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Sahitya Arpan - सीमा वर्मा
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सीमा वर्मा

'शुरु कंही से भी हो बात , मुस्त्मकुराहट पर होना चाहिए । रोता हुआ चाहे कोई भी आए , जाना हँसता हुआ चाहिए !'

हो शुरु कंही से भी बात
खत्म मुस्कुराहट पर होना चाहिए
चाहे रोता हुआ कोई आए
जाना हंसता हुआ चाहिए

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  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    कहानी बाल कहानी First
    सुविचार भक्तिमय विचार First
    कहानी सामाजिक Second
    कहानी प्रेम कहानियाँ Second
    कहानी लघुकथा Second
    कहानी ऐतिहासिक 4th
    कहानी संस्मरण 4th
    कविता चौपाई 5th

    कहानीसामाजिक

    " महानायक" 🌺🌺

    • Added 1 year ago
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    • 62
    • 26 Mins Read

    #शीर्षक
    "महानायक "

    अंक ...४ 🌺🌺
    गतांक से आगे
    युवराज ,
    उसदिन महाराज शिकार की खोज में यमुना क्षेत्र की ओर बढ़ गये थे।
    अचानक, एक विचित्र मीठी- मादक गंध से हम सब सराबोर हो गये,
    'अमात्य, क्या
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 1 year ago

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना

    कहानीसामाजिक

    " महानायक"

    • Added 1 year ago
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    • 52
    • 24 Mins Read

    #शीर्षक
    " महानायक"
    अंक ... ३ 🌺🌺

    मैं बेहद चिंतित अवस्था में यही सोचता हुआ जा रहा था।
    कि माता-पिता दोनों के रहते हुए अनाथों सा जीवन जिया है मैंन।
    पिताजी की छत्रछाया मुझे युवावस्था में प्राप्त हुई।
    पिताजी
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    कहानीसामाजिक

    "महानायक"🌺🌺

    • Added 1 year ago
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    • 43
    • 24 Mins Read

    #शीर्षक
    " महानायक "
    अंक ... २ 🌺🌺
    देवदत्त ज्यों द्वार के मुख्य द्वार पर पहुँचा संदेशवाहक आ चुके थे ,
    - 'युवराज की जय हो '
    महाराज का दल अभी हस्तिनापुर से कुछ कोस दूर है थोड़ी देर में ही पहुँचने वाला
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    कहानीसामाजिक

    "महानायक"🌺🌺

    • Added 1 year ago
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    • 55
    • 15 Mins Read

    नमस्कार साथियों 🙏
    मैं एक बार फिर से आप सब के समक्ष प्रस्तुत हूँ। चिरपरिचित महानायक के चरित्र के कुछ अनछुए पहलू को छूने की कोशिश मात्र करती हुई ।
    आप सबों ने 'महाभारत' ग्रन्थ को पढ़ा , सुना अथवा कम
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    कहानीसामाजिक

    "वह मुझको छोड़ गया मां" 🌺🌺

    • Added 1 year ago
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    • 76
    • 47 Mins Read

    #शीर्षक
    " वो छोड़ गया मुझको"

    ' सुधाकर नहीं दिख रहे हैं तेरे प्रमोशन का इतना बड़ा फंक्शन और वही गायब है '
    जब दरवाजे पर सुधाकर की राह तकती उनकी नजर थक चुकी तब यह दुखदाई सवाल दाग दिया था ।
    'मेहुल' कट कर
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    "मां की कृपा बरसती रहे" 🌺🌺

    • Added 1 year ago
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    • 57
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    " मां का प्यार बरसता रहे "
    🌺🌺🌺🌺

    ' लंगड़ी , हाँ यही उसका नाम है '
    मुहल्ले के लोग उसे इसी नाम से पुकारते हैं।
    ' जब भी मेरी यह भक्त कन्या अपने एक छोटे पाँव पर हिलक-हिलक कर अकेली ही
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    कहानीलघुकथा

    "मेरा जॉनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 102
    • 17 Mins Read

    # शीर्षक
    " मेरा जॉनी " ...🍁🍁जो प्राप्त है वह पर्याप्त है

    जीवन में संतुष्टि का भाव भी बहुत जरूरी है। ईश्वर ने जो हमें दिया है, उसके प्रति संतुष्ट होना भी बहुत आवश्यक है, नहीं तो हम चाहे कितने ही
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल " भाग ... 5 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 87
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक
    " बोल्ड ऐन्ड ब्यूटी फुल " ... 5 🍁🍁

    शाम का वक्त राजी सुमित के स्कूटर पर पीछे बैठ गई है।
    अब आगे...
    अब किसी को ट्राई करना है तो नजदीक तो जाना पड़ेगा यह सोचती हुई राजी ने सुमित को कंधो से पकड़ कर झिझकती
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "बोल्ड ऐन्ड ब्यूटी फुल " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 111
    • 16 Mins Read

    # शीर्षक
    " बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल
    ... ४ 🍁🍁

    फिर सावधानी से उसने कमरे के टेबल पर रखे अपने बैग में से एक लिफाफा निकाला।
    गुलाबी रंग का सुंदर, सुगंधित लिफाफा जिस पर लाल रंग से बड़ा सा दिल बना हुआ है।
    उसने
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल " भाग ...३ 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 79
    • 19 Mins Read

    #शीर्षक
    "बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल " 🍁🍁 भाग ... ३
    अब ये तो तीन तिगड़ी की कहानी हुई 'राजी, हिमांशु एवं अनुभा '
    जिस पर आधारित इस त्रिकोण यों देखें।
    ' हिमांशु फिदा है राजी पर,अनुभा फिदा है हिमांशु पर, और राजी
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल "🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 75
    • 18 Mins Read

    अंक ... २ 🍁🍁
    आज आपका परिचय राजी के साथ पढ़ने वाले अन्य दूसरे साथियों के साथ करवाती हूँ।

    जिस कोचिंग इन्ट्सच्यूट में राजी और अनुभा मेडिकल की कोचिंग करने जाती हैं वहीं उनके साथ उनकी कॉलोनी के ही दूसरे
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल " भाग ...एक 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 87
    • 28 Mins Read

    #शीर्षक
    " बोल्ड ऐन्ड ब्यूटीफुल " 🍁🍁 भाग ... १

    साथियों नमस्कार 🙏☘️
    इस लंबी कहानी के अधिकतर पात्र -पात्राएं हमारे आपके जैसे चलते-फिरते सहज एवं स्वाभाविक मानव-जनित भूल को करते हुए भावनाओं से भरपूर
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    कहानीलघुकथा

    " गोरा-चिट्टा दूल्हा " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 134
    • 29 Mins Read

    #शीषर्क
    " गोरा- चिट्टा दूल्हा " 🍁🍁

    ' अरी ओ राजरानी, अब ये साज-श्रृगांर , पाउडर-लाली सब तेरह दिन तक बंद '
    ' नहीं करना है तुम्हें यह सब... नहीं करना चाहिए तुम्हें '
    चाची की भारी आवाज सुन कर स्नेहा की
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    कहानीसंस्मरण

    " एक पिता ऐसा भी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 96
    • 17 Mins Read

    पितृ दिवस आधारित रचना । हर बार जिंदगी कुछ खूबसूरती ही बिखेरे यह आवश्यक नहीं है साथियों कुछ बदनुमा दाग -धब्बे भी रहते हैं उसके दामन में... इसी पर आधारित है यह रचना

    #शीर्षक
    "एक पिता ऐसा भी "

    साथियों
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 86
    • 41 Mins Read

    #शीर्षक
    " बेबी चांदनी "
    अंक -७ 🍁🍁
    समापन अंक

    ' आज मम्मी की रिपोर्ट आने वाली है।
    कहीं ... यह असमय की बीमारी भगवान् ना करे उनके शरीर से लेकर मन तक फैल ना जाए ? '
    यह सोचती चांदनी बेचैन हो रही है।
    इस
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 149
    • 36 Mins Read

    # शीर्षक
    "बेबी-चांदनी "अंक... ६ 🍁🍁

    मम्मी को थपकियाँ देकर सुलाने के साथ ही चांदनी भी सो गई थी।
    अगले दिन सुबह तड़के ही उसकी नींद खुली थी।
    उसे थोड़ी देर के लिए बैंक के काम से निकलना था फिर अस्पताल जा
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    कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ

    " बेबी चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 148
    • 47 Mins Read

    #शीर्षक
    " बेबी चांदनी"
    अंक ... ५ 🍁🍁

    मित्रों पिछले भाग में आपने पढा ... ' ' चांदनी इस बार अपने मन में बहुत सारे प्रश्न लेकर आई है।
    लेकिन यहाँ मम्मी की तबीयत खराब देख कर कुछ देर के लिए सब भूल जाती है...
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 112
    • 31 Mins Read

    #शीर्षक
    " बेबी चांदनी " 🍁🍁
    अंक ... ४

    चांदनी को पेटिंग थमाते वक्त ही चित्रा ने नोटिस कर लिया था।
    चांदनी असहज हो गयी है।
    लेकिन टोकना सही नहीं जान कर चुपचाप ही रही।
    परंतु इस एकांत में चांदनी की अपनी
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी--चांदनी " अंक ३ 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 88
    • 26 Mins Read

    #शीर्षक
    "बेबी -चांदनी "
    अंक ... ३ 🍁🍁

    मेडिकल कॉलेज की ऊंची ईमारत इस समय रात के अंधेरे में डूबी हुई है।
    चित्रा हैरान चांदनी को अकेली न छोड़ उसके हाँथ पकड़ कर बाहर ले आई है।

    सच में संसार में मित्रता
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी.-चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 143
    • 29 Mins Read

    #शीर्षक
    " बेबी- चांदनी "
    अंक ... २ 🍁🍁

    बेबी चांदनी की आंखों में रहस्य के काले घेरे उभरने के पहले ही मम्मी ने एक गाड़ी वाले अंकल की सिफारिश से उसका दाखिला शहर से दूर बने इस बोर्डिंग स्कूल में करवा
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    कहानीसामाजिक

    " बेबी - चांदनी " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 102
    • 14 Mins Read

    नमस्कार साथियों 🙏 🍁🍁
    अगर सच्चे हृदय से कहूं तो पुरानी फिल्में देख कर यह धारावाहिक लिखने को प्रेरित हुई हूँ।
    बहुत दिन नहीं हुए जब मुजरा-गोष्ठी, नृत्यांगना,हवेली-जमींदार तथा इनसे जुड़ी तमाम किवदंतियां
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    कहानीलघुकथा

    "भ्रम " 🍁🍁

    • Edited 1 year ago
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    • 78
    • 3 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    "भ्रम" ... 🍁🍁
    "देखिए ब्रजेश बाबू ऐसा है। आई,आईटियन है मेरा बेटा आप मुझे बस सात लाख कैश और एक स्विफ्ट डिजाएर दे दें ,
    फिर आप जब चाहे जहाँ कहें हम बारात ले कर आ जाएगें "
    ब्रजेश जी चुपचाप
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    कहानीसामाजिक

    बड़े भैया " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 80
    • 34 Mins Read

    #शीर्षक
    " बड़े भैया 🍁🍁"

    'बबँडर' यानी ' मृगतृष्णा' का नाच तो आप सबने अपने बचपन में अवश्य देखा होगा मेरी अम्मा कहती थीं,
    " वह गर्मी से भरी दुपहरिया में नाचती है और नाचते - नाचते सामने जो भी आ जाता
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    कविताअतुकांत कविता

    " पत्ता " 🍁🌺

    • Edited 2 years ago
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    • 86
    • 4 Mins Read

    मेरी संस्मरणात्मक अतुकांत कविता...।

    #शीर्षक
    " पत्ता " 🍁🍁
    हमनें सदा कटे हुए वृक्ष के दुख
    देखे हैं।
    लेकिन वृक्ष से उगी टहनी से झड़े पत्ते
    का दुख जाना है कभी ?
    नहीं ना !

    एक दिन वह तेज हवा में टहनी
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    " आस्था " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 87
    • 14 Mins Read

    #शीर्षक
    " आस्था " 🍁🍁
    " जिद नहीं करो जो़हरा हमारे यहाँ औरतों को कब्रिस्तान जाने की सख्त मनाही है।
    जो औरतें ऐसी गलती करती है उसपर खु़दा और उसके फरिश्ते लानतें बरसाते हैं "
    बड़ी आपा के उसे समझाने
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    कहानीसंस्मरण

    "मैंने जो कुछ अपने दादाजी से सीखा " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 92
    • 22 Mins Read

    " संस्मरण कथा "
    " मैंने जो कुछ अपने दादाजी से सीखा" 🍁🍁

    यह सँस्मरण मेरे दादाजी को मेरी तरफ से श्रद्धांजलि है।
    वे बहुत लंबी उम्र जिए,
    " मैं पूरे गाँव का दादा हूँ "
    जब वे कहते तो उनकी अनुभवी आंखें चमक
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    दादा जी की बहुत सुन्दर और भावपूर्ण स्मृतियाँ..!!

    सीमा वर्मा1 year ago

    धन्यवाद सर

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    दादा जी की बहुत सुन्दर और भावपूर्ण स्मृतियाँ..!!

    सीमा वर्मा1 year ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    " मीठी - फाँस " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 62
    • 10 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    "मीठी फांस" 🍁🍁
    सोलह साल की उम्र बेहद नाजुक होती है। इस उम्र में यों भी लोग दिमाग की कम और दिल की ज्यादा सुनते हैं।
    लेकिन शहर मैनपुरी के ' गोविंद बाबू' के सोलह साल के बेटे ' रोहित
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    कहानीअन्य

    "डबल इनकम " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 67
    • 28 Mins Read

    #शीर्षक
    " डबल इनकम " 🍁🍁

    'मजा' है या किन्हीं विशेष परिस्थितियों में वो कैसे 'सजा ' बन जाती है मेरी आज की कहानी में मैंने यही दिखाने का प्रयास किया है।
    कहानी के नायक और नायिका दोनों वर्किंग है।
    सुधीर
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    कहानीसामाजिक, संस्मरण

    " गुलाबी -स्कूटी " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 101
    • 32 Mins Read

    अतीत के झरोखे से ... साथियों नमस्कार 🙏सच में ' जिन्दगी सी होती हैं वे लड़कियां जिनमें बहन सा स्नेह और माँ सी ममता होती है ' ।

    #शीर्षक
    " गुलाबी-स्कूटी " 🍁🍁

    इतनी लम्बी जिन्दगी के न जाने कितनी खट्टी-मीठी
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 11 months ago

    भावपूर्ण और अत्यंत मर्मस्पर्शी..! बहुत बड़ा अन्याय हुआ उसके साथ.. पति ने भी साथ नहीं दिया.

    कहानीसामाजिक

    " मेरी भाभी " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 62
    • 37 Mins Read

    #शीर्षक
    " मेरी -भाभी " 🍁🍁

    रात के करीब आठ बजे हैं।
    आज पूरे चौबीस घंटे के बाद बुखार टूटा है।
    सारा बदन जैसे दर्द में जकड़ा हुआ है।
    कुछ समझ नहीं पा रहा था आखिर हुआ क्या है मुझे ?
    रुचिका ने कमरे के बाहर
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    ," शहर अच्छे हैं " 🍁 🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 71
    • 13 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    "शहर अच्छे हैं " 🍁🍁
    महानगर का रिहायशी इलाका।
    संध्या पाँच बजे के लगभग...
    कॉलेज से लौटती अपनी गुलाबी स्कूटी पर सवार लवीना की नजर सामने से आते हुए एक परेशान से खास्ताहाल बुजुर्ग
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    कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ

    "मृग-मरीचिका " भाग ६ ... 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 94
    • 34 Mins Read

    लंबी कहानी
    "मृग-मारीचिका" भाग छह ...🍁🍁
    'समापन अंक'

    मित्रों पिछले दिनों आपने पढ़ा। चन्दर को चार दिनों के टूर पर बाहर जाना है... आज आगे ...

    अजीब सी जद्दोजहद में घिरी हुई शेफाली ने चन्दर का सामान पैक कर
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    कहानीसामाजिक

    " मृग-मरीचिका " भाग ... 5 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 73
    • 25 Mins Read

    लंबी कहानी
    "मृग - मारीचिका " ... 🍁🍁
    भाग ... ५
    कल आपने पढ़ा शेफाली के विवाह का सुनहरा सपना टूट चुका है ... आगे

    चन्दर उसके गाल पकड़ कर कह रहा था,
    " ओ...हैलो...जिन्दा हो या मर गई ? उठो मैं ऑफिस के लिए निकल रहा
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    कहानीसामाजिक

    " मृग मारीचिका " भाग ... ४ 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 58
    • 23 Mins Read

    लंबी कहानी
    #शीर्षक
    " मृग-मारीचिका " भाग ...४ 🍁🍁
    कल आपने पढ़ा था चन्दर के कदमों की आहट से उसका ध्यान टूटा था।...

    " तुम अभी तक बैठी हो लाज की गठरी बन कर... ये शर्म ये नजाकत सब बेकार की बाते हैं अच्छा होता
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    कहानीसामाजिक

    " मृग-मरीचिका " भाग ...३ 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 74
    • 16 Mins Read

    लंबी कहानी
    #शीर्षक
    " मृग-मारीचिका " भाग...३ 🍁🍁

    शेफाली की माँ की अवस्था दिनों-दिन खराब होती जा रही थी। शायद उन्हें इस तरह सयानी, जवान बेटी का अकेला रहना एवं यों ही अकेले घूमना-फिरना रास नहीं आ
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    कहानीसामाजिक

    " मृग मारीचिका " भाग ... २ 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 69
    • 22 Mins Read

    #शीर्षक
    " मृग-मारीचिका" भाग ....२ 🍁🍁

    कल आपने पढ़ा ... चन्दर के कृत्य से शेफाली बेसुध सी हो गई है।
    आज आगे...

