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Sahitya Arpan Competition - गो-कोरोना-गो
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गो-कोरोना-गो

Competition Stats

  • #Entries 20

  • #Likes 33

  • Start Date 26-Apr-21

  • End Date 10-May-21

  • Competition Information/Details

    सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...!

    हमारी आज की प्रतियोगिता यह चित्र में लिखे हुए भाव हैं। जो हज़ारों बातों को समेटे हुए है। बस आपको उन भाव को पकड़ना है। साथ ही उन सभी को अपनी कलम से हिम्मत देनी है जो डरे सहमे घरों में बैठे हैं। यह आप पर निर्भर करेगा कि आप उन भाव को किस रूप में सँजोते हैं। चलिये परखते हैं आपकी कलम को और उनसे निकले भाव को। देखते हैं आप सभी की कलम इस चित्र के लिए कितना खरी उतरती है। इंतज़ार रहेगा आप सभी की रचनाओं का।

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-

    1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।

    2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।

    3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।

    4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।

    5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
    सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।

    सुविचारप्रेरक विचार

    अपना अपना सूरज

    • Edited 3 years ago
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    अपना अपना सूरज

    समस्याएं चारों तरफ है लेकिन उसका बंटवारा कहीं कम तो कहीं बहुत ज्यादा है। जिनके पास सुविधाएं ज्यादा है उनके सामने समस्याओं का कद छोटा है और जिनके पास सुविधाएं नहीं है वहां समस्याओं
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    कविताअतुकांत कविता

    जीवन - गीत

    • Edited 3 years ago
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    जीवन गीत ❤
    *************

    ये माना कि, अभी आँधियों का दौर है,
    जिंदगी खामोश, परेशान हर नजर है
    मौत नाचती हर घड़ी चारो ओर है।
    सिसकती उम्मीदें टूटते सपने ,
    घिरते अंधेरों में छूटते अपनों से अपने
    विरान घर ,सुनी
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    FB_IMG_1602078353665_1620635065.jpg
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    कवितालयबद्ध कविता

    आशा दीप जलाए रखना

    • Edited 3 years ago
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    कविता
    शीर्षक- आशा-दीप जलाए रखना

    माना, अभी है रात अंधेरी,
    तिमिर घनेरा छाया है।
    जित देखूं, उत मायूसी है,
    भय-शंका का साया है।
    जहरीली अब हवा हुई है,
    सांसो से महंगी दवा हुई है।
    शहर सूना, वीरान हुआ है,
    इक
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bilkul sahi kaha Aapne 👌🏻

    Ruchika Rana3 years ago

    शुक्रिया आपका 🙏

    कहानीलघुकथा

    हम होंगे कामयाब

    • Edited 3 years ago
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    हम होंगे कामयाब ---
    -----------------------
    सुमि आज बच्चों की आपस की बातें कान लगा कर सुन रही थी । आज उसकी सासु जी का जन्म दिन था । जब एन सी आर में फ्लैट लेने का समय आया तब उसके पति व दोनों ने एक ही टावर में फ्लैट लेने
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    IMG_20210507_182540_1620392394.JPG
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    कविताअतुकांत कविता

    काँटों के बीहड़ में खिले गुलाब

    • Edited 3 years ago
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    कांटों के बीहड़ में खिले गुलाब,,,,,,

    ऐसा दीर्घकालीन बन्द पहली बार झेला
    स्वच्छन्दता छिनी, हो गए पिंजरों में बंद
    शालाओं कार्यालयों में कामकाज हुए ठप्प
    अर्थव्यवस्था देश में हो गई पूरी तरह ध्वस्त

    विद्यार्थी
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    कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

    नया सवेरा

    • Edited 3 years ago
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    सड़कें सूनी, गली मौहल्ले सूने,वीरानगी ने आँचल फैलाया,
    एक छोटे से वायरस की बिसात तो देखिए!
    कोरोना नाम से पूरे देश को डराया।

