आस लिए मन में,
हम तुम्हारी चाह कर बैठे।
तुम्हारी खनकती आवाज़ को,
हम अपना सुर संगीत बना बैठे।
धीरे धीरे हम अपना हाल सुना बैठे।।


तुमसे मिलकर रोशन ,
हुई
Read More

दिल की आशा,<span>गीत</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

भूली बिसरी यादें

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 400
  • 4 Mins Read

*भूली* *बिसरी* *यादें*

कुछ कुछ याद आता है,
कुछ कभी हम भूल जाते हैं।
भूली बिसरी यादों के सहारे,
हम सभी जिंदा रहते हैं।

कभी कांटों की चुभन सी है,
कभी फूलों की महक सी है।
भूली बिसरी यादें ही,
जिंदगी का सहारा
Read More

भूली बिसरी यादें,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

खूबसूरत

Ritu Garg3 years ago

जी धन्यवाद

कवितालयबद्ध कविता

नारी कोमल है, कमज़ोर नहीं

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 138
  • 8 Mins Read

नमन मंच
महिला दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
महिला दिवस पर मेरी प्रस्तुति
नारी कोमल है, कमजोर नहीं

नारी कोमल है,
कमजोर नहीं।
नारी केवल देह नहीं,
मौन है अनभिज्ञ नहीं।
देख कर आज की हलचल

Read More

नारी कोमल है, कमज़ोर नहीं,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

तुझे मजबूत बनना होगा

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 189
  • 4 Mins Read

*दहेज*
तुझे मजबूत बनना होगा
कुरीतियों से लड़ना होगा।

कोख में ही पाठ पढ़ाया
बलिवेदी पर नहीं चढ़ाना होगा
संयम शील आचरण कर
कुठाराघातों से बचना होगा
तुझे मज़बूत बनना होगा।

निर्मोही अहंकारियों के
Read More

तुझे मजबूत बनना होगा,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
SHRUTI GARG

SHRUTI GARG 3 years ago

Bohot Khub

Ritu Garg3 years ago

धन्यवाद जी

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

सुन्दर रचना

Ritu Garg3 years ago

जी धन्यवाद

कवितालयबद्ध कविता

काजल

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 178
  • 3 Mins Read

काजल

आया है कहां से यह,
इतना प्यार लेकर।

अनकहे जज्बातों का,
दिल का करार बन कर।
काजल तो काला है यह,
आया है जादू बन कर।

आया है कहां से यह,
इतना प्यार लेकर।

आंखों की सुंदरता का,
मतवाला इकरार बन कर।
मोहब्बत
Read More

काजल,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

Ritu Garg3 years ago

धन्यवाद नेहा जी

कवितागीत

हलचल

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 144
  • 4 Mins Read

*हलचल*
तुम प्रेम हो मेरा गीत हो,
मेरे होठों की सरगम हो तुम।
मेरे मन की चाहत तुम ही हो ,
मेरे दिल की धड़कन भी हो तुम।
हल्की सी आहट भी तुम हो,
हर धड़कन का जवाब हो तुम ।
इस दिल की खुशी भी तुम हो ,
मुस्कुराहट
Read More

हलचल,<span>गीत</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

जीने की ललक

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 459
  • 4 Mins Read

जीने की ललक
जीने की ललक आज भी है मुझमें,
बचपन की वह सौगात आज भी है मुझ में,
कभी पायल कभी घुंघरू की आवाज ,
तबले की थाप की सरगम आज भी है मुझ में।
जीने की ललक आज भी है मुझ में।।

जवानी की वो यादें आज भी है मुझ
Read More

जीने की ललक,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
SHRUTI GARG

SHRUTI GARG 3 years ago

Waah waah kya Baat hai 👏👏

Ritu Garg3 years ago

धन्यवाद जी

कवितागीत

इंतजार

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 426
  • 4 Mins Read

*इंतजार*
आज भी
राह निहारती है वह दहलीज
नन्हे पैरों ने जहां कदम भरे थे।
दरवाजे के बीच का फासला
खोजता है तुम्हारा वजूद।
तुम गए तो फिर लौट कर ना आए
अभी तक
नजरें वह ढूंढती है अठखेलियां
जहां जवानी ने कदम
Read More