    आवेग के थम जाने पर चन्दर मानों शेफाली को परास्त हुई जान कर संतुष्ट भाव से उठ गया।
    विजेताओं
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    कहानीसामाजिक

    "मृग-मारीचिका " 🍁🍁 भाग एक

    • Edited 2 years ago
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    • 52
    • 20 Mins Read

    प्रिय साथियों नमस्कार 🙏 मैं पुनः एक नई कहानी के साथ प्रस्तुत हूँ।
    जिसकी नायिका 'शेफाली ' आज की स्त्री है कोई ' गाय' नहीं।
    विरासत के नाम पर सदियों से चली आ रही परंपरा को उसने तोड़ने की कोशिश की है...
    उसका
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    कहानीसामाजिक

    " अपना गाँव अपना देश " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 99
    • 18 Mins Read

    शनिवार
    #शीर्षक
    "अपना गाँव अपना देश" 🍁🍁
    बोर्डिंग पास, सिक्योरिटी चेक और चेक इन की अफरातफरी से उबरने के बाद प्रतीक्षा लाउंज में बैठी रुचिका का ध्यान चारो तरफ से घूम कर अपने परिधान की ओर चला गई
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " मिलन की बेला " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 96
    • 26 Mins Read

    लंबी कहानी भाग ... 4 🍁🍁

    #शीर्षक
    " मिलन की बेला " 🍁🍁

    हालांकि नयी जिन्दगी की शुरुआत इतनी बुरी भी नहीं थी।
    सुधीर खुले दिल वाले समझदार पति साबित हुए थे।
    उन्हें इस बात से कि ... शिवानी की आगे की पढ़ाई
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " मन का मिलन " भाग ...३ 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 67
    • 22 Mins Read

    लंबी कहानी भाग ... ३ 🍁🍁
    #शीर्षक
    " मिलन की बेला "

    " ममा आप ठीक तो हो " बिटिया की चिंतातुर आवाज ...
    वह फोन लिए हुई बालकॉनी में आ गई और स्नेह भरे स्वर में पूछ बैठी,
    " हाँ बोल बेटा "
    " कुछ नहीं बस आपकी बहुत
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "मिलन की बेला " भाग २ 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 77
    • 17 Mins Read

    लंबी कहानी ... भाग २ 🍁🍁

    #शीर्षक
    "मिलन की बेला भाग ...२

    फेसबुक बन्द कर के गहरी उधेड़बुन में डूबी हुई शिवानी स्मृतियों के उलझे हुए संसार में जा पँहुची है।

    यह कैसा मोह ? कैसी अपेक्षा ? है इस उम्र
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    ' मिलन की बेला ' 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 78
    • 18 Mins Read

    लंबी कहानी ... 🍁🍁 भाग ....एक

    मित्रों क्या सच में ऐसा होता है ?
    कि ढ़लती उम्र के किसी अन्जाने मोड़ पर अपने कॉलेज के प्रिय सहपाठी की याद मीठी गुदगुदी से भर दे ?
    और कोई बेताब हो जाए उससे मिलने को अगर आपका जवाब
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    ' मिलन की बेला '    🍁🍁,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    कहानीसामाजिक

    " एसिड अटैक " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 65
    • 17 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    " एसिड अटैक " 🍁🍁

    "कौन... कौन... है वहाँ पर ?
    'विजया ' ने सशंकित हृदय लिए कांपती हुई आवाज में पूछा।
    " ओहृ तरुण ! मुझे मालूम है यह तुम ही हो मैं तुम्हारी खुशबू पहचानती हूँ"
    "तुम्हारी आवाज
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    मर्मस्पर्शी कथानक..!!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद सर

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "रामरती चाची " 🍁🍁 समापन भाग

    • Edited 2 years ago
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    • 89
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक
    " रामरती चाची " समापन अंक 🍁🍁
    धीरे -धीरे रामरती ने गृहस्थी की कमान अपने हाथों में ले ली और अपने मीठे स्वभाव के अनुरूप ही अपनी टपरी वाली दुकान का नाम रखा " रसभरी चाय की दुकान "।
    कॉलेज के
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "रामरती चाची " 🍁🍁 अंक ... १

    • Edited 2 years ago
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    • 83
    • 16 Mins Read

    #शीर्षक
    " रामरती चाची " 🍁🍁 भाग ... १
    फागुन की मस्ती भरी बयार में आज कथा सुनाती हूँ "नैएका गाँव" की जिन्दादिल रामरती चाची की।

    सारे दिन दुकान पर बैठी रामरती के खुले बालों में फागुन माह की धूल उड़-उड़
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "रामरती चाची " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 76
    • 15 Mins Read

    " रामरती चाची " 🍁🍁
    अंक ... 2

    प्रिय पाठकों प्रस्तुत है रामरती चाची का अगला अंक कि किस प्रकार रामरती पति योगेश के द्वारा ठुकराए जाने के बाद अपनी और योगेश की माँ का भरण -पोषण करने में जुट गई है।
    अब आगे...

    जिनके
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "मासूम सवाल "🍁😊

    • Edited 2 years ago
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    • 78
    • 20 Mins Read

    क्या सच में 'पल दो पल का प्यार' 'पल दो पल का' ही हो कर रह जाता है ?
    न जाने कितनी सजीव प्रेमगाथाएं हमारे उस कॉलेज के विस्तृत परिसर में लिखी गयी थी।
    "शीर्षक "
    मासूम सवाल "
    जिस ' मीठे झूठ ' वाली प्रेमकथा
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "धूल वाली लड़की " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 112
    • 24 Mins Read

    #वैलेंटाइन्स

    #शीर्षक
    "धूल वाली लड़की " 🍁🍁
    धीरज को अपने स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप ज्वॉएन किए हुए कुछ दिन ही तो गुजरे हैं।
    और अब उसके पर्सनल नम्बर के वॉट्सएप पर मेसेज करते हुए धीरज थोड़ा घबराया
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "पहला प्यार "🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 125
    • 23 Mins Read

    #वैलेंटाइन्सवीकस्पेशल

    #शीर्षक
    " पहला प्यार " 🍁🍁
    अब मैं उन्नीस वर्ष की हो गई हूँ पर जब और भी छोटी थी तब एक बार दीदी को अपनी किसी दोस्त से बोलते हुए सुना था,
    " प्रेमपत्र पाना खुदा की नेमतों जैसा
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    कहानीसामाजिक

    " अपराधिनी " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 98
    • 42 Mins Read

    #शीर्षक
    "अपराधिनी " 🍁🍁
    अंक ... तीन समापन भाग...
    कमरे में अचानक चुप्पी छा गयी। सगुण की आंखें अपनी उन चंद दिनों की सपनीली प्रेमगाथा की तलाश में दूर... विचरण करने लगी है...।
    ओहृ... कैसे अनमोल चांदी
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    कहानीसामाजिक

    "अपराधिनी " 🍁🍁 अंक ... 2

    • Edited 2 years ago
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    • 80
    • 28 Mins Read

    गतांक से आगे
    " अपराधिनी " 🍁🍁भाग ...2


    " क्या दीदीमाँ "
    " सुन तो, उतावली क्यों हो रही है ?"
    " मैंने माँ को नहीं देखा है दीदीमाँ और ना ही जाना है। माँ क्या ऐसी होती है अपने बच्चों पर सब कुछ वार देने वाली
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    कहानीसामाजिक

    "अपराधिनी "

    • Edited 2 years ago
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    • 142
    • 24 Mins Read

    नमस्कार मंच 🙏
    प्रस्तुत लंबी कहानी
    #शीर्षक
    "अपराधिनी " 🍁🍁
    की नयिका 'सगुण ' कारागृह में रहने वाली चरित्र है।
    लेकिन है तो इसी समाज का अंग अथवा उसका वीभत्स रूप कह लें।
    अब और ज्यादा विस्तार में
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    गीत

    " यादें "🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 74
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    " यादें" 🍁🍁
    वो दिसंबर की ठिठुरती सर्दियों की शाम
    कितनी खामोशियाँ पसरी थी मेरे और तुम्हारे दर्मियाँ।

    जब झील के किनारे उगी, ठहरी, गहरी उष्णता तोड़ रही थी झील की निस्तब्धता......।

    एक के बाद
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    कविताअतुकांत कविता

    " अभी-अभी "🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 137
    • 3 Mins Read

    निर्धारित विषय " अभी ना जाओ छोड़ कर " पर आधारित रचना।
    #शीर्षक
    " अभी-अभी " 🍁🍁
    न जाओ तुम अभी-अभी छोड़
    कर यूँ ही कंही, मीठा सा जख्म
    उभरा है अभी कोई !!
    हुई कहाँ पूरी अभी जुस्तजू ।
    ले उठी अंगड़ाइयाँ तमन्नाओं
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    कविताअतुकांत कविता

    " वाकई " 🍁🍁

    • Edited 2 years ago
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    • 69
    • 3 Mins Read

    " अपने तो अपने होते हैं "बिषय निर्धारित रचना ...
    विधा ... पध्
    #शीर्षक
    " वाकई "
    ये अपने क्या पराए क्या ?
    हैं जनमो के अमिट बंधन!
    हैं अपने तो हैं हम !!
    हमारे होने से ही हैं ये !!
    और इनका आस्तित्व
    वक्त-वक्त की
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    कहानीलघुकथा

    "सुखद मातृत्व "

    • Edited 2 years ago
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    • 79
    • 15 Mins Read

    लघुकथा #शीर्षक
    " सुखद मातृत्व "

    " ममा ...ममा उठिए, देखिए कितनी सुहानी शाम है आप किधर खोए हुए हो ममा ",
    "चलिए थोड़ा घूम कर आते हैं "
    " ये क्या ममा आपकी आंखें... फिर से लाल "
    " नहीं... नहीं" बेहद सफाई से आँसुओं
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " "नन्ही मिनी की रुमानी दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 83
    • 19 Mins Read

    #शीर्षक
    "नन्ही मिनी की रुमानी दुनिया " 🍁🍁
    वक्त भी अजीब चीज होती है, जहाँ हर दर्द , हर गम वक्त के साथ कम होता जाता है।
    यह पहली बार नहीं हुआ था और ना आखिरी बार जब अपनी मंजिल तलाशती और राह खोती मिनी मुसीबत
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " नन्हीं मिनी की रुमानी दुनियां 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 76
    • 22 Mins Read

    लंबी कहानी ...अंक छह
    " नन्ही की रुमानी दुनिया " 💐💐
    मिनी की ममा ने जब-तब मिनी को अपने ही खयालों में डूबा देख उस दिन पूछ बैठीं ,
    " क्या बात है मिनी तू आजकल ज्यादा ही चुप रहती है तेरी पढ़ाई तो ठीक जा रही है
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " नन्ही मिनी की रुमानी दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 140
    • 14 Mins Read

    लंबी कहानी...अंक ५
    #शीर्षक
    "मिनी की रुमानी दुनिया " 💐💐
    मैं पिंकी और एक सौ आठ नंम्बर फ्लैट वाले शर्मा अंकलजी का बेटा सौरभ शर्मा हम तीनोँ एक साथ खेलते पढ़ते और ट्यूशन जाते बढ़ने लगे थे।
    क्लाश बारहवीं
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " "नन्ही मिनी की रुमानी दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 103
    • 12 Mins Read

    लंबी कहानी ...अंक ४
    " मिनी की रुमानी दुनिया'" 💐💐
    आज सुनते है मिनी की कहानी उसकी जुबानी...
    पापा की अनायास मृत्यु के बाद ममा ने घर वापस नहीं जाने का निर्णय खुद ही ले लिया था। मैं सांतवी में पंहुच चुकी
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "नन्ही मिनी की रूमानी दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 80
    • 21 Mins Read

    लंबी कहानी... अंक ३
    #शीर्षक
    " मिनी की रुमानी दुनिया " ,💐💐
    " मिनी ओ... मिनी "
    पुकारती हुई उसकी प्यारी बुबु ने मिनी को गोद में उठा उसके आंसुओं से भरे भोले मुखड़े पर चुम्बनों की झरी लगा दी है।
    मिनी
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "मिनी की रुमानी दुनिया " 💐😁

    • Edited 2 years ago
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    • 65
    • 16 Mins Read

    लंबी कहानी... अंक २

    " मिनी की रुमानी दुनिया" 💐💐
    सामने बने मंच पर खड़ी मिनी का आत्मविश्वास से भरे खिले रूप और उसकी जिंदगी को तसल्ली से जीने की इच्छा ही उसे सबों से अलग करती है।
    अपने सुरुचिपूर्ण परिधान
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " मिनी की रुमानी दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 95
    • 20 Mins Read

    लंबी कहानी... अंक १
    #शीर्षक
    " मिनी की रुमानी दुनिया"

    यह कहानी अपनी नन्ही 'मिनी' की है। जिसका पूरा नाम ' मृणाल गोस्वामी' उसकी दादीमाँ ने बहुत प्यार से रखा था। कुछेक अठ्ठाइस-उन्तीस साल पहले जब बगुले
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    कहानीलघुकथा

    " अभिनेत्री "💐👌🏼

    • Edited 2 years ago
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    • 104
    • 19 Mins Read

    #शीर्षकः
    " अभिनेत्री " 💐💐

    " मैं सारी उम्र तन्हा ही रही हूँ। दुनिया मेरी उँचाइयों को देखती है। मुझे कहाँ पहचानती है सुधाकर ?"।
    इतने सालों में यूँ तो मालिनी के दिल ने हलचल करना ही बंद कर दिया है।
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    कहानीलघुकथा

    " वो कौन है "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 96
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    " वो कौन है" 💐💐
    "ओ! वो कौन है.. इतनी खूबसूरत बला सी ?" मिसेज मेहरा अपनी उत्सुकता रोक नहीं सकीं।
    "खूबसूरत और बदतमीज भी! देख कैसी बेशर्म, बेहया सी नाच रही है अकेली मर्दों
    के बीच " मिसेज बंसल जलती-भुनती
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    कहानीलघुकथा

    "आ अब लौट चलें " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 78
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    "आ अब लौट चलें" 💐💐
    सैनिटोरियम के बेड पर लेटे-लेटे थक चुके समीर ने भारी मन से बिस्तर से उठ कर बंद खिड़की के शीशे से उस पार झांकने की कोशिश की...
    दूर तक कुछ नहीं नजर आया,
    " शायद शीशा साफ नहीं
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    कविताअतुकांत कविता

    "धनतेरस की रात " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 71
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    " धनतेरस की रात",💐💐

    मन-प्रफुल्लित, तन- प्रफुल्लित
    आज धनतेरस की रात अनूठी।
    मन में है एक झांकती आशा
    महिलाएं सजाती थाली में दीपक
    अक्षत, पुष्प माला सजाकर।
    हे प्रभु अब और ना ले परीक्षा
    कृपा
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर प्रार्थना

    कहानीसंस्मरण

    "छठ पर्व विशेष " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 103
    • 27 Mins Read

    " महापर्व " छठ विशेष ...💐💐

    छठ पर्व वस्तुतः हमारी 'मानवता के प्रति हठ' की मिसालता कायम करनेवाला महापर्व है ।
    छठ पर्व में हम नदियों की, उगते और ढ़लते सूरज देव की , केले के घौद की , गन्नों की समाज के लिए अछूत
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छा संस्मरण

    कहानीलघुकथा

    " ऑनर किलिंग "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 84
    • 20 Mins Read

    # शीर्षक
    "ऑनर किलिंग " 💐💐
    " हाँ-हाँ क्या कर रही हो तुम ?" एक झटके से हाथ पकड़ रजत ने उस नीचे खींच लिया।
    "आपने मुझे क्यों बचाया मर जाने दिया होता"
    "ओहृ... ऐसे भी कोई करता है क्या? देखो तो दीए से जगमग! करती
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह सार्थक रचना

    सीमा वर्मा2 years ago

    बहुत अच्छी रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी..! समाज का दोहरा चेहरा.

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर 💐💐

    लेखआलेख

    " पत्नी वामांगी क्यों कहलाती है " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 123
    • 23 Mins Read

    #शीर्षक
    "पत्नी वामांगी क्यों कहलाती है?"💐💐
    शास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के शरीर का बायां हिस्सा स्त्री का माना जाता है।

    इसका
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    कवितागीत

    "हमसफर "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 100
    • 3 Mins Read

    "हमसफर" 💐💐

    कल चले जाएंगे तो याद करोगे मुझको
    आज हैं मौजूद तो बेगाने से बने बैठे हो...