    अपनों से अपनों की दूरी वैसे ही कहाँ कम थीं!
    इस मास्क ने तो पहचानना ही बंद
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर

    Mukesh Joshi

    Mukesh Joshi 3 years ago

    अति उत्तम👌👏

    Shivangi lohomi

    Shivangi lohomi 3 years ago

    Shandar kavita❤️👏👏😍👌👌

    Bhavay Joshi

    Bhavay Joshi 3 years ago

    बहुत ही सुंदर रचना👌

    Seema Pande

    Seema Pande 3 years ago

    Ati sunder👌🏽

    कहानीलघुकथा

    सच्ची तस्वीर

    • Edited 3 years ago
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    सच्ची तस्वीर
    -----------------
    " गद्दार। "
    " देशद्रोही। "
    " जेहादी। "
    " मानव बम। "
    " इंसानियत के खिलाफ षडयंत्र। "
    हैदरगंज की मज़लिस में देश-विदेश से आए पाँच सौ से अधिक लोगों की उपस्थिति की खबर फैलते ही मीडिया को हिंदू-मुस्लिम
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    लेखआलेख

    सकारात्मकता की नमी

    • Edited 3 years ago
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    पॉजिटिविटी यानि सकारात्मकता एक सुंदर और सुखद शब्द है। हमें सदा सकारात्मक व्यवहार बनाए रखना चाहिए। नकारात्मक व्यक्ति, नकारात्मक बातें और नकारात्मक व्यवहार का हमेशा दुष्प्रभाव देखा गया है।
    Read More

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    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    👍👍

    Amrita Pandey2 years ago

    😊🌺🌺

    Amrita Pandey3 years ago

    😊🌺

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अत्यंत सुन्दर और सारगर्भित..!

    Amrita Pandey3 years ago

    सादर धन्यवाद।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर पोस्ट आपने सभी के मन की बात कह दी।

    Amrita Pandey3 years ago

    धन्यवाद आपका।

    कविताअतुकांत कविता

    चेहरे पर मुस्कान आएगा

    • Edited 3 years ago
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    चेहरे पर मुस्कान आएगा
    ================
    मानवता के अस्तित्व पर,
    जब जब संकट आएगा ।

    इंसानियत ही इंसान को ,
    भरी संकट से बचाएगा ।

    मानवता के अस्तित्व पर ,
    लगा ये ग्रहण मिट जाएगा।

    रख सार्थक सोच खुद पर ,
    एक नया उजाला
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    Screenshot_20200409-090113~2_1620101937.png
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    सादर आभार आदरणीया 🙏

    कवितालयबद्ध कविता

    भय की शिला

    • Edited 3 years ago
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    चित्त को अपने लोह बनाकर
    भय की शिला को तोड़ दे आज।

    खुलने दे वो गिरह
    जो कब से है मन के भीतर
    कश्मकश सी, कलह सी
    जो डराती है, रुलाती भी है
    जो गैरत लम्हों को जिंदा रखे है
    अतीत की यादों को इकठ्ठा किये है
    जहां
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर..!

    शिवम राव मणि3 years ago

    धन्यवाद सर

    कहानीप्रेरणादायक

    #गो करोना गो

    • Edited 3 years ago
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    #गो करोना गो


    कृपया सभी रखो अपना ख़्याल दोस्तों, आज नहीं कल मिलेंगे दोस्तों ।कर लो आज गुज़ारा रूखी - सूखी में , कल मालपुआ उड़ाएंगे दोस्तों ।

    अफ़वाहें तो अफ़वाहें हैं , इन पर यूं ना कान धरा करो दोस्तो
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    कविताअतुकांत कविता

    आज शिक्षकों की व्यथा

    • Edited 3 years ago
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    बच्चों को जी भर देखना चाहता हूँ
    अपनी आँखों के सामने
    मन भर बातें करना चाहता हूँ
    अपने मन को समझाने का,
    भरपूर प्रयत्न करता हूँ
    फिर भी मेरा मन नहीं मानता है
    खूब रोता है, बहुत बिलखता है
    शायद उसे वर्तमान
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    कविताअतुकांत कविता

    ठानी है हमनें

    • Edited 3 years ago
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    #शीर्षक
    ठानी है हमनें...

