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Start Date 15-Feb-21
End Date 21-Feb-21
Competition Information/Details
सौम्या , जी .एन .एम नर्सिंग स्टूडेंट ट्रेनिंग पर थी । सावन का महीना था तो बरसात अचानक कभी भी हो जाती थी ।वो बहुत सुंदर नशीले नैन ,कमर में लचक, लंबे बाल जैसे कोई नर्सिंग स्टूडेंट नहीं मोडल हो । एक दिन छुट्टी के समय पर एमरजेंन्सी पेशंट आ गया और सौम्या को अस्पताल में रुकना पड़ा ।
बाकि के सारे ट्रेनीज़ वहां से जा चुके थे सौम्या भी पेशंट को देखकर जाने लगी ,जैसे ही गेट पर पहुँची तेज़ बरसात शुरू हो गई । वो एक साईड शेड के नीचे बरसात रुकने का इंतज़ार करने लगी ,बारिश उसे बहुत पसंद थी पर अस्पताल में है ये सोचकर बस उसके थमने का इंतज़ार करने लगी ।
कि तभी उसकी नज़र पड़ी अस्पताल की छोटी सी कैंटीन पर जहाँ कार्तिक चाय की चुसकी के साथ बरसात का आनंद ले रहा था । उसे देखकर सौम्या के चेहरे पर एक मासूम सी हंसी आई और उससे सब्र नहीं हुआ । बस फिर क्या था जा पहुँची कैंटीन के पास और बोली छोटू एक चाय बनाना ।
जी दीदी और धीरे से कार्तिक के पास से जाते हुए छोटू ने कान में कहा "भईया आज बात कर ही लो" । कार्तिक थोड़ा सा शर्मा ते हुए "ए छोटू काम पर ध्यान दे "।
बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी थोड़ी देर में छोटू सौम्या को चाय पकड़ाते हुए बोला "दीदी यहाँ रोज़ आया करो चाय पीने बढ़िया चाय है पीकर देखो " कार्तिक की और देख कर हंसा और सौम्या उन दोनों की मुस्कान को नोटिस कर रही थी कि तभी कार्तिक बारिश में भीगने लगा और छोटू के साथ खेलने लगा ।
सौम्या का ध्यान कार्तिक की और आकर्शित था । वो उसे टकटकी लगाए देखने लगी । मानो कहीं खो गई हो
क्रमश: ........
सौम्य खोकर खुद को कार्तिक के साथ बरसात की रात में नाचते गाते हुए प्यार का इज़हार करते हुए सोचती है। बस इसी परिस्थिति पर आपको गीत लिखना है।
जल्दी से उठाइये कलम और लिख डालिये गीत और भेजिये हमें।
कहानीकार
भावना सागर बत्रा
कवितागीत
सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021
समूह:-लफ्जों की उड़ान
कहानी:-अधूरी कहानी भाग -1
रचनाकार:-सुदीप्ता जेठी राउत
विधा:-गीत
विषय:-प्यार का इजहार
गीत
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मन में जो बात है दबी मुझे आज कहना है
प्यार का इजहार आज मुझे
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कवितालयबद्ध कविता, गीत
आयोजन - सा.रे.गा.मा.
अधूरी कहानी भाग -1-15
समूह - लफ्जों की उड़ान
विधा- काव्य गीत
विषय - रिमझिम सावन की बूंदे.
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[रचना]
धानी चुनर मैं ओढ़ के निकली,
पर बारिश की बूंदों ने रोक ली।
ये काली बदरिया
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सुन्दर भाव भरी रचना ।
💐💐
सादर आभार आदरणीया।
कविताअन्य
मुस्कुरा कर वह कह के चले गए,
कि हम लौट आएंगे एक दिन।।
फिर वक्त गुजरा, फिर वक्त गुजरा,
फिर वक्त गुजरा, और गुजरता ही गया,
वह एक दिन कभी ना आया।।
बेवक्त थे, हम उसके लौट आने की,
और उनके खामोशियों
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आदरणीय आपका सही नाम प्रोफाइल में अपडेट कर लीजिए।
Sorry Dekha Nahi main ok ji change Kar liya dhanyvad
कविताअतुकांत कविता
#सा रे गा मा (अधूरी कहानी ) भाग 1
*सावन की सौगात*
ये बूंदे सावन की आज बरसी
के दिल के अरमाँ मचल रहे हैं
मौन तुम्हारा, चाहे रहा हो
शब्द लबों में, समा गए हो
नयनों की भाषा ने बयाँ किया है।
ये बूंदे,,,
आते व जाते,
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कविताअतुकांत कविता
#सा रे गा मा पा (अधूरी कहानी ) भाग 1
*सावन की सौगात*
ये बूंदे सावन की आज बरसी
के दिल के अरमाँ मचल रहे हैं
मौन तुम्हारा, चाहे रहा हो
शब्द लबों में, समा गए हो
नयनों की भाषा ने बयाँ किया है।
ये बूंदे,,,
आते व
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कविताअतुकांत कविता
*कौन हो तुम*
अनदेखी अनजानी अजनबी सी कौन हो तुम ,
तुम्हारा फोन आते ही रिंगटोन दिल में बजने लगती है ,
अब अक्सर रात की नीरवता मुझ पर भारी नहीं पड़ती , तुम्हें जो सोचने लगा हूं ।
मैं अब अकेले में तुम्हें
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Khubsurat panktiyan dear
हार्दिक धन्यवाद जी ।
बहुत अच्छी कविता बधाई।
जी हार्दिक धन्यवाद ।
कवितागीत
सा-रे-गा-मा-पा संगीत उत्सव 2021
अधूरी कहानी भाग एक
सौम्या- रिमझिम बरसता पानी...