    तुम अपने अपने से लगते हो मुझे फिर
    हमें छोड़ के जाने की कैसे सोचा तुमने।

    अगर पराए होते तो यों ही जाने देते
    लगती अपनी
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    कवितागीत

    " ऋतु-प्रभाव " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 133
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    "ऋतु प्रभाव " 💐💐

    शरद ऋतु में जब सांझ की स्वर्णिम
    रोशनी आकाश में चमचमाते
    चाँद के बीच उम्मीदों वाली

    सपनों की नाव
    करती हैं सरगोशियां
    चमकते जुगनुओ के साथ
    उस गुलमोहर के पेड़ के नीचे
    जिसे
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    Behad manbhavni

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " करवाचौथ " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 85
    • 8 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    " करवाचौथ " 💐💐
    "आज छह वर्ष हो गए हैं सुधीर को गुजरे हुए। "
    "दिन एक पर एक कट ही रहे हैं, मेरा खाना-पीना, पूजा-पाठ, ऑफिस जाना सारे कार्य पूर्ववत चालू है "।
    "सुधीर की निशानी अपने बेटे के
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    कहानीलघुकथा

    " इतिहास " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 83
    • 19 Mins Read

    #शीर्षक
    " इतिहास " 💐💐
    " क्या बात है, बुबु मुझे पहचान नहीं रही हो क्या?"
    इस मीठी आवाज को सामने से सुने हुए अरसा बीत गया पर स्मृति पटल में अभी भी ज्यों की त्यों बसी हुई है।
    घर से पलायन कर प्रभास के साथ
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    सीमा वर्मा2 years ago

    धन्यवाद सर

    कहानीलघुकथा

    " लंगड़ी-कन्या" 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 106
    • 10 Mins Read

    #शीर्षकः
    " लंगड़ी-कन्या "
    "लंगड़ी , हाँ यही उसका नाम है।"
    "जब भी मेरी यह भक्त कन्या अपने एक छोटे पाँव पर हिलक-हिलक कर अकेली ही कदम खींचती हुई आती है , मेरा ध्यान अपने समस्त भक्तों से हट कर उस पर ही
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    कहानीलघुकथा

    " आंटी जी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 104
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    " आंटी जी " 💐💐
    म़ैने अपने जीवन में कई परिस्थितियों को देखा है और बचपन से लेकर आजतक कितने ही तीज-त्योहार की याद अभी भी ज्यों की त्यों सहेजी हुई सी है। ,जिनमें से कुछ छोले पूड़ी सी नमकीन और
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा,,,, याद आ गयाबचपन

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा,,,, याद आ गयाबचपन

    कहानीलघुकथा

    "जन्म -कुंडली "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 139
    • 16 Mins Read

    #शीर्षक
    " जन्म-कुंडली " 💐💐
    हर माँ का सपना होता है कि वह अपनी नाजो से पाली बेटी को सोलह श्रृंगार में उसके पति के घर विदा करे। लिहाजा मैं भी अपवाद नहीं थी। तिनके-तिनके जोड़ कर जैसे चिड़िया अपना घोंसला
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    कितने अच्छे पापा

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " लाइफ-टाइमर " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 172
    • 8 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    " लाइफ-टाइमर" 💐💐
    " दीदी क्या सोच रही हो, मुझे तो बहुत डर... लग रहा है "
    बंद दरवाजे के इस पार बैठी है सुगनी , सूनी-सूनी आंख, सिर के अधपके उलझे बाल सुलझाने के प्रयास करती देख' हंसा'... बोली।
    हंसा
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    Bahut marmik

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "फ्रेंडशिप -डे "💐💐" सिरीज नन्हीं मिनी "

    • Edited 2 years ago
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    • 217
    • 9 Mins Read

    बालमन साहित्य के अंतर्गत लघुकथा...
    #शीर्षक
    "फ्रेंडशिप-डे"
    "मिनी, ओ मिनी... उठ ना आज स्कूल नहीं जाना है क्या तुम्हें?"
    "नहीं ना दादी, आपको पता नहीं आज हौलीडे है"।
    "अच्छा किस बात की छुट्टी है आज ?"
    अपनी
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा मनोहारी

    सीमा वर्मा2 years ago

    कितनी प्यारी

    कविताअतुकांत कविता

    "सपना " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 67
    • 3 Mins Read

    शीर्षक
    " सपना " 💐💐

    सपने में दिखी थी वह
    वैसी ही सुन्दर कनक छड़ी
    सी जैसी बर्षों पहले थी।
    आंखों में लिए हँसी ख्वाब
    गालो की मोहक गहराई ।
    कलाई में थामें दुपट्टे की कोर ,
    चुभोने को तैयार नैनों के वाण
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    कहानीलघुकथा

    " तीन बुत " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 76
    • 2 Mins Read

    छोटीसी-लघुकथा
    #शीर्षक
    " तीन-बुत"
    " बुरा मत सुनो!","बुरा मत कहो!","बुरा मत देखो!"
    "ऐसा बाबा ने कहा था... " मध्यरात्रि में वे आपस में बातें कर रहे।
    पास खड़ा चौथा ठठा कर हँसा ,
    "तुम्हारी कौन सुनता है अब ? देखो
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बिल्कुल यथार्थ

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर..!!

    कविताअतुकांत कविता

    "बापू तेरे बंदर तीन " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 152
    • 2 Mins Read

    बापू के जन्मदिन पर ...

    "बापू तेरे बंदर तीन"
    एक ने ,
    बुरा मत कहो।

    दूसरे ने,
    बुरा मत सुनो।

    तीसरे ने,
    बुरा मत बोलो।

    अब हमारे पास
    एक उसकी

    'अंतरआत्मा' !
    जो कहती है।

    'मुझे' बुरा मत कहो!
    'मुझमें' बुराई नहीं
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सहमत हूं

    कहानीलघुकथा

    " सासु वही जो बहू मन भाए " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 224
    • 12 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    "सासु वही जो बहू मनभाए"
    "अम्मा ममतामयी तो हैं ना? उन्हें गुस्सा तो नहीं आता ?"
    " तुम गलत सोच रही हो ,वह जितनी ममतामयी हैं, उतनी ही कड़क भी "।
    छह साल की उम्र में ही माँ को खो चुकी शगुन की
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    😃😃😃😃

    कविताअतुकांत कविता

    " हे संतति तुम्हे प्रणाम " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 113
    • 4 Mins Read

    आज जीऊतिया पर्व के सुअवसर पर हृदय से उपजे कुछ उद्गार
    #शीर्षक
    " हे संतति तुम्हें प्रणाम " 💐💐
    हे संतति तुझे प्रणाम
    मन्नतों से पाया तुझको
    प्यार किया,आराधना की
    रुनुक-झुनुक कदमों की
    आहट पा गुंजाएमान
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत ही सुंदर

    कहानीलघुकथा

    " जरुरत मंद" 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 122
    • 4 Mins Read

    #शीर्षक
    " जरुरतमंद "
    "आज पुराने यजमान के घर उनके पिताजी के श्राद्ध का न्योता है " मुझे जल्दी निकलना होगा।
    पत्नी से बोल ,
    ' दीनानाथ ' ऑफिस निकलने के पूर्व सुबह आठ बजे ही घर से निकल पड़े हैं।
    " स्वागत
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Wah

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder ,prerak laghuktha

    कहानीसामाजिक

    "टूटती -दीवारें " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 201
    • 24 Mins Read

    #शीर्षक
    " टूटती-दीवार " 💐💐
    गांव की चौहद्दी पर स्वागत के लिए खड़े चाचा को देख खुश और हैरान रघुवीर,
    "यह मेरे लिए एक सुखद एहसास था क्योंकि पिछले कितने ही साल से दोनों परिवार के बीच अबोला चल रहा था"

    "किन्हीं
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह कितना सुंदर

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Wah

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Lajwab

    कविताअतुकांत कविता

    " आहट प्यार भरी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 90
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक ...
    " आहट प्यार भरी" 💐💐

    इन दिनों ...
    मेरा आइना करता है,
    ये कुछ सवाल ?
    मीठे स्वप्न,
    जो हौले से देते...
    दस्तक मन की सतह पर,
    क्षितिज के उस पार से ...

    तुम जो आओगे
    कभी मेरी राहों... में
    लिए उजालों के दीप
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    लवली पोएम

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Aha

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wow mithi si

    कहानीबाल कहानी

    "सिरीज़ , 'नन्हीं मिनी 'की हसीन दुनिया 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 211
    • 12 Mins Read

    बाल कथा
    #शीर्षक
    "हैप्पीनेस शॉप "
    जब से मिनी दादी का घर छोड़ मुम्बई आई है। थोड़ी उदास रहती है। उसका दिल उसी गाँव वाले घर में रमा करता है। चाचू, बुबु सब याद आते हैं। वह अब नौ साल की हो चली है। बीच-बीच
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    लाजवाब खुशियों की दुकान

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Wow

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " प्रेम के रंग " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 207
    • 26 Mins Read

    #शीर्षक
    " प्रेम के रंग "
    स्थानीय इंजिनियरिंग कॉलेज में दूसरे बर्ष के छात्र रीतेश और ज़ारा में कुछ तो गुपचुप अवश्य चल रहा है।
    जा़रा जितनी प्यारी है ,उतनी ही मीठी उसकी आवाज।
    रीतेश स्वभाव से जितना
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूबसूरत

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Beautiful

    कहानीप्रेरणादायक

    " सुलभा-ताई "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 293
    • 14 Mins Read

    #शीर्षक
    " सुलभा ताई "
    स्थानीय विधालय की अवकाश प्राप्त शिक्षिका सुलभा जिन्हें सारा मुहल्ला " सुलभा ताई" के नाम से जानता था। उसकी जिंदगी इस समय ऐसे दोराहे पर आ खड़ी हुई है। जहाँ अपनो ने तो किनारा
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    शिक्षा प्रद कहानी

    कहानीलघुकथा

    " ऐक्सेंट वाली हिंदी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 188
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक
    " ऐक्सेंट वाली हिंदी"
    " माँ आप बहुत दिनों से मेरे घर नहीं आई हो। इस बार तो आपको आना ही होगा,
    "मैं टिकट बनबा कर भेज रही हूँ। तो बस तैयारी शुरु कर दीजिए आने की।"
    फोन पर बिटिया की खुशी से भरी आवाज
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Majedar

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    कहानीसामाजिक

    " बड़े दिल वाला " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 79
    • 24 Mins Read

    #शीर्षकः
    " बड़े दिल वाला "

    पेड़ से पीठ टिका कर जमीन की मुलायम घास पर बैठी हुई शिप्रा सुकून से सामने बहती नदी की धारा को निहार रही है।
    उसके और सुधीर के विवाह को पच्चीस बरस पूरे हो गये हैं। सुधीर ने
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सच में भरे दिलवाला

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Bahut sundr

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sach me bare Dilwala hai

    कहानीलघुकथा

    " मनमौजी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 192
    • 7 Mins Read

    #शीर्षकः
    " मनमौजी "
    "पिछले शुक्रवार को जब हम ऑफिस से लौटते वक्त भयंकर ट्रैफिक जाम में फंस गये थे"।
    तब सिद्धार्थ ने गाड़ी की खिड़की से सिर निकाल कर रोड के उस पार खड़ी बिल्डिंग की छत पर घूम रहे व्यक्ति
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत समसामयिक

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ahaha...

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीसंस्मरण

    " वे सुनहरे दिन "💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 78
    • 11 Mins Read

    #शीर्षकः
    " वे सुनहरे दिन "
    शुभ शिक्षक दिवस की आप सबों को हार्दिक बधाई। मित्रों तरूणाई के मीठे दिनों की ऐसी कितनी ही यादें जिन्हें हम सब मन की गहराई में सहेज कर रखते हैं। तो आज मौका है और दस्तूर
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Gud story

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर संस्मरण

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीप्रेरणादायक

    " डॉक्टर -अनुभा " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 230
    • 15 Mins Read

    शिक्षक-दिवस के पावन उपलक्ष्य पर ...

    #शीर्षकः
    " डॉक्टर अनुभा "
    मेडिकल कॉलेज के दीक्षांत समारोह में आत्मविश्वास और बुद्धिमता के तेज से लबरेज़, स्टेज की झलमल करती रोशनी में डॉ.अनुभा का चेहरा अलग
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अच्छी संदेश प्रद कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " बाढ़ " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 213
    • 9 Mins Read

    #शीर्षकः
    " बाढ़ "
    भादो के महीने में टप,टपा,टप,टप घनघोर बारिश हो रही है। चारो तरफ तबाही के मंजर फैले हुए हैं। हर बार की तरह गँडक नदी इस बार भी पूरे उफान पर ह...हा...हा बह रही है। किसी अनहोनी की आशंका
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    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Marmik

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ah...

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    Marmik kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कविताअन्य

    " चन्द्रमा " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 117
    • 2 Mins Read

    #शीर्षकः
    " चंद्रमा "
    थाली की रोटी सा गोल-गोल चंदा।
    गलियों में घूमें, यों ही आवारा सा।।

    तेरी बातों का लिए स्वाद जुंवा पर
    यह बारिशों का मौसम,भीगी ख्वाहिशें।

    तेरे आने की खुशबू से संवरे हुए हालात।
    ज्यों
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाओ

    सीमा वर्मा2 years ago

    धन्यवाद

    सीमा वर्मा2 years ago

    धन्यवाद

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Are wah

    कहानीसामाजिक

    " यादें खट्टी-मीठी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 362
    • 24 Mins Read

    #शीर्षकः
    " यादें खट्टी- मीठी "
    आज बरसों बाद सुनंदा आराम से पेड़ से पीठ टिका कर जमीन की मुलायम घास पर बैठी हुई सामने बहती नदी की धारा को निहार रही है।
    उसके और सुधीर के विवाह को पच्चीस बरस पूरे हो
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर संदेश

    सीमा वर्मा2 years ago

    धन्यवाद

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sandesh prad rachna 👍👍

    कहानीलघुकथा

    " फौजी -बिटिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 328
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    " फौजी बिटिया"
    " ममा मुझे जाना ही है फौज में "
    सत्रह वर्षीय 'विनी'की ढृढ़ आवाज ने घर में चल रहे समस्त विचार-विमर्श पर पूर्ण विराम लगा दिया।
    " क्या कह रही हो "? चारू हैरान रह गई।

    जब से कारगिल
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    बलराम निगम

    बलराम निगम 1 year ago

    बेहतरीन

    सीमा वर्मा1 year ago

    जी सर धन्यवाद

    बलराम निगम

    बलराम निगम 1 year ago

    बेहतरीन

    सीमा वर्मा1 year ago

    जी सर धन्यवाद

    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Lajwab

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी

    सीमा वर्मा1 year ago

    जी धन्यवाद

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Aha kitni sunder

    सीमा वर्मा1 year ago

    धन्यवाद

    सीमा वर्मा1 year ago

    धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "कमली-बाई " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 166
    • 8 Mins Read

    #शीर्षकः
    " कमली-बाई "
    " क्यों कमली इतनी जल्दी निकल चली, घर के सारे काम कौन करेगा? तेरी १०२ वाली मेमसाब ?"
    " फिर टोक दी पीछे से माँ ,तुम बाज नहीं आओगी उन्हें क्यों कोस रही हो ? उनके यहाँ मेहमान आए हैं,
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सम्वेदना से पूर्ण

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Samwedna se paripurn

    लेखआलेख

    "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 186
    • 10 Mins Read

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष आलेख।

    कान्हा रे थोड़ा प्यार दे चरणों में बैठा कर तार दे... 💐💐

    मोर मुकुट धारी श्री कृष्ण आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने द्वापर युग में थे। भगवान् कृष्ण का जन्म कारागार
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    👌👌👌👌👌👌

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder alekh

    कविताअतुकांत कविता

    " राखी स्पेशल., सुनो भाई " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 94
    • 2 Mins Read

    राखी स्पेशल 💐💐
    #शीर्षकः
    " सुनो भाई "

    सुनो भाई...
    रात के अंतिम
    पहर भी कुछ पंक्षी
    चहचहाते हैं और आनेवाली
    रुपहली भोर की सोच गुनगनाते
    हैं। तो हम भी क्यों ना कुछ अच्छा
    सोचे।
    भाई...
    मैं तुम्हें माँ
    की
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    राखी पर बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,👌👌

    कहानीलघुकथा

    " अपना -घर " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 248
    • 18 Mins Read

    लघकथा ... #शीर्षक:

    " अपना -घर " 🥀🥀"

    सुखदा बहुत दिनों बाद आज सुबह ही अमरीका में बसे बेटे के घर से अपने घर वसंतपुर लौटी है।
    इस वक्त वह थकी हारी बरामदे में बैठी सामने हरे-भरे वृक्ष,करीने से सजी क्यारियां
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    Apoorav Verma

    Apoorav Verma 2 years ago

    Bahut khub

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sachchi ktha

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    स्त्री की मार्मिक मनःस्थिति का सजीव चित्रण 👌👌

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " जाति-भेद " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 225
    • 22 Mins Read

    #शीर्षकः
    " जाति-भेद " भाग -2

    कल आपने पढ़ा... दो भिन्न-भिन्न जातियों के शाश्वत और अनुजा की मित्रता की परिणति प्रेम से आगे अब विवाह तक आ पंहुची है... आगे।
    " अंक २ "
    अनुजा अभी-अभी शाश्वत के साथ घूम
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Achcha ant

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बेहद सुंदर समसामयिक कहानी 🥰🥰

    कविताअन्य

    " हम थे नादान " 💐💐,

    • Edited 2 years ago
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    • 221
    • 2 Mins Read

    प्रस्तुत है क्षणिका 😍😍
    " हम थे नादान "
    एक मैं हूँ बस दिल में तेरे ऐ मेरे मेहरबान
    यह सोच कर खुश थे, हम बड़े नादान?
    क्या था मालूम? हमें ओ मेरे साहिबजान
    एक यही खुशफहमी हमें कर देगी बर्बाद।

    मुझी से
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब 👌

    Anil Mishra Prahari

    Anil Mishra Prahari 2 years ago

    bahut sunder

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद 🙏🏼🙏🏼

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद 🙏🏼🙏🏼

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " जाति - भेद " 💐💐 भाग 1

    • Edited 2 years ago
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    • 337
    • 22 Mins Read

    #शीर्षक
    " जाति - भेद " भाग -1💐💐
    अनुजा और शाश्वत को मेडिकल कॉलेज में साथ पढ़ते हुए लगभग पाँच वर्ष बीतने को हो गये हैं। अब तो उनकी पढ़ाई खत्म होने को है।
    दोनों एक ही शहर के निवासी पर कॉलेज में ऐडमिशन
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Gud story

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    कितनी सुंदर प्रेम कहानी 👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीसंस्मरण

    " रंग-बिरंगे अनुभव '💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 244
    • 17 Mins Read

    स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर निजी संस्मरण
    #शीर्षक
    "रंग-बिरंगे अनुभव"
    मेरे पूज्यनीय पिताजी जिनकी पहचान आज भी महान् स्वतंत्रता सेनानी के रूप में है। वे अपनी माता-पिता की पाँच संतान में
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Dhanywaad ahpko

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    साधुवाद आपको 👌👌

    कहानीसंस्मरण

    "अतीत के गलियारे से "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 93
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    अतीत के गलियारे से...
    " गणतंत्र दिवस के रंग-बिरंगे अनुभव "
    साथियों देश पुनः स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ... चारो तरफ उत्साह और ओज पूर्ण माहौल है। इस शुभदिन पर .मैं अपने अनुभव शेयर कर
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 1 year ago

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण स्मृतियाँ..!