इंतजार,<span>गीत</span>
user-image
Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त धन्यवाद साहित्य अर्पण

Sarita Gupta

Sarita Gupta 3 years ago

गांव को इंतजार आज भी है । अच्छी रचना ।

Ritu Garg3 years ago

जी धन्यवाद

कवितागीत

अंकुरण

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 369
  • 5 Mins Read

*अंकुरण*
मैंने अंकुरण किया ......
अपने जज्बातों का,

बीजो को रोपा उसमें ......
उल्लासित जीवन के लिए,

सपने सजाए हजार हमने
सपने साकार किए हमने

मिट्टी में दबा कर बैठे
रहे नित नई आस लगाकर...

अंकुरन होगा....
आज
Read More

अंकुरण,<span>गीत</span>
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

अच्छी रचना..!

Ritu Garg3 years ago

जी धन्यवाद

SHRUTI GARG

SHRUTI GARG 3 years ago

Wakai mein sahraniya hai

Ritu Garg3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद जी

SHRUTI GARG

SHRUTI GARG 3 years ago

😍😍😍😍😍

SHRUTI GARG

SHRUTI GARG 3 years ago

Bohot badiya 🎉🎉

Shashi Ranjana

Shashi Ranjana 3 years ago

खूबसूरत रचना।

Ritu Garg3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद जी

dimple goyal

dimple goyal 3 years ago

Bahut Achi Kavita Aapne likhi hai babhi Shree. Hume aap per proud hai.

Ritu Garg3 years ago

धन्यवाद जी

Sarita Gupta

Sarita Gupta 3 years ago

नवनीत का अर्थ मक्खन होता है शायद। पहले मैंने इस्तेमाल किया है फिर हमने । रचना के भाव अच्छे हैं , थोड़ी वर्तनी गत सुधार की आवश्यकता है आदरणीया ।

नेहा शर्मा3 years ago

सरिता जी मुझे आपका यूं निष्पक्ष होकर समझाना बहुत बहुत अच्छा लगा। आपका यह प्रेम सभी पर बनाये रखिएगा।

Ritu Garg3 years ago

जी अवश्य

Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

ज़ी धन्यवाद

Sarita Gupta3 years ago

जी मैम धन्यवाद ।

कवितादोहा

दिल में

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 96
  • 2 Mins Read

दिल में
हम तुम्हारे अंदर एक चेहरा देखते हैं,
उसमेंअपना वजूद देखते हैं।
हंसते हुए चेहरे में दर्द छुपा हुआ है,
उस दर्द को मिटता हुआ देखते हैं।
डरी सहमी सी आवाज देखते हैं,
उसी आवाज
Read More

दिल में,<span>दोहा</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

हिंदी से हिंदुस्तान है

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 94
  • 4 Mins Read

आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!

अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।

अंतःस्थल है हिंद का,
हिंदी ने अमृत
Read More

हिंदी से हिंदुस्तान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

धन्यवाद

कवितालयबद्ध कविता

हिंदी से हिंदुस्तान है

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 112
  • 4 Mins Read

#हिंदी दिवस
आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!

अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।

अंतःस्थल है हिंद का,

Read More

हिंदी से हिंदुस्तान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image

कवितालयबद्ध कविता

हिंदी से हिंदुस्तान है

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 132
  • 4 Mins Read

आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!

अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।

अंतःस्थल है हिंद का,
हिंदी ने अमृत
Read More

हिंदी से हिंदुस्तान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image
Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

#हिंदी दिवस

नेहा शर्मा3 years ago

जी हिंदी दिवस यहां नही। ऊपर जहां हैश टैग दिख रहे हैं उनमें ऐड करना है।

कवितालयबद्ध कविता

बस मुझेअच्छा लगता है

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 134
  • 5 Mins Read

#हिंदी दिवस

*बस* *मुझे* *अच्छा* *लगता* *है* ।

सुबह सवेरे जल्दी उठना,
उठकर थोड़ा योगा करना,
नित्य कर्म से निवृत्त होकर,
थोड़ा गुरु चरणों में बैठना।
बस मुझे अच्छा लगता है।

सद्गुणों संस्कारों का पनपना,
बुजुर्गों
Read More

बस मुझेअच्छा लगता है,<span>लयबद्ध कविता</span>
user-image