और उस पर ये नादानी...
लगती है अच्छी मुझे...
पर...
कार्तिक- पर... क्या? तुम्हारे मुख से कुछ भी कहना मुझे अच्छा लगता
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कवितागीत
*भीगी बरसात में तेरा दीदार करती हूँ ...*
*ऐ बेखबर मैं तुमसे प्यार करती हूँ ...*
चाय के बहाने चली आती हूँ ...
शर्मा के,चुपके से,तेरे पास आती हूँ ...
कहना है बहुत कुछ इस पागल दिल को ...
पर कहने से थोड़ा घबराती हूँ
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कवितागीत
कर रहें हैं गुफ्तगू अब्सार
दरमियान तेरे मेरे
इजहार हो रहा है प्यार
दरमियान तेरे मेरे।
राज़ ए दिल मेरे सभी
ज़ाहिर होने को है,
ये सावन न मद्धम
ना अब सम्भलने को है।
बहने लगी है एक बयार
दरमियान तेरे मेरे,
इजहार
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कविताअतुकांत कविता
# सा-रे-ग-म-प (अधूरी कहानी भाग1) १-१५,2,21 फरवरी प्रतियोगिता
*सावन की सौगात*
ये बूंदे सावन की आज बरसी
के दिल के अरमाँ मचल रहे हैं
मौन तुम्हारा चाहे रहा हो
शब्द लबों में समा गए हो
नयनों की भाषा ने बयाँ किया
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कविताअतुकांत कविता
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना
तुमसे जुड़ चुकी है खुशियाँ मेरी ; अब मुझे मत ठुकराना
तुझ जैसी कहीं मिली न मुझे ; मैंने ढूंढा सारा जमाना
तेरे लिए लड़ जाऊँगा दुनिया से मैं ; तुम कभी
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बहुत खूब इस गीत को गाकर जरूर देखिएगा आदरणीय।
जी आदरणीया जरूर ☺
कवितागीत
ये इनायत है ख़ुदा की, पूरी ख़्वाहिश हो रही है
तेरे मेरे मिलने की कोई साजिश हो रही हैं
मुझे भीगने दो ना यार बारिश हो रही है
कब से तुमको चाहा है,ये कैसे बताऊं तुमको
कितनी तुमसे मोहब्बत मैं कह ना पाऊं
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कवितागीत
प्यार तुझसे ना किया हमने
तेरी मधुर आवाज हमे दीवाना करती है
एकटक मैं देखूं तुझको
जब तू मेरे सामने बातें तमाम करती है
तेरी आंखों के ये पैमाने
उतर जाते है मेरी आंखों में
जब मेरी आंखे तेरा दीदार करती
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बहुत ही सुन्दर रचना आदरणीय
हार्दिक आभार और अभिनन्दन ।
कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता
आयोजन- सा रे गा मा
समूह - लफ्जों की उड़ान...
(अधूरी कहानी भाग - १)
विधा- काव्य गीत
विषय- सावन सी भिंगा दो ना
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हे प्रीतम कार्तिके तुम
प्रेम वाटिका आओ ना
स्नेहमय की वर्षा
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शानदार पंक्तियां,बेहतरीन अभिव्यक्ति👌🏻👌🏻👏🏻👏🏻👍🏻👍🏻
हृदय तल से आभार महोदय
लाज़वाब लेखनी....शब्द संयोजन भी कमाल है...वाह वाह
धन्यवाद महोदय श
सुंदर पंक्तियां
जी सादर धन्यवाद।
जी सादर आभार
बहुत ही सुन्दर रचना सुन्दर शब्द संयोजन
बहुत-बहुत शुक्रिया आप सब की सराहना हमारी लेखनी को बल देती है
सुन्दर गीत योजना
हृदय तल से आभार महोदय
Nice post
Thank you for your appreciation
बहुत खूब
सादर आभार एवं धन्यवाद महोदय