    कहानीसामाजिक

    " दो बेटों वाली मा " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 195
    • 21 Mins Read

    # शीर्षकः
    " दो बेटों वाली माँ "
    वे दो बेटो वाली माँ हैं। उसका नाम , 'सुप्रिया' और बेटों के नाम क्रम से 'निखिल' एवं 'अखिल' है।
    सुप्रिया को एक हद तक हम स्वाभिमानी या आत्मसम्मानी कह सकते हैं। पति फैक्ट्री
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह बहुत सुंदर कहानी

    कविताअतुकांत कविता

    "हरियाली तीज "💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 189
    • 4 Mins Read

    #शीर्षकः
    "हरियाली -तीज स्पेशल "
    💐💐💐💐
    बड़े मीठे- मीठे अनोखी हैं
    बातें।
    उससे भी मीठी हैं यादें
    मेरी।
    १९ बरस की मैं अलबेली

    छुई-मुई सी नार-नवेली।
    कली ही थी
    तब चंपा-चमेली सी।

    कासे कँहू , कैसे कँहू मैं
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    लाजवाब

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    बहुत सुंदर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद शिवम जी 💐💐

    कविताअन्य

    " तुम-बिन " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 143
    • 3 Mins Read

    चित
    #शीर्षकः
    " तुम-बिन "
    कंही बीत न जाए सब तीज-त्योहार

    अब आ भी जाओ, मेरे सामने तुम

    कब तक सपनों में रहूँ ढ़ूढ़ती तुम्हें?

    आ गया रंगीला-हरे सावन का मौसम

    अब यूं ना मुझे तरसाओ तुम, आ गये

    सब के पिया रह
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    सुविचारप्रेरक विचार

    " सुविचार " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 122
    • 2 Mins Read

    सुविचार

    😙जब भगवान से किसी ने पूछा:- "प्रभु आप भी कमाल करते हैं किसी को इतना ख़ूबसूरत और किसी को बदसूरत बना देते हो?

    आखिर आप ऐसा क्यूँ करते हैं, सभी को सुन्दर बनाने में आपका क्या जाता है?"

    भगवान ने कहा:-
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi

    कविताअन्य

    " चाय पर " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 154
    • 2 Mins Read

    क्षणिका 😊😊
    #शीर्षक
    " चाय पर "

    कभी पास आओ , बैठो आराम से
    हम भी रहेंगे अपने दिल थाम कर।
    कुछ अपनी कहना, कुछ सुनना मेरी
    कुछ किस्से बुनेंगे मिल बैठ के चाय पर।
    यूँ करना सरगोशियां हम सपने सुनेंगे
    तन्हाइयों
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😊😊

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह 😍😍

    कहानीसामाजिक

    " प्रवासी बहु " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 121
    • 17 Mins Read

    #शीर्षकः
    " प्रवासी-बहु"
    मुम्बई के उपनगर थाणे की छोटी सोसायटी 'वृजबासी' के छोटे से फ्लैट में उमाकांत अपनी पत्नी रजनी के साथ रह रहा है। वह लखनऊ के पास किसी छोटे से कस्बे का है।

    वह अपने घर का बड़ा बेटा
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर लेखन

    कहानीप्रेरणादायक

    " अच्छे रास्ते का चयन " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 308
    • 10 Mins Read

    लोक कथाएं
    #शीर्षकः
    " अच्छे रास्ते का चयन "

    जब पार्वती ने बनाया भोजन तो शिवजी ने उन्हें बताई ये अनोखी बा🌹🌹त

    एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा की प्रभु मैंने पृथ्वी पर देखा है
    कि
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    👌👌👌👌

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    ,👌👌

    कहानीसामाजिक

    " राह अपनी-अपनी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 182
    • 16 Mins Read

    #शीर्षक
    " राह अपनी-अपनी "
    मनोहर बाबू का बेटा रमण फोन पर,
    " पापा , प्रणाम मैं एक हफ्ते की छुट्टी ले कर घर आ रहा हूँ। इस बार घर का सौदा कर लेना है। मैंने सारी तैयारी कर रखी है"।
    उसके प्रणाम के जवाब में
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर कहानी

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर कहानी

    कहानीलघुकथा

    " नाऊ वी आर फ्रेंड " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 224
    • 14 Mins Read

    #शीर्षकः
    " नाऊ वी आर फ्रेंड "
    दिनांक २३ अप्रैल
    " ये दोस्ती हम नहीं..." के सुरीले गीत वाली रिंग टोन घनघना कर बज रही है।
    " उफ्फ क्या कंरू ? एक तो बढ़ती उम्र उस पर से कोरोना काल में ईश्वर की दोहरी मार अब
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    आनंद आ गया

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    आनंद आ गया

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Marmik

    कहानीलघुकथा

    " पकौड़े " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 209
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक
    " पकौड़े " 💐💐
    जेठ में जब सारे ताल- तलैए सूख गये। तेज धूप से सभी परेशान हैं। यह समय वह होता है जब गांवों में बरसात की प्रतीक्षा में नये जाले बुने जाते हैं। शहरों में पंखे की घर्र-घर्र और
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाओ गर्म पकौड़े 👌👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कवितागीत

    " क्या अब भी वो खुशबू " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 139
    • 2 Mins Read

    #शीर्षक
    " वे बारिश वाले दिन"
    मैं अलबेली
    नार नवेली
    सोच रही हूँ।
    एक पहेली ,
    अब भी क्या
    मेरे गांव वाले
    सावन की रुत
    में बहती पुरवाई
    ले चंपा मोतिया
    की खुशबू ? और
    नदी पोखरे के
    किनारे जमी
    कुकुरमुत्ते
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर 👌

    कहानीप्रेरणादायक

    "गुरु- महिमा " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 226
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    " गुरु -महिमा "
    मैं ब्रजेश माथुर आज अपनी कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ। जिसमें प्रत्यक्ष रूप में तो गुरु महिमा गान नहीं करूंगा। परंतु अंत होते-होते आप स्वंय जान जाएगें कि एक १४ वर्ष की
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut lajwab

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह लाजवाब

    कहानीलघुकथा

    " वक्त के अनुसार " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 169
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    " वक्त के अनुसार "
    इन दिनों रमा जी गौर कर रही हैं। उनकी सदा से खुश रहने वाली प्यारी सी सलोनी बहू स्मिता चिड़चिड़ी रहने लगी है।
    उसके गोरे- गुलाबी मुखड़े पर पीली आभा छाई रहती है ।
    पहले वे दोनों
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sarthak

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा सार्थक रचना

    कहानीसामाजिक

    "मैं गलत तो नहीं "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 220
    • 19 Mins Read

    #शीर्षकः
    " मैं गलत तो नहीं " 💐💐

    " शुभ्रा... ओ शुभ्रा " जरा इधर तो आओ देखो तुमसे मिलने कौन आया है?"।
    पिछले ही साल तो गर्मी की छुट्टियों में राघव की शादी थी। जिसमें मीरा आंटी ने कितनी मिन्नतें की थी
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा कहानी हो तो ऐसी

    सीमा वर्मा2 years ago

    बेहद आभार सर 🙏🏼

    कवितालयबद्ध कविता

    " अलग-माएने " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 119
    • 3 Mins Read

    शीर्षकः

    "बदलते- माएने"

    कोई कहता है, और कोई सुना जाता है फ़सानो में।
    कोई बुनता है ,और कोई बुना जाता है ख्वा़बों में।।

    "कहानियों " की भी अपनी अलग दास्तां है दोस्तों।
    किसी पर बीतती है तो कंही गढ़ी जाती
    Read More

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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 2 years ago

    वाह वाह क्या बात है

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी दिली शुक्रिया 💐💐

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    कितनी मीठी रचना

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी दिली शुक्रिया

    कहानीलघुकथा

    " कचरे-वाला " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 218
    • 9 Mins Read

    #शीर्षकः
    " कचरे- वाला"
    " ऐ ...हटो-हटो यह क्या कर रहे हो तुम? शर्म नहीं आती तुम्हें अभी पढ़ने और खेलने की उम्र में गंदगी के ढ़ेर से खेलते हो "।
    कचरे वाली गाड़ी में से नौ साल के रामू को कुछ बीनते देख रमा बोली।
    वो
    Read More

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    SANJAY AGRAWAL

    SANJAY AGRAWAL 1 year ago

    बेहतरीन

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    ,👌👌

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    जबर्दस्त कचरे वाला

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "हिप-हिप हुर्रे " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 151
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    " हिप-हिप हुर्रे "
    "हुर्रे यह मारा "
    ननकू उछल पड़ा। ऊंची छलांग कूद में पूरे जिला स्तर पर ननकू का दूर-दूर तक कोई मुकाबला नहीं है।

    हमारे देश में वक्त और हालात की मार से जन्मे न जाने कितने ही
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह 😍

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह सच्चाई है बिल्कुल

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीऐतिहासिक

    " कृष्ण दीवानी ताज बीबी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 222
    • 13 Mins Read

    "मेरा गाँव मेरा देश "

    😙ताज बीबी का कृष्णप्रेम...
    जब भी प्रेम की बात आती है। तो सबसे पहले नाम आता है। राधा-कृष्ण का इसके बाद अगर कोई प्रेम दीवानी थी तो वो थी मीरा।
    जिसने अपना पूरा जीवन कृष्ण प्रेम में
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत बढ़िया

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah 🙏🙏

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अत्यंत सुन्दर रचना..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Very beautiful❤

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " बरसता सावन-मचलता मन "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 169
    • 5 Mins Read

    लघुकथा #शीर्षक
    " बरसता सावन-मचलता मन"
    एक लड़का और एक लड़की पूर्व परिचित हैं शायद?
    दोनों साथ-साथ रास्ते से गुजर रहे। लड़के के हाँथ में बड़ी सी छतरी।
    सावन का महीना, पूर्व दिशा से घनघोर बादल घिरने लगे,
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ahaha

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ahahaha

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Wah.. Bahut khoob👏👏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा कितनी प्यारी

    कहानीलघुकथा

    " भ्रष्टाचार "💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 205
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक:
    " भ्रष्टाचार "

    विनयबाबू सुपर-फास्ट ट्रेन से गया से पटना जा रहे हैं।
    गाड़ी में भीड़ बहुत अधिक है।
    इस भीड़ में लगभग दस-ग्यारह साल का लड़का गाने गा-गाकर भीख में पैसे मांग रहा है। जब वह पैसे
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut sundar👏👏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और मर्मस्पर्शी ..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हृदय से धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "ऑनलाइन शॉपिंग " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 143
    • 9 Mins Read

    लघुकथा#शीर्षकः
    "ऑनलाइन शॉपिंग "
    " आखिर क्या करे वह अपने इस नामुराद दिल का?"।
    यह क्यूं नहीं उतना रूखा हो पाता है? जितनी कि मेघा हो जाती है कभी-कभी उनके प्रति"।
    यह सोच कर मालती हैरान है।
    ' मेघा '
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lajwab

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मजेदार रही घटना 👌

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत ख़ूब..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद सर 🙏🏼

    कवितादोहा

    " क्षणिका "

    • Edited 2 years ago
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    • 176
    • 1 Mins Read

    " हम तो बिखरे थे सूखे पत्तों की तरह
    लोगों ने हमें बटोरा भी तो सिर्फ जलाने के लिए "

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😍😍😍😍😍😍😍

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    ख़ूबसूरत..!

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "बरसात की वो रात "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 270
    • 11 Mins Read

    #शीर्षकः
    " बरसात की वो रात"
    अषाढ़ महीने की घनघोर बरसात वाली वो रात। अभी तो उत्तर-पूर्वी मॉनसून ने आगे बढ़ना शुरु ही किया है।
    फैरेडे हॉस्टल का कमरा नं. छब्बीस मेहुल और हमीदा दोनों बेखबर सोई हैं।करीब
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khb

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर कहानी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    ख़ूबसूरत..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद सर 🙏🏼

    कहानीबाल कहानी

    "सिरीज़-मिनी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 93
    • 11 Mins Read

    #शीर्षकः
    " मिनी का संसार"
    मुम्बई निवासिनी मिनी को अपनी दादी के गांव छोड़ शहर आए हुए तीन-चार वर्ष हो गए हैं। लेकिन अभी भी वहाँ की सुनहरी यादें हैं कि, दिल से निकलती ही नहीं?।
    वो आठ कमरों वाला चारो
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा मिनी का अनूठा संसार

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " संध्या का उजाला " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 155
    • 11 Mins Read

    शीर्षकः
    ' शाम का उजाला '
    वह एक पहाड़ी कस्बा था। एक लाल रंग की बड़ी सी बस, टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्ते पर उछलती -लचकती हुई करीब रोज ही उस कस्बे में रहने वाली रामा के घर के सामने से रोज गुजरती हुई आगे वाले
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut bahut sunder 👌👌

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    गजब कितना सुन्दर और लयपूर्ण लेखन

    कहानीलघुकथा

    " अभी देर नहीं हुई है " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 194
    • 6 Mins Read

    शीर्षकः
    " दे र नहीं हुई है अभी "
    रात करीब नौ बजे डोरवेल घनघना कर बजी तो मालती , सुधीर और नमिता की छोटी बहन नेहा तीनों आपस में एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। मालती ने दरवाजा खोला ।
    दरवाजे पर नमिता
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Himmat ki dad deni hogi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    himmati ma

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर संदेश देती कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद सर 💐

    लेखआलेख

    "घरेलू-हिंसा"

    • Edited 2 years ago
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    • 212
    • 14 Mins Read

    आलेख ...
    #शीर्षक#
    " घरेलू हिंसा"
    सामान्य जीवन में जब सत्य और सौन्दर्य का दमन होता है, तब जन्म होता है घरेलू हिंसा का ।
    हमारे पुरुष प्रधान समाज में सदियों से स्त्री को उसकी सुरक्षा के नाम पर घरों
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sahi alekh

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    🤫👍👍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब अच्छे आलेख

    कहानीबाल कहानी

    " मिनी की ईको फ्रेंडली होली " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 174
    • 8 Mins Read

    .
    #शीर्षक
    " ईको फ्रेन्डली होली..."
    होली में अभी एक हफ्ता बाकी है और सभी बच्चे आने वाले त्योहार के लिए खुश हैं।
    सबसे ज्यादा खुश तो हमारी मिनी है ।
    उसकी होली इस बार सबसे अलग होने वाली है।
    नये लोग,
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ah mini ka sansar

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह वाह बहुत खूब

    कहानीबाल कहानी

    " नन्ही मिनी की दुनिया " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 201
    • 8 Mins Read

    बाल कहानी

    #शीर्षक
    " नन्ही मिनी की दुनिया"
    "मिनी ओ... मिनी"
    पुकारती हुयी उसकी प्यारी बुबु ने मिनी को गोद में उठा उसके आंसुओं से भरे भोले मुखड़े पर चुम्बनों की झरी लगा दी मिनी ने भी जो अब डौगियों
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😍😍🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सच में नन्हीं मिनी की निराली दुनिया

    सुविचारभक्तिमय विचार

    " श्री राधा स्वामी की जय "

    • Edited 2 years ago
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    • 213
    • 12 Mins Read

    #शीर्षकः

    " राधा- स्वामी की जय "
    🌷एक बार राधाजी के मन में कृष्ण दर्शन की बड़ी लालसा थी.. ये सोचकर महलन की अटारी पर चढ गई और खिडकी से बाहर देखने लगी कि शायद श्यामसुन्दर यही से आज गईया
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    🙏🙏💐💐

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    🙏🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह सुंदर भक्ति मय रचना

    कहानीलघुकथा

    " लचीलापन " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 224
    • 9 Mins Read

    #शीर्षकः
    " लचीलापन "

    सोसायटी वाले पार्क में पांचवे माले पर रहती अनीता की मुलाकात अक्सर ही दूसरे माले की , बड़े ऑफिस में काम करने वाली मेघा से हो जाती है। यों तो दोनों में उम्र का खासा फासला है
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah yahi hona chahiye

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और उचित परामर्श..!!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीबाल कहानी

    सिरीज "नन्ही मिनी"

    • Edited 2 years ago
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    • 164
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक#
    सिरीज " मिनी "
    ट्रिन-ट्रिन-ट्रिन ...फोन की घंटी बज रही है ... मिनी उठाने ही जा रही है कि मम्मा ने फोन उठा लिया ।
    "मिनी ने पूछा किसका फोन है?"
    "दादी का "
    "मुझे भी बात करनी है"
    मम्मा ने फोन मिनी को
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह प्यारी सी नन्हीं सी मिनी

    कहानीबाल कहानी

    "नन्ही मिनी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 310
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    " नन्ही -मिनी "
    तो आज मौका भी है दस्तूर भी है " कुसुम " यानी कि मैं मिनी की दादी अपनी नातिन नन्ही' मिनी' नहीं-नहीं कभी-कभी तो मुझे लगता है ।
    शायद मैं ही नातिन हूँ। वो नटखट सलोनी मिनी मेरी दादी।
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Achchi pyari si

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    आह कितनी प्यारी प्यारी नन्हीं मिनी

    कहानीबाल कहानी

    "नन्हीं मिनी " 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 166
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    " मिनी "
    मिनी को मुम्बई आए हुए करीब छः -सात महीने हो गए हैं ।
    कहाँ गांव की हरियाली और कहाँ कंक्रीट के जंगल ?
    फिर भी मिनी का दिल अब लगने लगा है अच्छा सा स्कूल देख पापा ने दाखिला करा तो दिया
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😍😍😍😍😍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत प्यारी सी मिनी की अपनी अलग दुनिया आगे भी इंतजार रहेगा मिनी की करामातों के

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत ख़ूबसूरत.. मिनी की नयी दुनिया..!

