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Start Date 10-Feb-21
End Date 14-Feb-21
Writer | Rank | Certificate |
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Pallavi Rani | Certificate | |
Poonam Bagadia | Certificate | |
Ajay Goyal | Certificate |
Competition Information/Details
सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...!
इस फरवरी ने सभी को अपने प्रेम रंग में रंग लिया है और ऑनलाइन तो इश्क़ की धूम मची है। ये ऑनलाइन इश्क़ कितना सार्थक है और कितना निर्रथक लिख भेजिये अपने खट्टे मीठे अनुभाव अपनी कलम की जुबानी..!
दिनाँक - 10फरवरी से 14फरवरी 2021
विषय - ऑनलाइन इश्क़
विधा - मुक्त (किसी भी विधा मे)
लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।
आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा... सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....
भूमिका संयोजन
पूनम बागड़िया
धन्यवाद
साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।
कवितालयबद्ध कविता
एक तेरा होना ना होना
काफी कुछ बदलता है
ये प्यार है बरखुरदार
मौसम नहीं जो बदलता है
कभी खुशियां कभी ग़म आते है
जिन्दगी का चक्र हर पाल हर दिन
हर वक्त बदलता है
सोचा था तू लौट आएगा थोड़ी दूर जाकर
सोचा
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कवितालयबद्ध कविता
एक रात अकेले में सोचा कब तक युही जिया जाए ...
चलो शुरू कर फ़ेसबुक वहां टाइम पास किया जाए ...
नही जानता थी मुझे ये अपनी ओर खिंच ले जाएगा ...
हमे क्या पता था हमे भी ऑनलाइन इश्क़ हो जाएगा ...
ऑनलाइन इश्क़ का ट्रेंड
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कविताअतुकांत कविता
आशिक़
जब गुजरता है प्रेमिका की गली से
निहारता है एकटक
प्रेमिका के घर की खिड़कियों की ओर
दर्शन करना चाहता है प्रेमिका का
जिस तरह एक भक्त व्याकुल रहता है
ईश्वर की मूर्ति की एक झलक देखने ख़ातिर
ठीक उसी
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कविताअन्य
"आख़री मोह्बत"
तिनको सा बिखरा था,तुमने मुझे संवार दिया
मैं जब भी हुआ तन्हा, तुमने आकर थाम लिया
जिस्म तो था लेकिन रूह ढूंढता था मैं मगर
तुम्हारे अक्स में अपनी रूह का दीदार किया
तुम मेरी पहली मोहब्बत
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कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता
' ऑनलाइन इश्क का खुमार '
ऑनलाइन इश्क का चढ़ा खुमार,
देखो बदले रूप में प्यार।
इंटरनेट पर जुड़कर करते,
बातें मीठी बनकर यार।
पहले दिन तो हाय हेलो तक,
दूजे दिन से मत पूछो।
मैसेज भेज के कह देते हैं,
मुझको
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कवितालयबद्ध कविता
इनबॉक्स वाला इश्क़
आज जैसे ही फेसबुक खोला
एक नोटिफिकेशन बोला
मित्रता का निमंत्रण सामने से आया था
देखकर खाली डी.पी थोड़ा सर चकराया था।
नाम देखा, सुकन्या थी, झट निमंत्रण स्वीकार किया
दिल गदगद हो
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बहुत खूबसूरत.. आन लाइन की सच्चाई..!
बहुत बहुत धन्यवाद सर
facebookiya ishq bas 5 din ka hi hota hai bilkul satik rachna itni jaldi kisi par bhi vishwas karna sahi nahi hota behtrin sandesh deti hui rachna
प्रोत्साहित करने के लिए सादर आभार आदरणीया
बहुत ख़ूबसूरत..! आजकल की वास्तविकता..!
सादर आभार आपका...! जी सर... आजकल के लव में लव तो हैं पर प्रेम नही..!
उम्दा कृति
धन्यवाद सर...!
धन्यवाद...!
कविताछंद
'ऑनलाइन इश्क '
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ये 'ऑनलाइन वाला इश्क' भी ना ,
क्या कमाल करता है ।
कमबख्त दिल का नही कसुर ये,
मोबाइल का इख्तियार लगता है ।
देख के वो कजरारी आंखें ,
दिल धक-धक सौ बार हुआ ।
देखी उसकी सुंदर डी .पी.,
एक
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कविताअतुकांत कविता
"काश तुम Hug कर पाते"
*****
काश तुम Hug कर पाते
उस बूढ़ी माँ की पीड़ा,
उन आंखों में उमड़ते सैलाब को
जो तरस गयी हैं ममत्व को,
उसके आँचल में छिपे सात्विक प्रेम को ।
*****
काश तुम Hug कर पाते........
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बहुत सुंदर
हार्दिक आभार आदरणीया
कविताअतुकांत कविता
कराह रही है धरा
कर रही है पुकार
हे मनुज मत कर
तु अब मेरी संघार
मैं हूं तेरी वसुंधरा
सजीवों का संचार
जीवन का प्रतिकार
प्रकृति का उपहार
संवेदना तु मारकर
हो गया है दैत्यकार
शस्त्र निज पर ही
क्यों
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कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा
कारवां गुजर गया ---
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मौसम ने करवट ले ली है । बसन्त का मौसम तो दिल में उमंग पैदा करता है। आज बहुत दिन बाद ना लिखने का मन ना पढ़ने का और ना ही टी.वी देखने का मन । सोचा इस गुनगुनी धूप में आराम से बैठ
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कवितालयबद्ध कविता
बड़ी बेमुरव्वत जिन्दगी हो गयी है
दिन काली रातें हसीन हो गयी है।
तेरे इश्क का सर नशा चढ़ गया है
जो भी सामने है ,वो आया गया है।
नावाकिफ मैं खुद के जिम्मेदारीयों से
बसन्त में भी सुखा ये चेहरा नया
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क्या मैने अपडेट करके प्रयास किया। क्या अब प्रतियोगिता में ऐड है ।कृपया बताएं। मेरी कविता संवेदना भी प्रतियोगिता में शामिल नही हो पायी मैने ऑप्शन क्लिक किया था ।
जी अब ऐड हो गयी है।
कवितानज़्म
चल रहा है जमाने में बहुत,आनलाईन इश्क़
आशिको की बना हुआ है,लाईफलाईन इश्क़
इल्कट्रिक तरंगों से होती है दिलों कि सौदेबाजी
फेसबुक, इंसटा पे होती है जारी,गाईडलाईन इश्क़
कसमें वादे होते थे कभी कश्मीर
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