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चित्राक्षरी आयोजन - फरवरी 2021 | Certificate |
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London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
*चिंटू* *की आवाज आई** ...........
मम्मी देखो जली जली हुई सी तिरछीरोटी पापा ने बनाई.....
पापा शर्माए सकुचाए,
बोले मैं नई-नई काम पर आ ई......
मैं कुछ वेतन नहीं लूंगी,
मुझे इस घर में रहने दो मेरी माई..
मम्मी भी सकुचाई सुनकर
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कवितालयबद्ध कविता
*नमन मंच
कचरे वाला बच्चा
*********************
हाथ में थैला लिए जब वह निकलता ,
आंखों में सपने हजार लिए चलता
डगर डगर गली गली वह घूमता ,
कचरे वाला बच्चा कचरा बीनता ।
ढूंढता है खाली बोतल, ढक्कन में सपने,
नंगे पांव
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कवितागीत
दिल की आशा
धीरे धीरे हम अपना हाल सुना बैठे।।
एक आस लिए मन में,
हम तुम्हारी चाह कर बैठे।
तुम्हारी खनकती आवाज़ को,
हम अपना सुर संगीत बना बैठे।
धीरे धीरे हम अपना हाल सुना बैठे।।
तुमसे मिलकर रोशन ,
हुई
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कवितालयबद्ध कविता
*भूली* *बिसरी* *यादें*
कुछ कुछ याद आता है,
कुछ कभी हम भूल जाते हैं।
भूली बिसरी यादों के सहारे,
हम सभी जिंदा रहते हैं।
कभी कांटों की चुभन सी है,
कभी फूलों की महक सी है।
भूली बिसरी यादें ही,
जिंदगी का सहारा
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कवितालयबद्ध कविता
नमन मंच
महिला दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
महिला दिवस पर मेरी प्रस्तुति
नारी कोमल है, कमजोर नहीं
नारी कोमल है,
कमजोर नहीं।
नारी केवल देह नहीं,
मौन है अनभिज्ञ नहीं।
देख कर आज की हलचल
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कवितालयबद्ध कविता
*दहेज*
तुझे मजबूत बनना होगा
कुरीतियों से लड़ना होगा।
कोख में ही पाठ पढ़ाया
बलिवेदी पर नहीं चढ़ाना होगा
संयम शील आचरण कर
कुठाराघातों से बचना होगा
तुझे मज़बूत बनना होगा।
निर्मोही अहंकारियों के
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कवितालयबद्ध कविता
जीने की ललक
जीने की ललक आज भी है मुझमें,
बचपन की वह सौगात आज भी है मुझ में,
कभी पायल कभी घुंघरू की आवाज ,
तबले की थाप की सरगम आज भी है मुझ में।
जीने की ललक आज भी है मुझ में।।
जवानी की वो यादें आज भी है मुझ
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Bahut Achi Kavita Aapne likhi hai babhi Shree. Hume aap per proud hai.
धन्यवाद जी
नवनीत का अर्थ मक्खन होता है शायद। पहले मैंने इस्तेमाल किया है फिर हमने । रचना के भाव अच्छे हैं , थोड़ी वर्तनी गत सुधार की आवश्यकता है आदरणीया ।
सरिता जी मुझे आपका यूं निष्पक्ष होकर समझाना बहुत बहुत अच्छा लगा। आपका यह प्रेम सभी पर बनाये रखिएगा।
जी अवश्य
कवितालयबद्ध कविता
आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!
अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।
अंतःस्थल है हिंद का,
हिंदी ने अमृत
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कवितालयबद्ध कविता
#हिंदी दिवस
आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!
अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।
अंतःस्थल है हिंद का,
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कवितालयबद्ध कविता
आओ साथियों........
हिंदी दिवस पर अभिमान करे
मातृभाषा से प्यार करें!
अमृत वेला में उठकर,
जब हिंदी उच्चारण होता है ।
मां का प्यार जब मिलता है,
स्वर उन्माद का उठता है।
अंतःस्थल है हिंद का,
हिंदी ने अमृत
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#हिंदी दिवस
जी हिंदी दिवस यहां नही। ऊपर जहां हैश टैग दिख रहे हैं उनमें ऐड करना है।
कवितालयबद्ध कविता
#हिंदी दिवस
*बस* *मुझे* *अच्छा* *लगता* *है* ।
सुबह सवेरे जल्दी उठना,
उठकर थोड़ा योगा करना,
नित्य कर्म से निवृत्त होकर,
थोड़ा गुरु चरणों में बैठना।
बस मुझे अच्छा लगता है।
सद्गुणों संस्कारों का पनपना,
बुजुर्गों
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