    कहानीलघुकथा

    " छोटी-छोटी खुशी "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 286
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    " छोटी - छोटी खुशी "
    गाजियाबाद से सटी पूर्वी दिल्ली की यह कॉलोनी भी दिल्ली की आम अनाधिकृत कॉलोनियों जैसी ही है जिसके एक कमरे में बैठी हुई विनी गहरी सोच में डूबी हुई है। कल उसके कॉलेज
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Yahi hai do bahno ka pyar

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत प्यारी जीवन की छोटी मोटी खुशियां

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अच्छी रचना

    लेखआलेख

    "मीराबाई "

    • Edited 2 years ago
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    • 284
    • 11 Mins Read

    #शीर्षकः
    "मीराबाई "
    😙अजीब बात है जिस राठोड वंश ने अपनी आन बान के लिए विधवा मीरा बाई को कष्ट दिए और मारने का प्रयास किया,

    आज उसी के नाम से राठोड़ो की शान है और मर गए मारने वाले मीरा बाई अमर हो गई.
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    🙏🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    नई जानकारी वाले आलेख

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर आलेख

    कवितालयबद्ध कविता

    " वो लड़की " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 163
    • 4 Mins Read

    शीर्षक :
    " वो लड़की "
    चली जा रही थी कब से वो अकेली यूं ही अनमनी हुई अंजान राहों में खोई सी।

    अचानक किसी मोड़ पर मिली हँसती खिलखिलाती उसे जिंदगी, कहा रुक तो
    जरा।

    इधर आ कहाँ चली? वो ठिठकी,रुकी ,सकपकाई
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah wo larki

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    sahi larki

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अरे वाह वो लड़की की अच्छी दास्तां

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर..!

    कहानीलघुकथा

    "दिल दीवाना "💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 246
    • 5 Mins Read

    #शीर्षकः
    " दिल दीवाना"
    " यह लो सुधा अब इन्हें ही अपने सुख-सुख के भागी बना लो "
    मांजी ने छोटे से 'कान्हा जी' उसकी गोद में डाल अपनी सिसकियां समेट लीं।
    "अभी उम्र ही क्या है तुम्हारी,
    नहीं तुम्हें ऐसे
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    🙏🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह हृदय छूने वाली 👌

    कहानीबाल कहानी

    " नन्ही मिनी "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 253
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    मिनी ...
    जब से मिनी मुम्बई आई है खोई-खोई सी है ।
    दादा-दादी , बुबु - चाचू सबको मिस करती है । वहाँ के वह सात कमरे बड़े से बरामदे और विशाल वृक्षों से हरे-भरे बागीचे वाला घर यादों से निकलता ही
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😀😀

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    आह मिनी का प्यारा संसार

    कहानीलघुकथा

    " हवा में खुशबू "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 304
    • 11 Mins Read

    चित्र आधारित रचना
    #शीर्षकः
    "हवा की खुशबू"
    "या खुदा ये मुझे किस जुर्म की सजा आपने दी है? एक तो बिटिया वह भी डेढ़ टांग की"।
    छह वर्ष की राबिया को हिलक-हिलक कर चलती देख हमीदन मायूस हो कर अपनी खोली में
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sakartmak kahani

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ah bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सही है अभी भी जागरूकता लानी जरूरी है👌👌

    कहानीलघुकथा

    " महज बता रही हूँ "💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 221
    • 12 Mins Read

    #शीर्षकः
    " महज बता रही हूँ"
    प्रिय बेटे

    सदा खुश रहो। आज तुम फिर मेरी सालगिरह भूल गए?। नाराज नहीं हो रही।
    जानती हूँ बड़े अफसर हो गए हो अनेकानेक व्यस्तता रहती होगी। आज सुबह ही तुम्हारी हेमा दी का
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sahi hai

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    sakaratmak katha

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी साकारात्मक भाव की कथा 👌👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीबाल कहानी

    "सैनिटाईजेश "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 132
    • 6 Mins Read

    बाल साहित्य के अन्तर्गत
    #शीर्षक
    "सैनिटाईजेशन"
    चीनू एक ६ वर्ष का चंचल बालक है। उसके दिमाग में हर समय खुराफात चलता रहता है। जब से कोरोना काल शुरु हुआ है चीनू की शैतानियां अपने चरम उत्कृर्ष पर
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Hahahaha

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    hat badmash

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत मज़े का.. सैनेटाइजेशन.. !

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मजेदार

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मजेदार

    कहानीबाल कहानी

    "भरपाई " 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 193
    • 6 Mins Read

    बाल साहित्य के अन्तर्गत...
    #शीर्षक
    भरपाई...
    बहुत पुरानी बात है विश्व प्रसिद्ध नगरी काशी में गोवर्धन दास के कपड़ों की दुकान हुआ करती थी ।
    गोवर्धन दास स्वभाव से संत थे ।
    एक बार उन्हीं के मुहल्ले
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Prerak prasang

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और प्रेरक

    कहानीसामाजिक

    " हमारी जिज्जी "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 266
    • 18 Mins Read

    सत्य घटना आधारित
    #शीर्षकः
    "हमारी जिज्जी"
    ट्रिन... ट्रिन... सुबह आठ बजे ही घर के लैंड लाइन फोन की घंटी घनघना उठी थी। सर्दियों के दिन थे। कुनमुनाते हुए उठ प्रशांत जी ने फोन उठाया।
    उधर से थरथराती
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Marmik

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    marmsparshi..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    भावुक करने वाली कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " मिट गई दूरियां "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 209
    • 8 Mins Read

    चित्र आधारित रचना
    #शीर्षकः
    " मिट गई दूरिया"
    बारिशों के मौसम में इस बार ममा ने रोहण को घर में ही रहने की हिदायत देते हुए नये स्केट्स ला दिए हैं। साथ में पापा की अच्छी-खासी चेतावनी भी मिली है।
    " देखो
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi laghukatha

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बाल मनोविज्ञान पर आधारित अच्छी कहानी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    bahot achhi Rachna ..Masumiyat se Bhari hui.

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीसंस्मरण

    "बीता वक्त "

    • Edited 2 years ago
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    • 226
    • 8 Mins Read

    नमस्कार मंच
    साथियों ,
    आज मैं उन दिनों की बात बताने जा रही जब मैंने कालेज में नया
    दाखिला लिया था।यह उम्र का वह पड़ाव होता है। जब मन कुछ नया और ऐडवेंचरस करने की सोचता है।
    बस इसी सोच के फलस्वरूप घटा
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😍😍😍😍😍😍😍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    आपने मोसेरी बहन.. का किरदार बहुत अच्छी तरह निभाया 😊

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर 🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    "मीठी फांस "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 251
    • 7 Mins Read

    लघुकथा#शीर्षकः
    "मीठी फांस"
    सोलह साल की उम्र में जब यों भी लोग दिमाग से कम और दिल की ज्यादा सुनते हैं। लेकिन अपने रोहित ने सदा ही दिल के उपर दिमाग को रखा है।
    सुविख्यात कोचिंग कलास में साथ-साथ
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    👌👌👌👌👌👌👌👌

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut samajhdar kahani

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी लघुकथा

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत अच्छी लघुकथा .! रोहित ने दिल को हावी नहीं होने दिया.

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर छोटे शहर से आए बच्चे बेहद भोले लेकिन समझदार भी होते हैं 💐💐

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    "इन्द्रधनुष के रँग "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 293
    • 23 Mins Read

    #शीर्षक
    "इन्द्रधनुष के रँग "
    नमिता आज थोड़ी खुश है। शाम में सैर के लिए निकलते वक्त उसने सुधीरजी के लिए टिफिन में दो कटलेट्स बना कर बैग में रख लिए हैं। सोचा आज उन्हें अपने हाँथ के बने कट्लेट्स
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah bahut achchi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    khubsurat kahani

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह खूबसूरत

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " तुम्ही से शुरू तुम्ही पर खत्म"

    • Edited 2 years ago
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    • 263
    • 13 Mins Read

    "तुम्ही से शुरु तुम्ही पर खत्म "
    मित्रों इसे आप नाकारात्मक सोच कह सकते हैं। परंतु यह मेरी अनुभव आधारित कहानी है। जो देखा,जाना और समझा है उसे ही लिख दिया...।

    घर में बने मंदिर के सामने दोनों हाँथ जोड़े
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sach hai

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    true hai

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    यथार्थ वाली रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अत्यंत संवेदनशील और मर्मस्पर्शी रचना... जीवन के कटु सत्य..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर 🙏🏼🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    "थप्पड़"

    • Edited 2 years ago
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    • 177
    • 12 Mins Read

    लघुकथा #शीर्षक
    "थप्पड़ "
    मेघा भयंकर ऊहापोह में डूबी है "आखिर क्या करे वो गृहस्थी के इस दर्द का ,
    सुधीर की अम्मा की सख्ती , तमाम तरह की बंदिशें , खुद सुधीर की नापाक इच्छा और अजीब तरह के रिश्तों
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lajwab

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह जिंदगी

    कहानीलघुकथा

    "यादों के संग""

    • Edited 2 years ago
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    • 141
    • 7 Mins Read

    # शीर्षक
    "यादों के संग "
    आज आठ महीने हो रहे हैं सुधीर को गये हुए ।
    दिन एक पर एक कट ही रहे हैं । उसका खाना -पीना , पूजा - पाठ सारे काम काज अपने ढ़र्रे पर आ गए हैं ।
    आज करवा चौथ है। बस कभी सोचा ना था यूं
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah dil Chu gyi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    oh bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    प्यारी रचना

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    कहानीलघुकथा

    " बदलते रिश्ते "

    • Edited 2 years ago
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    • 217
    • 8 Mins Read

    लघुकथा #शीषर्क
    "बदलते रिश्ते "
    अनीता जी रोज ८. २० की लोकल से अपने ऑफिस के लिए निकल जाती है।
    फिर उनकी वापसी रात की ८ बजे वाली लोकल से ही हो पाती है।
    वह अपनी पूजा के पाठ - अर्चना भी गाड़ी में ही कर
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ahahaha

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    प्रेरणादायक

    कहानीप्रेरणादायक

    "संयुक्त परिवार "

    • Edited 2 years ago
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    • 216
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    " संयुक्त परिवार "
    प्राचीन काल में किसी गांव के गोवर्धन दास नाम के व्यक्ति के भरे पुरे परिवार में करीब ५०० सदस्य थे। यह विशाल परिवार अपने सौहार्दपूर्ण व्यवहार और खुशहाली के लिए जाना
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    seekh bari khani

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    " एक कप कौफी और तुम"

    • Edited 2 years ago
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    • 230
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    "एक कप कौफी और तुम"
    पुल के उपर खड़े विकास और अनु बातें कर रहे हैं ।
    अनु को विश्वास ही नहीं हो रहा है सामने खड़ा विकास ही है । "हामिद " जिसने ना जाने कितनी अनूठी प्रेमकथा विकास के उपनाम से
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    sunder adhayay

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    प्यारी कहानी

    कहानीलघुकथा

    "💐💐खाली क्षण "

    • Edited 2 years ago
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    • 199
    • 12 Mins Read

    लघुकथा #शीर्षक
    " खाली क्षण"
    जिला स्कूल की रिटायर्ड प्रिंसिपल सुखदा राए अपने घर के लम्बे बरामदे पर बैठी सामने हरे- भरे वृक्ष और करीने से सजी क्यारियां निहार रही हैं।
    अभी उनका मन बहुत भारी
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    कहानीलघुकथा

    "सरनेम"

    • Edited 2 years ago
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    • 216
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    " सरनेम "
    कितना अच्छा लगता है ना जब आप अपने चाहने वाले को शतप्रतिशत पा लें ....।
    हिमांशी काशीवाल के साथ आज ऐसा ही कुछ हुआ है। वह एक मल्टीनेशनल कम्पनी में उच्च पद पर आसीन है और गणेश अय्यर
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    प्रेरणादायक

    कहानीबाल कहानी

    " रैम्बो बन गया रामादीन "

    • Edited 2 years ago
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    • 256
    • 11 Mins Read

    बाल साहित्य के अन्तर्गत
    #शीर्षक
    "जब रैम्बो बन गया रामादीन "

    ११ वर्षीय चिंटू के पापा मनोहर जी उसके उन दोस्तों को कोस रहे हैं। जिनकी बातो में आकर वह गली के मुहाने से कुत्ते के एक चार दिन के पिल्ले
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    ,😍😍😍😍😍😍😍

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😀😀

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मजेदार

    कहानीलघुकथा

    "विश्वास "

    • Edited 2 years ago
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    • 167
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    "विश्वास "
    पिता का विश्वास ईश्वर पर... जबकि आचरण ठीक विपरीत। इस मद में वे सबको डराते धमकाते रहते।
    एक ओर जहाँ उनकी अकूत सम्पत्ति बहती रही बाजारों में ,वहीं माँ चीखती रहती बंद दरवाजों के
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीसामाजिक

    " आशा की किरण "💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 248
    • 15 Mins Read

    #शीर्षक
    "आशा की किरण".💐💐

    अस्पताल के बेड पर लेटी नीरजा की तन्द्रा टूटने को है
    "तो क्या वो मर गई थी ",
    "वो थोड़ा डर गई , लेकिन नहीं वो सोच पा रही है और जब तक आदमी सोच पाता है वह जिन्दा रहता है" ।
    तभी नर्स
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    👍👍👍👍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अच्छी कहानी

    कविताबाल कविता

    " दीदी की क्लास"

    • Edited 2 years ago
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    • 179
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    " दीदी की क्लास "
    आओ बच्चों आओ
    लगी दीदी की क्लास
    हाँथ थाम मैं दिखाऊं
    नये सपनों के संसार ।

    मेरे देश के नौनिहाल
    तुम पढ़ो,खिलो,महको
    बिखराओ खुशबू नित
    नये व्यवहार से ... ।

    बढ़ना है सदा तुम्हें
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😆😆😆😆😆😆😆

    कहानीलघुकथा

    "गंध"

    • Edited 2 years ago
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    • 151
    • 4 Mins Read

    #शीर्षक
    "गंध"
    कमरे में घुसते ही उस मनहूस तीव्र गंध का भभूका नाक में घुस गया।
    पिता की असामयिक मृत्यु के कारण बने उस असह्य गंध को अपनी लाख कोशिशों के बाद भी आज तक भूल नहीं पाया हूँ।
    पहले लगा कंही
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    jabardast kahani

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी लघुकथा

    कहानीबाल कहानी

    "बस्ते का बोझ"

    • Edited 2 years ago
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    • 179
    • 7 Mins Read

    लघुकथा #शीर्षक
    " बस्ते का बोझ"
    सर्दियों की दोपहर , अनीता जी लौन में बैठी हुयी मीठी धूप के आनंद ले रही थी। तभी गेट पर स्कूल बस आ कर लगी। जिसमें से
    उनका नाती सात साल का बँटू कूदता -फाँदता
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Kitni pyari

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सार्थक प्रेरणादायक

    कविताअतुकांत कविता

    " बयार फागुन की "

    • Edited 2 years ago
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    • 143
    • 4 Mins Read

    #शीर्षक
    " बयार फागुन की "
    मेरे बेटे इन फूलों को तुम
    हथेलियों में भर लेना
    और मन में विचार। लेना
    यह फूल नहीं मेरी चिन्ताएं हैं ।

    जब फागुन की बहेगी बयार
    और पुष्पधन्वा
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी सार्थक

    कहानीलघुकथा

    "दंगा"

    • Edited 2 years ago
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    • 180
    • 8 Mins Read

    # शीर्षक
    "दंगा"
    अगले दो - तीन महीने में राज्य विशेष के चुनाव होने वाले हैं।
    सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा कर अपनी - अपनी रोटी सेंक रहे हैं।
    कल गांधी चौक पर दो गुटों के बीच
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Samsamyik

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    👍👍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    ओह बहुत अच्छी समसामयिक

    कहानीलघुकथा

    " प्रवासी"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 291
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    "प्रवासी "
    मेट्रो सिटी के वसुंधरा अपार्टमेंट की सोसायटी के दफ्तर में बैठे हुए मिस्टर सिन्हा चिंता मग्न हैं ।
    वे अपनी सोसायटी के लिए चौकीदार के विज्ञापन के जवाब में आने वाले आवेदन
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Lajwab

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😍😍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    कटु सत्य

    लेखआलेख

    " बैलगाड़ी की यात्रा"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 366
    • 15 Mins Read

    संसमरणात्मक कथा
    #शीर्षक
    "अद्भुत मीठी यात्रा "
    मित्रों जैसा कि आप सब जानते हैं " बैलगाड़ी" कतिपय संसार के सबसे पुरानी बैलों के द्वारा खींचे जाने वाली यात्रा के साधन के रूप में जानी जाती है।
    आज
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sunder sansmaran

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    hahahaha

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर संस्मरण

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर रचना.. मैंने भी बचपन में पैत्रिक गांव में बैलगाड़ी यात्रायें बहुत की हैं..! बहुत पहले तो गांव की के विवाह में बारात भी अनेक बैलगाड़ियों में जाती थीं. "तीसरी कसम" का उदाहरण भी बहुत उपयुक्त है..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    😊😊 जी सर सुंदर प्रतिक्रिया 🙏🏼🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    "संवाद हीनता "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 354
    • 9 Mins Read

    #शीर्षक
    "संवाद हीनता"
    उन दिनों मेरा तबादला मुरादाबाद जैसे छोटे शहर से महानगर मुम्बई हो गया था मैं सरकारी नौकरी में हूँ।
    अभी अकेला ही आ गया परिवार का पीछे से आना तय हुआ ।
    नयी जगह वह भी मुम्बई
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi kahani

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Aj ki sachchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    शहरी जीवन का सुन्दर चित्र

    कविताअतुकांत कविता

    " हुनर" 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 135
    • 3 Mins Read

    चित्र आधारित
    #शीर्षक
    "हुनर "

    जब कहती हूँ
    मैं प्यार करती हूँ
    तो फिर पूरी संम्पूर्णता से
    प्यार करती हूँ ।
    दरअसल प्यार करना
    भी हुनर है
    अपने- आप में ।

    मैं प्यार करती
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Lajwab

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Kitni pyari

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर भाव..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "समानता"💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 227
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    "समानता "
    दिवंगत पत्नी के चित्र के आगे बेबस और लाचार से खड़े हरी जी मन ही मन भगवान् से प्रार्थना कर रहे हैं,
    " हे भगवान् मुझे भी छाया के साथ ही उठा लेते तो कम से कम यह दिन तो नहीं देखने पड़ते
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khub

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut khub

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सत्य बात है 👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    "खोया हुआ आदमी "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 205
    • 10 Mins Read

    लघुकथा # शीर्षक#
    "खोया हुआ आदमी"
    मैं कंहा जा रहा हूँ ? किस ओर ? यहां कैसे आ गया ? यह मेरे आस- पास कौन सी जगह है ?
    वह बुदबुदा रहा है।
    उसे इस तरह बुदबुदाते और सड़क पर नितांत अकेले देख कर डॉक्टर सुधाकर
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Marmik

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी मानवीयता से भरी कहानी

    कविताअतुकांत कविता

    💐💐"लड़कियों के बचपन से पचपन तक का सफर💐💐 "

    • Edited 2 years ago
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    • 209
    • 9 Mins Read

    #शीर्षक
    लड़कियों के स्त्री बनने तक ... सफर ।
    अपने आप में कितनी मशरूफ होतीं हैं लड़कियाँ ।
    प्रेम से निर्मित प्रेम से रची , प्रेम में पगी -प्रेम से ही बंधी
    कभी पिता के कांधों पर चढ़ मेले में घूमती
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lajwab

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bhaw purn

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    भावपूर्ण रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी दिली शुक्रिया

    कविताअतुकांत कविता

    "पूनम की रात "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 204
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    " पूनम की रात "
    मीठी सुहानी पूनम की रात
    मेरी इतनी गुजारिश है
    आज तुम मत जाना मत ...