    हम पृथ्वी के खुशदिल प्राणी ऐसे कभी न थे बेचैन ये

    किस साजिश के तहत तुमने जकड़ ली हमारी खुशियां

    शुष्क हवाएं, तपती धरती ,बीच-बीच में करुण- रुदन

    बस अब बहुत हो गया कोरोना गो
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह बहुत खूब

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र

    • Edited 3 years ago
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    विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
    विधा: पत्र लेखन
    हे ईश्वर,
    शत- शत नमन
    प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
    Read More

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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र

    • Edited 3 years ago
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    विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
    विधा: पत्र लेखन
    हे ईश्वर,
    शत- शत नमन
    प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
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    कविताछंद

    कोरोना का प्रतिकार

    • Edited 3 years ago
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    कोरोना का प्रतिकार
    -----------------------------------------------------
    छंद - ०१
    राम रमापति नाथ उमापति कष्ट हरो जन का त्रिपुरारी।
    टूट रहा प्रभु आज मनोबल दूर करो भय हे! बनवारी।
    कोविड क्रूर बना खर-दूषण वार करो अब हे!
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    कवितागीत

    कोरोना बोलो तुम्हे कब है जाना

    • Edited 3 years ago
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    😠कोरोना बोलो!तुम्हे कब है जाना!😠

    कोरोना बोलो!तुम्हे कब है जाना!
    थक गये हम बहुत अब ना आना!

    छू हो ले ...छू हो ले ...छू हो ले तू

    सारी दुनिया में तांडव मचाया तूने
    जीवन पथ पे कोहराम मचाया तूने
    तू ही बता अभी
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह बहुत खूब 👌🏻

    Ekta Kochar3 years ago

    शुक्रिया नेहा जी

    कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

    "चहु ओर खुशियां फैल जाएंगे"

    • Edited 3 years ago
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    गो कोरोना गो
    (शीर्षक)
    चहुं ओर खुशियां फैल जाएंगे!
    ==================
    हालात भी सुधर जाएंगे!
    मुसीबतों के हर दौर से !!

    खुशियां यूंँ बिखर जाएंगे !
    दवाओं और दुआओं से !!

    हर संकट भी कट जाएंगे !
    जनमानस के सहयोग से!!

    यूं
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    के . मौर्या

    के . मौर्या 3 years ago

    बहुत ही सुन्दर रचना..।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना।

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    सादर आभार आदरणीया !

    कवितानज़्म, अतुकांत कविता, लयबद्ध कविता, गजल, अन्य

    भारत देश और इंसान

    • Edited 3 years ago
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    कभी यहां सोने की चिड़िया हुआ करती थी
    जो स्वछंद वातावरण में विचरण किया करती थी,
    तब ये देश भी वनप्रधान हुआ करता था
    रोगरहित धनधान्य हुआ करता था।
    अब न तो वो सोने की चिड़िया बची
    स्वछंद वातावरण में भी
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    कवितालयबद्ध कविता

    ग़म ना कर

    • Edited 3 years ago
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    ऐ दिल तू ग़म ना कर , हिम्मत का दामन थाम ले
    ऐसा नही कुछ भी जगत में,जो अमर हो ,पहचान ले
    हर रात काली कोख में ,धारण किये नव शिशु प्रभात
    हर भोर में है अघोर की छाया, तनिक संज्ञान ले
    हो भ्रमित तू कर्म पथ से ,वास्ता
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Rashmi Sharma3 years ago

    बहुत शुक्रिया

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Rashmi Sharma3 years ago

    बहुत बहुत धन्यावाद 🙏🙏