    खामोशियां इतनी है कि उनके
    आने की पदचाप साफ सुन रही।

    आगे गुम होती गली
    साजन के पैरों की आहट
    और मेरा धड़कता
    Read More

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    कविताअतुकांत कविता

    "खुशनुमा लम्हे "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 154
    • 2 Mins Read

    शीर्षक ...
    " खुशनुमा लम्हे "
    मैं अपने रचे गीतो के
    पंख पर हो कर सवार
    बनूँ इनकी मालकिन
    और होकर गुलाम...
    हुई बादलों पर सवार
    बिना लगाम,बिना रकाब
    यही ले जाएं मुझे
    इन्द्रधनुष के पार...
    मन छेड़े तराना जैसे
    गुन,गुन,गुन...
    जी
    Read More

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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    gajab

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर भाव..!

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बेहतरीन लेखन

    कविताअतुकांत कविता

    इंतजार

    • Edited 2 years ago
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    • 189
    • 2 Mins Read

    #शीर्षक#
    " इन्तजार "
    बीतता है हर दिन
    एक चुप्पी के बीच
    जैसे एक शब्द से
    तोड़ता उसके मौन
    और उसके पास कुछ
    नहीं होता उस क्षण
    को देने के लिए
    सिवा इन्तजार के ...
    जैसे लम्बे अन्तराल
    के बाद शःनै-शःनै
    सवाल
    Read More

    इंतजार,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khub

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " लवगुरु "

    • Edited 2 years ago
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    • 96
    • 9 Mins Read

    लघुकथा ...# शीर्षक
    " लवगुरु "
    बड़ी -बड़ी कजरारे नयनों वाली २१ बर्षीय रेखा अपने घर के बरामदे वाली सीढ़ियों पर अजीब तरह के कशमकश में डूबी हुयी बैठी है ।
    कभी सोच रही है पापा से शिकायत करे फिर कभी
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    😍😍😍😍😍😍😍😍

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut khub

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    गुड गुड सही कदम

    कहानीलघुकथा

    " भेड़ियां "

    • Edited 2 years ago
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    • 323
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    "भेड़िया "
    "आज तो खूब माल मिला है अम्मा के वास्ते दूध का पैकेट भी हो जाएगा"।
    कचरे के ढ़ेर से प्लास्टिक चुनती हुई रजनी माथे पर चुहचुहा आए पसीने को मिट्टी सने हाँथ से पोछती हुई सोच रही है।
    मुनुआ
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sovhneeye kahani

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    eye opener

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुन्दर लघुकथा

    कहानीलघुकथा

    "शोहदे"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 350
    • 9 Mins Read

    #शीर्षक
    " शोहदे "

    नीना और कविता के किस्से सुनने और सुनाने लायक हैं। दोनों एक ही उम्र की चौदह साल पुरानी उनकी यह दोस्ती न जाने कितने ऐसे दौर से गुजर चुकी है कि मत कहिए।
    नीना कविता की सबसे पक्की
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    ,😊😊😊😊😊😊😊😊😊

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    😁😁😁😁🙂🙂

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    😃😃😃😃😃😃😃

    कहानीलघुकथा

    " मेट्रो रेल"

    • Edited 2 years ago
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    • 188
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    " मेट्रो रेल "
    सितंबर की उमस भरी रात ,
    समय यही कोई रात के साढ़े आठ बजे । मैं दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली मेट्रो ट्रेन में खड़ा सीट की तलाश में इधर उधर नजर घुमा रहा था ।
    पूरी ट्रेन औफिस
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sundr rachna

    Sumi Shweta

    Sumi Shweta 2 years ago

    Bahut khub

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह बहुत खूब

    कहानीप्रेरणादायक

    लालसा 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 305
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    "लालसा "
    श्रीमती अनीता की उम्र ७२ वर्ष की थी जब वे विधवा हुई ।
    वे कोई आम औरत नहीं हैं।उन्हें रोना बिलखना नहीं आता।
    वे एक लम्बे कद की गठे शरीर वाली महिला जो बहुत धीरे बोलती एवं जिन्होंने
    Read More

    लालसा 💐💐,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Kitna pyara

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah kitni pyari

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर लेखन 👌👌

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना.. पति के निधन के बाद, समाजोपयोगी जीवन जीना.. सामान्य दिनचर्या रखते हुए.. मानसिक मज़बूती को दिखाता है..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बहुत ... धन्यवाद सर 🙏🏼🙏🏼💐💐

    कहानीबाल कहानी

    अलबेली

    • Edited 2 years ago
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    • 180
    • 10 Mins Read

    बाल साहित्य के अन्तर्गत...
    #शीर्षक
    "अलबेली"
    उठ जा री अलबेली अब क्या सारा दिन सोती ही रहेगी ?
    अभी घर के भी सारे काम पड़े हुए हैं। उफ्फ ये अम्मा भी ना ठीक से नींद भी नहीं लेने देती है।
    कभी-कभी तो लगता
    Read More

    अलबेली,<span>बाल कहानी</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah ji

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा ़़👌👌

    कहानीलघुकथा

    गजानन के यादों का शहर 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 120
    • 15 Mins Read

    # शीर्षक
    "गजानन के यादों का शहर "

    करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की रफ्तार से भाग रही ट्रेन धीरे होती हुयी शायद किसी छोटे से स्टेशन पर रुक गई थी।
    गजानन ने खिड़की में से सिर निकाल कर पीले रंण के बोर्ड पर
    Read More

    गजानन के यादों का शहर 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    kya bat hai

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह लाजवाब यादों का शहर

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अत्यंत सुन्दर और भावपूर्ण.. अपने शहर की बात ही कुछ और है..!!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर आपकी प्रतिक्रिया मनोबल बढ़ाती है 🙏🏼🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    "कोरोना के दर्द"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 159
    • 7 Mins Read

    # शीर्षक
    " कोरोना के दर्द "
    पिछले हफ्ते जब से सिस्टर मार्था के पिता जोजेफ की कोरोना से मृत्यु की खबर आई है । मार्था को एक पल भी चैन नहीं मिल पा रहा है ।
    अन्त में परेशान हो में वह वार्डन कौशल्या मैडम
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sachi kahani

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sachi kahani

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    0h marmik kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    रक्त दान

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 155
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    " रक्तदान "
    वे दोनों बचपन की सहेलियां शेफाली और हर्षिता एक दूसरे पर जान छिड़कती हैं। दोनों के परिवार में भी अच्छी दोस्ती है।
    परीक्षा खत्म हो चुकी है । महीने के आखरी हफ्ते के शनिवार की
    Read More

    रक्त दान,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह प्यारी सी कहानी

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah,wah

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ahaha 👍👍

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    क्या बात है बहुत सुंदर रक्त दान

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीसामाजिक

    हमसफर 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 180
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    " हमसफर "

    जब जीवनपथ पर दो राही सदैव एक दूसरे के साथ निभाने को तत्पर रहते हुए अग्ररसित हों...
    वे ही सच्चे हमसफर हैं ... जिस तरह से सुखदा और तुलसी।
    सुबह से ही विधवाश्रम का दरवाजा बन्द है लोहे
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    हमसफर 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lajawab kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत सुंदर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    धरतीपुत्र 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 147
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    " धरतीपुत्र "
    बहुत ही पवित्र रिश्ता है
    धरती से किसान का ।
    एक किसान बीज बोता
    है जब धरती की छाती
    फाड़ कर ।
    सूखी धरती और बादलों से
    भरे आसमान देख
    कब रोता और कब हंसता ?
    कोई नहीं देख पाता है ,
    सिवाय
    Read More

    धरतीपुत्र 💐💐,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sach me

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bhut sahi chitran

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    यथार्थ चित्रण

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सही धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    पितृ दिवस विशेष

    • Edited 2 years ago
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    • 209
    • 4 Mins Read

    पितृ दिवस विशेष "बाबूजी" को समर्पित कुछ पक्तियां💐🙏🙏

    गृहस्थी के व्यर्थ के काम काज में उलझ कर अन्तिम क्षणों में नहीं पंहुच पाई थी मैं बाबूजी।

    मुझे पता नहीं उस क्षण सब कुछ से विदा लेते वक्त आपने
    Read More

    पितृ दिवस विशेष ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lekhika ki sahi abhivakti

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी बेहद आभार

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और ह्रदयस्पर्शी मन के भाव..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर हार्दिक आभार आपका 🙏🏼🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    " प्रेस वार्ता "

    • Edited 2 years ago
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    • 66
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    "प्रेस वार्ता"
    "आज तुम्हें दास बाबू ने अपने केबिन में क्यों बुलाया था फिर से शिखा?"
    "क्यों पूछ रहें हैं आप "?।
    लाचारी में डूबी उसकी आँख में चिंगारी की हल्की लौ जल कर बुझ गई।
    " मैंने खुद देखा
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Behtareen katha

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    behtreen laghuktha

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सही है

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी बेहतरीन सर 💐💐

    कहानीलघुकथा

    "पलाश के फूल"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 324
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    "जंगल के फूल "
    पण्डित दीनदयाल अखबार के फ्रंट पेज पर छपी तस्वीर को देख भावमुग्ध हो पत्नी को बोले,
    " यह देखिए अपनी " रजनिया " को।
    फोटो में कितनी अच्छी लग रही है और उसकी आंखें कितनी चमक रही
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi kahani

    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ahahaha

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा 👌👌👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीलघुकथा

    "भ्रम"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 164
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    "भ्रम"
    "देखिए ब्रजेश बाबू ऐसा है कि आप मुझे बस सात लाख कैश और एक स्विफ्ट डिजाएर दे दें ,
    फिर आप जब चाहे जहाँ कहें हम बारात ले कर पंहुच जाएगें"।
    ब्रजेशजी चुपचाप सुन लिए।
    "ओह...क्या कह रहे हैं
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    So gud

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    ahaha anand a gya

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सार्थक लेखन

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    कठपुतली

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 297
    • 9 Mins Read

    #शीर्षक
    "कठपुतली"
    "देखो मृणाल मुझे इस घर का वारिस चाहिए ,
    हमारी अपनी एक एलीट क्लास है और मैं शुद्धता वादी हूँ"।
    सासु माँ के रोबदार व्यक्तित्व के आगे मुझे अपना आस्तित्व हमेशा ही खोखला लगा है।
    "तुम
    Read More

    कठपुतली,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ji bahut achcha lekhan

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah gajab ki lekhni 👌👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर लेखन

    सीमा वर्मा2 years ago

    बेहद आभार

    कहानीसामाजिक

    अक्श की सफेद धुंध

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 184
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    " अक्श की सफेद धुंध "
    हौस्टल के पीछे की तरफ बनी घुमावदार सीढ़ी पर बैठी सपना उदास और विह्वल हो अपने दोनो घुटनों में सिर छिपा रखा है।
    बड़े दिन की छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं। उसकी सारी सहेलियां
    Read More

    अक्श की सफेद धुंध,<span>सामाजिक</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Swagata hai

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah talak shuda ghet ke bachcho ki sachchyee kahti kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद सर

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मार्मिक अभिव्यक्ति

    सीमा वर्मा2 years ago

    हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीसामाजिक

    खोखले रिश्ते 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 184
    • 16 Mins Read

    #शीर्षक
    "खोखले रिश्ते "
    छोटे से शहर दरियापुर के मनोहर लाल की शादी उनके पिता ने कम ही उम्र में जब वे पढ़ ही रहे थे तभी कर दी थी।
    फिर जल्दी ही दो बच्चे भी हो गये।
    लेकिन पत्नी शकुन के सयानेपन ,अनुशासन
    Read More

    खोखले रिश्ते 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    sachchi kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    आपका दिली शुक्रिया ,

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी लगी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    स्मिता आंटी 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 217
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    " स्मिता आंटी "

    सोसायटी के पार्क में बनी बेंच पर बैठी राईमा घोष अपनी फेवरिट आंटी जी स्मिता की बातें सुन मुग्ध हो रही है ।
    वे बेहद खुशदिल और समझदार हैं उनसे सोसायटी में लगभग सभी प्रभावित
    Read More

    स्मिता आंटी 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sundar

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    achichi sakaratmak kahani

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर 🙏🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और आशावादी..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद धन्यवाद सर सुंदर प्रतिक्रिया

    कहानीबाल कहानी

    दादी के सपने

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 216
    • 13 Mins Read

    #शीर्षक
    . " दादी के सपने"
    यह संयोग ही था कि दादी की मोबाईल की बैटरी रविवार को खत्म हो गई ।
    घर के हर सदस्य अपने काम में दिन भर व्यस्त रहते हैं किसी के पास उनके लिए समय ही नहीं बचता है।
    सदा की हँसने
    Read More

    दादी के सपने,<span>बाल कहानी</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    ,,😍😍😍😍😍😍😍😍

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    hahahaha🤣🤣

    सीमा वर्मा2 years ago

    ,🙏🙏💐💐

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    🤪🤪🤪🤪🤪🤪

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक 🙏🙏💐💐

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी सर हार्दिक धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    " बादलों से घिरा आसमान "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 225
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    "बादलों से घिरा आसमान "
    शहर की भीड़ से दूर नदी के उपर बने पुराने पुल जिसकी बाईं तरफ मंदिर और दाहिने तरफ मस्जिद बने हैं।
    बीच में वे दोनों एक दूसरे के हाँथ थामे ठिठके हुए खड़े हैं ।
    लड़की की
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sunder

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah majedar

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा समसामयिक

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीसामाजिक

    "लक्ष्मी एक अनोखा उपहार "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 107
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    "लक्ष्मी एक अनोखा उपहार "

    सुतपा के विवाह की पन्द्रहवीं बर्षगाँठ हर बार की तरह आशा और निराशा से भरा दिन जिसकी शुरुआत माँजी के " दूधो नहाओ पूतों फलो के " वाली
    हृदय भेदी आशीर्वाद के साथ
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Pyari si kahani

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सच में सुंदर कहानी

    कहानीलघुकथा

    "समय के काले बिंदु "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 81
    • 4 Mins Read

    #शीर्षक
    " समय के काले बिंदु"

    " बाबू - ओ बाबू उधर चलें "
    हुस्न के बाजार में खड़ा इधर - उधर तौलती निगाह से सौदा परख रहा कुमार , सहसा उस कातर पुकार को सुन चौंक गया।
    " उधर किधर"?
    बेसाख्ता आवाज निकल गई ।

    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Ah marmik

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    heart touching

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    मार्मिक

    कहानीलघुकथा

    "युद्ध और औरत "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 257
    • 9 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    " युद्ध और औरत-"
    बाहर धूप और धुएं का स्याह अंबार फैला हुआ है ।
    अन्दर साबिया फटी-फटी आंखों से अपनी दोनों बेटियों को देख रही है। उसका मन अनमना हो रहा है ना जाने कब तक ऐसा चलेगा ?
    हर
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Sunder wichar

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    gud thaught

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    युद्ध से ग्रसित क्षेत्र का सही वर्णन

    कहानीलघुकथा

    " तीन पन्ने "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 189
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    " तीन-पन्ने "
    सन् २०/०२/१६ पृष्ठ संख्या '२१' दिन मंगलवार...
    आज बस स्टैंड तक पंहुचने में ही नौ बज गए थे । उस पर से सड़क जाम ,लेट हो ही गई थी।
    किसी तरह भागती हुई क्लास में जा ही रही थी कि ऐवसेंट मार्क
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut sundar

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    lajawab short story👍👍

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    ओह लाजवाब लघुकथा

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद आभार सर आपकी प्रतिक्रिया मनोबल बढ़ाती है 🙏🏼

    कहानीसामाजिक

    " हिम्मत"💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 98
    • 25 Mins Read

    #शीर्षक
    "बेचारगी "
    पूरे दो दिन बाद लौटी है वसुधा उसका सारा जिस्म तार-तार हो रहा है शरीर क्षीण, जैसी लम्बी बीमारी से उठी है वह अन्दर आ सोफे पर लेट गई ।
    छोटी बहन शुभदा उससे लिपट गई और मां बांहो में
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    👍👍👍👍👍

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    new soch

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह नयी सोच

    कहानीसामाजिक

    "हादसा"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 185
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    " हादसा "
    " बचा लो मुझे ... , रमन बचा लो प्लीज " किसी अंधे कुऐं से आती इस आवाज को
    रात में कब और किस पहर सुनी थी यह रमन को बिल्कुल नहीं याद ।
    सपना था या सच ?
    इतना धुधंला और अस्पष्ट ?
    मैं आत्मग्लानि
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Achcha sandarv

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह जिंदगी से जुड़ी हुई

    कहानीलघुकथा

    निर्वाह

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 169
    • 6 Mins Read

    # शीर्षक
    " निर्वाह "
    वे दो थे ,
    शहर से दूर किसी गेस्ट हाउस में मौज-मस्ती के इरादे से जुटे जहाँ वे खा कम और पी ज्यादा रहे हैं ।
    किसी का इन्तजार भी कर रहे हैं तभी खट-खट सुन मुड़ कर देखा तो बांछे खिल गई
    Read More

    निर्वाह,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut achchi

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    मर्मस्पर्शी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक आभार आपका सर

    कहानीलघुकथा

    खफा आदमी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 100
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    खफा आदमी ...
    रघुनाथ नाटे कद का दुबला-पतला शहर के नामी गराज में मोटर मेकैनिक , चीजें सूंघ लेने में दीक्षित ।
    उस दिन दोपहर में दस्तक चैनल की बड़ी गाड़ी वहाँ आ लगी ।
    जिसमें खोजी पत्रकार नीलकांत
    Read More

    खफा आदमी,<span>लघुकथा</span>
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    sundar laghukatha

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    यथार्थ है

    कहानीलघुकथा

    नयी रोशनी 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 89
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    " नई रोशनी"
    सुबह से ही रमिया को उल्टी करती देख कुसुम को शक हुआ उसके हाँथ पकड़ कर ,
    " यह क्या रमिया किसका पाप है " ?
    रमिया गिड़गिड़ाते हुए,
    " अम्मा पाप तो मत कहो जे तो जावेद को वारिस है "
    " ओ अच्छा
    Read More

    नयी रोशनी 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah 🙏🙏

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    कहानीलघुकथा

    "कैदी नं ५०२ "

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 117
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    " कैदी नं ५०२ "
    ठन ठन ठन... कैदी सेल की छड़ पर हवलदार के डंडे की आवाज सुन
    जेल की दीवार से टेक लगा कर बैठे दीनदयाल बाबू अतीत में विचर रहे थे ,
    " पिछवाड़े बित्ते भर की जमीन पर लगा
    आम का पौधा अब विशाल
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अहा हा

    कहानीलघुकथा

    "टाईम मशीन"

    • Edited 2 years ago
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    • 102
    • 11 Mins Read

    #शीर्षक
    "टाईम मशीन"
    निरहंकारी धरणीधर बाबू इस समय यमलोक के द्वार पर हतप्रभ खड़े हैं । उनकी मृत्यु आज ही धरती पर एक बच्चे को बचाने में हुयी सड़क दुर्घटना में हुई है।
    जीवित रहते हुए उन्होंने अनेक
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Gud scince friksan

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    achchi kahani

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बढ़िया साइंस फ्रिक्सन

    कहानीलघुकथा

    "बीजारोपण"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 152
    • 8 Mins Read

    #शीर्षक
    " बीजारोपण "
    नागेश्वर कौलनी का क्वार्टर नम्बर २०१ जो हरदम टिंकू और उसके साथियों की खेलकूद से गुंजायमान रहता था।
    अब वहाँ मनहूस सा सन्नाटा पसरा रहता है।
    टिंकू की माँ पेट से थीं। पिछले
    Read More

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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Gud story

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    wah bahut khub

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी

    कहानीलघुकथा

    गंगाजल 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 175
    • 9 Mins Read

    # शीर्षक#
    " गंगा -जल "
    गली के अन्तिम छोड़ पर बने आलीशान गुलाबी मकान के मालिक हैं चावला साहस अवकारी विभाग में किरानी के पद पर ।
    अनाप-शनाप पैसों से घर भर रक्खा है ।
    पैसा जिस भी माध्यम से तेजी से आता
    Read More

    गंगाजल 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Bahut khub

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    achchi prernadayak

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अच्छी-अच्छी प्रेरणादायक कहानी

    कहानीलघुकथा

    नयी बहू

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 103
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    " नयी बहू"
    "मम्मा नीचे चलो ना दादी रो रही है"
    सात साल की तनु के आंसुओं से डबडबाई आंखे देख कंप्यूटर चला रही प्रिया की उंगलियां थम गई।
    झटपट काम बंद कर सीढियों से नीचे उतर गई। जहाँ डाईनिंग
    Read More

    नयी बहू ,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Wah ji wah

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    bahut achchi

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब 👌👌

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 2 years ago

    रचना बहुत अच्छी है बस थोड़े से कसाव की और जरूरत है।

    कहानीलघुकथा

    विचित्र प्रेम

    • Edited 2 years ago
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    • 114
    • 9 Mins Read

    #शीर्षक
    " विचित्र प्रेम "
    इन दिनों जगहंसाई के डर से हर समय हेमंत की आंखों में एक कातर वेदना छाई रहती उसका भेद खुल ना जाए इस डर से।
    क्योंकि अब उसकी बात निजी ना रह कर जग जाहिर हो चुकी है।
    मैं और
    Read More

    विचित्र प्रेम ,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    Naya vichar

    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    gud story

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत जागरूक करती कहानी

    कहानीसामाजिक

    कड़ी धूप में घना साया 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 194
    • 14 Mins Read

    #शीर्षक
    " कड़ी धूप में घना साया " अंक २
    वीरेन सुबह नौ बजे ही दफ्तर निकल जाते और रात गये वापस आते इधर बच्चे स्कूल चले जाते वह सारे दिन बालकनी से उनके आने के इंतजार में बैठी घर के काम निपटाने में लगी
    Read More

    कड़ी धूप में घना साया 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Shekhar Verma

    Shekhar Verma 2 years ago

    gud story

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी ,👌👌

    कहानीसामाजिक

    कड़ी धूप में घना साया 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 79
    • 16 Mins Read

    नियमित स्तंभ दिए गये विषय "कागज के फूल" के अन्तर्गत
    प्रतियोगिता से इतर...
    #शीर्षक
    "कड़ी धूप में घना साया"
    शिखा अक्सर अपनी बालकनी से उन अर्धसफेद बालों वाले बुजुर्ग को उनके कौटेजनुमा घर से निकल
    Read More

    कड़ी धूप में घना साया 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी 👌👌

    कहानीसामाजिक

    मुकाबला 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 88
    • 15 Mins Read

    # शीर्षक
    " मुकाबला "
    सांवली-सलोनी और घनेरी जुल्फों वाली चांदनी ने जब से देखना शुरू किया है ।तभी से कदाचित सोचना भी प्रारंभ किया है ।
    इस वक्त वह हौस्टल की सीढियों पर बैठी अपनी दोनों हथेलियों
    Read More

    मुकाबला 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    ओह प्रभावित करती है 👌👌

    कहानीसामाजिक

    ईर्ष्या बनी औजार

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 89
    • 22 Mins Read

    #शीर्षक
    "ईर्ष्या बनी औजार"
    अंधेरी रात। साढ़े आठ के करीब बिहार प्रांत के किसी शहर के पास किसी कस्बे में जहाँ शाम में ही रात का सन्नाटा पसर जाता है।
    आवाज आ रही है एक सफेद रंग से पुते चार कमरों वाले
    Read More

    ईर्ष्या बनी औजार,<span>सामाजिक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    कहानीलघुकथा

    नसीहत

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 117
    • 7 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक
    "नसीहत"
    तुम्हारी बस एक यही आदत मुझे अच्छी नहीं लगती स्मिता।
    इजीचेयर पर आराम से बैठे हुए मनोहर जी बोले,
    "आखिर तुम्हें रश्मी बहू से क्या नाराजगी है?"
    "हर समय उसकी मीन मेख निकालने
    Read More

    नसीहत,<span>लघुकथा</span>
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    Roohi Shrivastava

    Roohi Shrivastava 2 years ago

    बहुत खूब

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह प्रेरित करती सुंदर कहानी

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह बहुत खूब 😍😍

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    संक्रमण

    • Edited 2 years ago
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    • 179
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    ' सँक्रमण "

    ड्राईगं रूम में बैठे हुए हरदयाल बाबू हैरान से मुनुआ के आंखों में व्याप्त भय को परखने की कोशिश कर रहे हैं।
    मुनुआ सात आठ साल का लड़का जिसकी पैदाईश ही मेरे घर में
    Read More

    संक्रमण ,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    हृदय स्पर्शी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    मर्मस्पर्शी..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीलघुकथा

    वैलेंटाइन डे स्पेशल अवरोध 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 224
    • 9 Mins Read

    # शीर्षक #
    " वैलेंटाइन डे स्पेशल अवरोध "

    अनुजा और शाश्वत कौलेज में साथ पढ़ते हुए कब एक दूसरे की ओर आकर्षित हुए यह खुद उन्हें भी मालूम नहीं ।
    शाश्वत का तो पता नहीं पर अनुजा इससे अच्छी तरह वाकिफ है
    Read More

    वैलेंटाइन डे स्पेशल अवरोध 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    सुंदर कहानी

    कहानीलघुकथा

    " किन्नर"

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 230
    • 6 Mins Read

    # शीर्षक
    " किन्नर "

    अपनी चमकती हुयी आंखों से यमुना ' हीरू ' को देख रही है। उसकी समस्त चेतना जीवन के एकमात्र चिरप्रतीक्षित सुख प्राप्ति के मानो उत्सव मना रही हो ।
    किसी भी स्त्री की सार्थकता उसके
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    आह मार्मिक संदेश प्रद

    कहानीलघुकथा

    हौसला 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 180
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    "हौसला "
    क्या हुआ मां आप इतनी चुप-चुप सी हैं ?
    पिछले चार दिनों से परेशान कुसुम के कंधे पर हाँथ रख प्रिया कह रही है ।
    " तुम भी तो गुम सी हो गई हो "
    कहते हुए गला रुंध गया उनका ,
    " नहीं मां गुम तो
    Read More

    हौसला 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी

    कहानीलघुकथा

    धूप के आर-पार

    • Edited 2 years ago
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    • 168
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    " धूप के आर-पार"
    " माफ करो ! मुझको माफ कर दो !"
    डरी और घबराई हुयी आवाज में बोल रहे हैं परेश जी।
    जैसे आग भभक उठने पर जिसे जो भी हाँथ आता है उसी को लपक कर दबाने का प्रयास करता है ठीक वैसे ही गरिमा
    Read More

    धूप के आर-पार,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    साहसी कन्या है गरिमा बहुत खूब

    कहानीसामाजिक

    और भी हैं राहें 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 324
    • 16 Mins Read

    #शीर्षक
    " और भी हैं राहें"

    पहले की तरह ही अब भी प्रतिदिन सूर्य सुबह नियमानुसार उगते हैं और साझं में अस्त हो जाते हैं।
    जबकि शिप्रा भी अपनी परिस्थितियों से समझौता कर आगे बढ़ चुकी है जीवन में।
    चार कमरे
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    और भी हैं राहें 💐💐,<span>सामाजिक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह काश सच में ऐसा हो जाए

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    महजबीं बाई 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 287
    • 23 Mins Read

    विषय आधारित रचना
    #शीर्षक
    महजबीं बाई ...

    फागुन की होली का प्रातःकाल अपने आलीशान घर के छत पर अकेले खड़े अधेड़ उम्र धरणीधर जिनके सिर के दो - चार बाल पक गए हैं सिवाय इसके उनके लम्बे चौड़े शरीर में जरा
    Read More

    महजबीं बाई 💐💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी कहानी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत अच्छी.. मर्मस्पर्शी रचना

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर 🙏🏼

    कविताहाइकु

    पर्यावरण सप्ताह विशेष हाईकू

    • Edited 2 years ago
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    • 103
    • 3 Mins Read

    पर्यावरण दिवस विशेष ( हाईकू)

    १) मन है मेरा
    बहुत विकल
    नहीं जानती क्यूँ

    २) बाह्य जगत में
    मचा हाहाकार
    अंदर भी वीरानी

    ३) दिखती अपूर्व शांती
    अंतस मचा शोर,
    या खुदा ये मंजर ?

    ४) प्रकृति
    Read More

    पर्यावरण सप्ताह विशेष हाईकू,<span>हाइकु</span>
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    कहानीलघुकथा

    "आधा मुनाफा"

    • Edited 2 years ago
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    • 258
    • 7 Mins Read

    "नैतिकता" आधारित लघुकथा
    #शीर्षक

    "आधा मुनाफा"
    चुनावों का मौसम आ रहा है।
    विरासत में मिली नेतागिरी संभालते हुए वृजबासी जी इन दिनों काफी व्यस्त चल रहे हैं।
    पिता हरिहर बाबू आजीवन एक क्षेत्र विशेष
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    समसामयिक रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अच्छी रचना

    सीमा वर्मा2 years ago

    🙏🏼🙏🏼 सर आपकी प्रतिक्रिया मेरे मनोबल बढ़ाती है

    कहानीसामाजिक

    "विपन्न तिथियाँ"

    • Edited 2 years ago
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    • 240
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    विपन्न तिथियाँ ...
    पूरे पाँच भाई-बहनों एवं बाबा-दादी से भरा-पुरा संयुक्त परिवार था हमारा।
    पिताजी मुख्य सचिवालय में कलास टू एम्प्लाइ थे।
    मैंने जब से होश संभाला। हमेशा ही अपने पिता को
    Read More

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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    भावुक कर देने वाली रचना हृदय स्पर्शी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अत्यंत सुन्दर और भावपूर्ण..! बरबस पिता जी की याद दिला गयी..! वे दर्शाते नहीं थे किन्तु बहुत प्यार करते थे..! सुन्दर लेखन 👌👍🙏🙏

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद आभार सर 🙏🏼🙏🏼मनोबल बढ़ाने हेतू

    कहानीसामाजिक

    नयी सोच

    • Edited 2 years ago
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    • 252
    • 19 Mins Read

    #शीर्षक
    "नयी सोच"

    "वो सुदूर पहाड़ियों की तलहटी में जो शहर दिख रहा है ना वही मेरे सपनों का शहर हुआ करता था"
    लेकिन उसी सपनों के शहर ने रात के स्याह अंधेरे में मेरा सब कुछ छीन लिया"
    उफ्फ ! मैं मेघा यह
    Read More

    नयी सोच ,<span>सामाजिक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    नई सोच से प्रेरित 👌👌

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और प्रेरक..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद 💐💐🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    "आशा की किरण"

    • Edited 2 years ago
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    • 189
    • 7 Mins Read

    #शीर्षक
    "आशा की किरण"
    बन्द खिड़की की बारीक दरार से छन कर आती धूप देख नन्ही आसमा आँख गड़ा कर बाहर बाजार में फैले हुए सन्नाटे को देख मायूस है ।
    सुबह की ताजी हवा , नर्म धूप और खिले गुलाब के पीछे की वादियों
    Read More

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    Anil Mishra Prahari

    Anil Mishra Prahari 2 years ago

    Bhavatmak srijan.

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद 🎊

    कहानीलघुकथा

    बरगद का पेड़

    • Edited 2 years ago
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    • 253
    • 8 Mins Read

    पर्यावरण दिवस विशेष लघुकथा
    #शीर्षक
    "बरगद का पेड़"
    ट्रिन-ट्रिन , ट्रिन-ट्रिन
    " शिखा जल्दी घर आ जाओ बाबूलाल फिर सदल-बल आया है "
    बाबा की मर्माहत आवाज सुन शिखा रूआंसी आवाज में...,
    "क्या? क्या कहा बाबा
    Read More

    बरगद का पेड़,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर.. मर्मस्पर्शी..!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी दिली शुक्रिया

    कहानीसामाजिक

    वारिस

    • Edited 2 years ago
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    • 128
    • 15 Mins Read

    # शीर्षक
    "वारिस"

    'मृणाल सिंह' , लखीपुर निवासिनी का विवाह हंसापुर के अमीर घराने के प्रभास जी से तब तय हुआ था जब वह मात्र पन्द्रह वर्ष की थी।
    और जिसे उसने अपने पिछले जन्म के किसी पुण्य कर्म का फल
    Read More

    वारिस,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    सगी बहनें

    • Edited 2 years ago
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    • 98
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक

    सगी बहनें...
    अंधेरी रात। साढ़े आठ के करीब बिहार प्रांत के किसी शहर के पास किसी कस्बे में जहाँ शाम में ही रात का सन्नाटा पसर जाता है।
    आवाज आ रही है एक सफेद रंग से पुते चार कमरों वाले घर
    Read More

    सगी बहनें,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीलघुकथा

    टूटी सगाई 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 261
    • 8 Mins Read

    प्रस्तुत है लघुकथा
    #शीर्षक
    टूटी सगाई ...
    अस्पताल के बेड पर लेटी हुई शुभ्रा लाचार कातर दृष्टि से मां की ओर देख रही है।
    जिनकी आंखों में उसके मंगेतर सुधीर द्वारा सगाई तोड़ दिऐ जाने का दंश साफ नजर रहा
    Read More

    टूटी सगाई 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी लघुकथा

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अच्छा ही हुआ कि सुधीर का असली चेहरा. सामने आ गया.

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सर

    कहानीप्रेरणादायक

    दोजख़ सी हवेली

    • Edited 2 years ago
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    • 215
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    दोजख़ सी हवेली...
    "नानी उठिए... , उठिए... ना... यह क्या बड़बड़ा रही हैं?
    आप मुझे कुछ नहीं समझ में आ रहा है"।
    "नहीं... नहीं...इसे मत ले जाओ इसे छोड़ दो,
    कातर आवाज में उँहँ ...उँहँ..." की आवाज में गिड़गिड़ाती हुई
    Read More

    दोजख़ सी हवेली,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    अच्छी कहानी

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    वाह बहुत प्रेरक कथा

    सीमा वर्मा2 years ago

    बेहद धन्यवाद सादर

    कहानीलघुकथा

    आगे की राह 💐💐

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 112
    • 13 Mins Read

    प्रस्तुत है लघुकथा ...
    #शीर्षक
    आगे की राह ...
    मेडिकल के अन्तिम वर्ष की फेयरवेल पार्टी पूरे जोर- शोर से चल रही है ।
    इस शोर-शराबे से दूर हौल के एक कोने में बिजली की झलमल करती रौशनी में लगी मेज पर डौक्टर
    Read More

    आगे की राह 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    आस्था श्रम में 💐💐

    • Edited 2 years ago
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    • 106
    • 15 Mins Read

    #शीर्षक
    आस्था श्रम में ...
    सच है जिनके घर छूट जाते हैं , पूरी धरती उनका घर हो जाती है
    घर से तिरस्कृत हो बाहर निकली सुलेखा को एक पल के लिए समझ में नहीं आया कि वह आखिर कहाँ जाए ?
    एक वक्त था जब पूरे घर
    Read More

    आस्था श्रम में 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    मर्मस्पर्शी.. सुन्दर और प्रेरक रचना.!!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद आभार 💐💐

    कहानीलघुकथा

    धूल वाली लड़की...

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 68
    • 12 Mins Read

    #शीर्षक
    धूल वाली लड़की ...
    विगत चार वर्षों से चल रहे हेमा के अनवरत इंतजार की घड़ियां समाप्त होने को हैं ।
    यों तो उसका कोई रिश्ता तरुण के साथ नहीं पर क्या करे वह अपने दिल के हाथों मजबूर जो है ।
    तरुण
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    धूल वाली लड़की...,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    जिंदगी की मुस्कान 💐💐

    • Edited 3 years ago
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    • 206
    • 12 Mins Read

    शीर्षक

    जिंदगी की मुस्कान ...

    आज अदीति और उनके पति जी सुधीर बेहद खुश हैं उनके इकलौते होनहार बेटे ' सौरव ' के विवाह का तीसरा दिन था । सारा घर नाते रिश्तेदारों से भरा हुआ है ।
    अदीति ने आज सत्य नारायण
    Read More

    जिंदगी की मुस्कान 💐💐,<span>लघुकथा</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    वाह,वाह बहुत सुंदर पंच लाइन,"बहुत कुछ पीछे छोड़ आई है",वाह!

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका हार्दिक धन्यवाद मैम

    कहानीसामाजिक

    सार्थक दाम्पत्य...

    • Edited 3 years ago
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    • 111
    • 16 Mins Read

    शीर्षक
    सार्थक दाम्पत्य ...

    अनुराधा तीन बहनों में सबसे छोटी है और इसी वजह से पिता की दुलारी भी ।
    बड़ी दो बहनों के विवाह जल्दी ही सम्पन्न हो गए और अब तीसरी अनुराधा के विवाह की बात पत्नी द्वारा छेड़ने
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    सार्थक दाम्पत्य...,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीसामाजिक

    विम्मो बूआ

    • Edited 3 years ago
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    • 91
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    विम्मो बूआ ...

    विम्मो तो हम उन्हें प्यार से बुलाते हैं उनका पूरा नाम था विमला ।
    जब कभी मैं जाड़े के दिनों मे हौस्टल से घर वापस आती वे अम्मा के कहे अनुसार अंगीठी सुलगा कमरे में रख जाती
    Read More

    विम्मो बूआ ,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐

    • Edited 3 years ago
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    • 109
    • 24 Mins Read

    #शीर्षक
    चिर कुमारी... समापन अंक ...

    कल आपने पढ़ा पीऊ कालेज की पढ़ाई के लिए बाहर चली गयी है अब आगे ...

    जबकि मैत्री वर्दवान में ही रह गई थी ।
    शुरू में उसके और अशोक दा के समाचार मिल जाया करते
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    यह सत्यकथा लग रही है सच कहूं। तो लग रहा है कि इस कथा पर अभी और काम की जरूरत है। इसे और कसकर निखारने की जरूरत है। प्लाट बेहतरीन है। समय मिले तो इसे थोड़ा समय और दीजियेगा। 😊🙏🏻

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद आपका और आपकी पकड़ का ।विशेष क्या ही कहना ,कहानियां तो हमारे आस-पास ही बिखरी होती हैं आवश्यकता है बस उन्हें सहेजने की। हाँ और समय देने की बात तो मनगढ़त हो जाएगी नेहा जी फिर उसमें वह आनंद कहाँ मिलेगा ?अब जो कंही देखा वही थोड़े उतार चढ़ा से पन्नों पर उतार दिया 😀🙏🏼

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐💐

    • Edited 3 years ago
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    • 132
    • 14 Mins Read

    #शीर्षक
    चिरकुमारी...कल्याणी राए 💐💐
    अंक ५

    मित्रों कल आपने पढ़ा समीरा और नन्हीं पीऊ को छोड़े राघव विदेश की राह पकड़ लेता है ।
    आज सुनते हैं पीऊ की कहानी उस की जुबानी ...

    मैं जब बहुत छोटी
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आपकी लेखनी बहुत अलग है कहानी इस प्रकार भी लिखी जा सकती है। यह पहली बार जाना। बहुत सुंदर जा रही है कहानी अब अगले भाग का इंतज़ार है।

    सीमा वर्मा3 years ago

    वास्तविक की धरातल पर है आपका बेहद शुक्रिया नेहाजी

    सीमा वर्मा3 years ago

    ओह इतनी अच्छी प्रतिक्रिया नेहा जी कल्पना नहीं की थी लेकिन यह तो वास

    कविताअतुकांत कविता

    माँ ऐसी ही होती है

    • Edited 3 years ago
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    • 92
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    मां ऐसी ही होती है ...
    माँ तुम ऐंटीबायोटिक दवा की गोलियों सी।
    मेरे हर दुख-दर्द में तुरंत असर करती हुयी ।
    माँ वे भी क्या दिन थे ?
    जब तुम्हारी ममता की छांव में
    मुझे अपने होने का अहसास पहली
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    माँ ऐसी ही होती है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐

    • Edited 3 years ago
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    • 129
    • 27 Mins Read

    #शीर्षक #
    चिरकुमारी ...
    अंक ४
    कल आपने पढ़ा
    कल्याणी आश्वस्त है पीउ के प्रति अब आगे ...
    मैं पीऊ और मेरी बचपन से ही अन्तरंग सहेली मैत्री ,
    एक ही स्कूल में साथ-साथ पढ़ते हुए नवीं कक्षा पास कर जब
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐

    • Edited 3 years ago
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    • 185
    • 14 Mins Read

    # शीर्षक #
    चिरकुमारी... कल्याणी राए 💐💐
    भाग ...३
    सरकारी बंगले के बरामदे में रखे आराम कुर्सी पर बैठ कल्याणी राए ने पीछे सर टिका लिया ।
    पीऊ के हाते से बाहर निकल चुकी है।
    आखें बन्द करते ही
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत अच्छी जा रही है कहानी

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    कहानी बहुत सुंदर जा रही है।

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद धन्यवाद

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी आपका हृदय से धन्यवाद नेहा जी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐

    • Edited 3 years ago
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    • 103
    • 20 Mins Read

    लम्बी कहानी ...
    #शीर्षक
    चिरकुमारी ... अंक २
    कल आपने पढ़ा कल्याणी राए अपने बरामदे में बैठी बात-चीत में मशगूल हैं अब आगे ...
    कल्याणी मासी और उनकी जिन्दगी की जद्दोजहद से सर्वथा अनभिज्ञ पीऊ दूध
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐

    • Edited 3 years ago
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    • 219
    • 16 Mins Read

    छह अंको में समाप्य लम्बी कहानी
    #शीर्षक

    चिर-कुमारी ... कल्याणी राए 💐 अंक १
    कलकत्ते मेंं जुलाई की उमस भरी शाम कल्याणी अपने चार कमरे वाले विशाल सरकारी क्वार्टर की छत पर खड़ी सामने पसरे सन्नाटे
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    चिरकुमारी ... कल्याणी राए 💐,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    शानदार शुरुआत

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद आपका

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    कहानी का पहला भाग ही शानदार है 👌🏻

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद आगे पढ़ें और भीअच्छी लगेगी लगेगी

    सीमा वर्मा

    सीमा वर्मा 3 years ago

    जी धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी सर हार्दिक धन्यवाद 🙏🏼

    कविताअतुकांत कविता

    स्त्री हूँ मैं अबला नहीं ...

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक

    स्त्री हूँ मैं पर अबला नहीं ...

    प्रेम- दया -करूणा से भरी सबला हूँ
    मोह की मीठी भावना में अविचल
    बहती नदी चपला हूँ पर अबला नहीं हूँ...
    मैंने खुद चाहा था तुम्हारी बेड़ियों में बंधना

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    स्त्री हूँ मैं अबला नहीं ...,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह भहुत खूब

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद नेहा जी

    कहानीसामाजिक

    अहसास

    • Edited 3 years ago
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    • 208
    • 17 Mins Read

    #शीर्षक
    अहसास ...

    मालती मात्र १७ की थी जब उसका विवाह सुधीर के साथ सम्पन्न हुआ था । उसने जब से सपने देखना शुरू किया था तभी से सोंचना भी उसका मन भी फूलों जैसा महका था सुधीर के साथ।
    यह उम्र ही होती है
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    अहसास,<span>सामाजिक</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी आपका बेहद आभार

    सीमा वर्मा3 years ago

    हार्दिक धन्यवाद शिवम राव जी 🙏🏼

    कहानीलघुकथा

    फूलवाली लड़की ..।

    • Edited 3 years ago
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    • 103
    • 14 Mins Read

    #शीर्षक#
    फूलवाली लड़की...

    रोज शाम पांच बजे घर से निकल नीरजा रोड के उस पार वाले फूल की दुकान से अपनी व्हील चेयर पर आश्रित बिटिया रिम्मी के साथ जा कर फूल खरीदना नहीं भूलती है ।
    यों की
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    फूलवाली लड़की ..।,<span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत अच्छी 👌🏻

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी आपका दिल से धन्यवाद है

    कविताअतुकांत कविता

    ठानी है हमनें

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 5 Mins Read

    #शीर्षक
    ठानी है हमनें...

    हम पृथ्वी के खुशदिल प्राणी ऐसे कभी न थे बेचैन ये

    किस साजिश के तहत तुमने जकड़ ली हमारी खुशियां

    शुष्क हवाएं, तपती धरती ,बीच-बीच में करुण- रुदन

    बस अब बहुत हो गया कोरोना गो
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    ठानी है हमनें,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह बहुत खूब

    कहानीलघुकथा

    भरोसा शेरावाली पर

    • Edited 3 years ago
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    • 260
    • 10 Mins Read

    #शीर्षक
    भरोसा शेरावाली पर ...
    बेटे अरुण का फोन आने के साथ ही कुसुम ऐसी कठिन परिस्थितियों में घिरी है जिससे निकलने की कोई राह नहीं नजर आ रही , उस पर से पति साहेब को संभालने की जिम्मेदारी भी आन पड़ी
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    भरोसा शेरावाली पर,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    अच्छी रचना मगर जाने क्यों अधूरी लगी। अगर इसमें अरुण को ठीक होते दिखातीं तो मेरे ख्याल से ज्यादा ठीक लगता

    सीमा वर्मा3 years ago

    होना ही दर्शाना था 🙏🏼🙏🏼

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी दिल से धन्यवाद अंकिता आपका सुझाव स्वागत योग्य है ।दरअसल यह सत्य कथा ही है और लिखने के पीछे मंशा है साहेब के कर्मकांडी न होते हुए भी ईश्वर पर अटूट विश्वास

    कविताअतुकांत कविता

    सपना

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 3 Mins Read

    शीर्षक
    सपना ...

    सपने में फिर मिली थी वह वैसी ही सुन्दर कनक छड़ी सी ।
    जैसी बर्षों पहले थी आँखों में लिए हँसी ख्वाब ।
    गालो की मोहक गहराई कलाई में थामें दुपट्टे की कोर चुभोने को तैयार नैनों के वाण
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    सपना,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूबसूरत सुनहरे फ्रेम में जड़ी वह मेरे सामने खड़ी थी।

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी दिल से धन्यवाद नेहा जी 💐💐

    कविताचौपाई

    अहसास

    • Edited 3 years ago
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    • 147
    • 1 Mins Read

    शीर्षक
    अहसास...

    हवाएं बहती है देखा किसने है ?

    महज अहसासों की बात है

    लेकिन जब पते् सरसराते हैं डालियां

    झूमती हैं तो जरूर इठलाती- झूमती होगी ....

    अहसास,<span>चौपाई</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब पर यह आधी है क्या?

    सीमा वर्मा3 years ago

    नहीं नेहा जी बस यूं ही कुछ छोटे से अहसास हैं 😊😊

    कहानीलघुकथा

    अतिथि

    • Edited 3 years ago
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    • 231
    • 6 Mins Read

    #शीर्षक
    अतिथि...
    वह चित्रकार था अपनी भव्य कल्पना से ढ़ेरों चित्र बनाता ।
    लेकिन सब स्याह रंग से पुते चटक रंगों का नितांत अभाव था उनमें ।
    कुछ तो गड़बड़ था उसकी जिन्दगी में कि उसकी हंसी धीमी हो अब
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    अतिथि,<span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह क्या कहने

    सीमा वर्मा3 years ago

    बहुत खूब सुंदर प्रतिक्रिया 👍👍

    कविताअतुकांत कविता

    हाशिए पर सैनिक

    • Edited 3 years ago
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    • 112
    • 2 Mins Read

    #शीर्षक
    हाशिए पर सैनिक ...
    डटे रहो तुम वीर जवान
    पीछे हम मां भारती के संतान
    चाहे कितना भी हो अत्याचार
    नहीं हो जाना तुम लाचार

    रेत के उठते बवंडर में
    नाव उलटी -हवा पलटी
    वोट क्लब पर मांगते वोट
    घड़ियाल
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    हाशिए पर सैनिक ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    वीर जवानों की कठिनाईयों का हम अनुमान ही लगा सकते हैं।

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद वह भी जब सामना अपने देश के नागरिकों से हो तब और भी बुरा लगता है

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bahut khub. picture aapne superb lagayi hai rachna par ekdam fit 👌🏻

    सीमा वर्मा3 years ago

    जी सराहना हेतु हार्दिक धन्यवाद नेहा जी

    कहानीबाल कहानी

    मिनी

    • Edited 3 years ago
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    • 176
    • 10 Mins Read

    बाल लघुकथा # शीर्षक #
    मिनी ----
    मिनी के पापा का तबादला महानगर में हो गया पापा मम्मी बहुत खुश हैं।
    चाचू ,बुबु और खुद मिनी जरा भी नहीं ।
    मिनी तो रुआंसी हो रही है।
    यंहा कितने मजे से वह चाचू की पीठ की सवारी
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    मिनी,<span>बाल कहानी</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    dogs are very cuteeee ❤️

    सीमा वर्मा3 years ago

    😊😊 थैंक्स अ लौट नेहा जी

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    सुहानी प्रेमिल शाम

    • Edited 3 years ago
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    • 117
    • 12 Mins Read

    लघुकथा
    #शीर्षक #

    सुहानी प्रेमिल शाम...

    फरवरी का महीना चारो तरफ वासंती बयार बह रही है तन्मय अपने कौलेज की तरफ से जानेवाले हिस्टोरिकल टूर पर राजस्थान गया है ।
    जहाँ तीसरे दिन वे सब रणथंभोर घूमने
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    सुहानी प्रेमिल शाम ,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    मन को छूती हुई सी कहानी ❤️

    सीमा वर्मा3 years ago

    स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद नेहा जी

    कहानीलघुकथा

    हवेली की ठकुराइन

    • Edited 3 years ago
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    • 190
    • 18 Mins Read

    #शीर्षक

    हवेली की ठकुराइन...

    बड़का गांव के ठाकुरों की बड़ी बहू राजलक्ष्मी यद्यपि कि निसन्तान है ,
    फिर भी झिझक से भरी पूरे गांव में घूंघट में घिरी नहीं रहती है वरन् पुरुषार्थ से भरी पूरी हवेली की मजबूत
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    हवेली की ठकुराइन,<span>लघुकथा</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बेहतरीन लेखन है आपका

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सादर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बेहतरीन राजलक्ष्मी जैसी औरतें अपने देश में भी हो जाये तो किसी कैलाश को अनाथ आश्रम या कोई दुख न भोगना पड़े।

    सीमा वर्मा3 years ago

    दिल से धन्यवाद नेहा जी

    सीमा वर्मा

    सीमा वर्मा 3 years ago

    पाठकों की प्रतीक्षा में

    कवितागीत

    मन फगुआ

    • Edited 3 years ago
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    • 216
    • 3 Mins Read

    #शीर्षक
    मन फगुआ ...
    सखी री फिर आज आया वसंत
    आकुल सा व्याकुल सा कुछ
    छहर-छहर बौराया सा
    गुन-गुन गुंजित भ्रमर गीत
    चली बहकी-बहकी मनभाई
    हवा वसंती बौराई ...
    भोर की सुंदरी शरमाई
    सुना है जब से फागुन की धुन
    कोयलिया
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    मन फगुआ,<span>गीत</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    बहुत खूब

    कहानीअन्य

    सिंदूरी शाम ... समापन अंक

    • Edited 3 years ago
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    • 183
    • 23 Mins Read

    समापन अंक # शीर्षक
    सिंदूरी शाम
    वह सिंदूरी शाम अब धीरे -धीरे धीरे रात की ओर बढ़ रही थी । आज शायद पूर्णिमा की रात थी तो स्वच्छ - निर्मल चांदनी फैलने लगी थी । यद्दपि वहां बिजली नहीं होने के कारण अंधेरा
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    सिंदूरी शाम ... समापन अंक,<span>अन्य</span>
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    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    लाजवाब

    Anjani Kumar

    Anjani Kumar 2 years ago

    ओह बहुत सुंदर अंत

    सीमा वर्मा2 years ago

    जी हार्दिक धन्यवाद सादर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    👌🏻

    सीमा वर्मा2 years ago

    वाओ 👍👍