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Sahitya Arpan - आकाश त्रिपाठी
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आकाश त्रिपाठी

'Akash Tripathi Jaanu'

Writer & Singer

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    Section Genre Rank
    लेख अन्य 5th

    कवितागजल

    मैं ज़िन्दा हूं, बेजान हूं।

    • Added 1 year ago
    Read Now
    • 55
    • 2 Mins Read

    क्यों मेरे लब ख़ामोश हैं?
    क्यों दिल में मचा है शोर?
    ये सूखे मेरे होंठ क्यों है?
    क्यों तूंफा है चारो ओर?

    क्यों मन को कुछ भाता नहीं?
    कोई अपना नज़र आता नहीं।
    क्यों काले बादल छाए हैं?
    क्यों बन के सजा
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    मैं ज़िन्दा हूं, बेजान हूं।,<span>गजल</span>
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    कवितागजल, गीत

    ये बात आख़िरी है।

    • Added 1 year ago
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    • 51
    • 3 Mins Read

    तेरी राहों में मैं पत्थर,
    अब और नहीं बनना चाहूं।
    तेरे सीने पर बन खंज्जर,
    अब और नहीं रहना चाहूं।
    मैंने तो बिन सोचे समझे,
    सिर्फ तुम्ही से प्यार किया।
    पर तुम समझ सकी न मुझको,
    रुसवा मुझको यार किया।
    तेरी
    Read More

    ये बात आख़िरी है।,<span>गजल</span>, <span>गीत</span>
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    कवितागीत

    मेरी उल्फ़त, मेरी चाहत

    • Added 1 year ago
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    • 51
    • 2 Mins Read

    जिसकी चाहत थी मुझको,
    वो आज मिली है।
    मन के कण-कण में बन गुल,
    वो आज खिली है।

    गूंज रही है बनकर स्वर,
    वो अंतरमन में।
    धड़क रही है बनकर दिल,
    दिल की धड़कन में।

    मैं पागल हूं उसके ख़ातिर,
    अब होश नहीं है।
    उससे
    Read More

    मेरी उल्फ़त, मेरी चाहत,<span>गीत</span>
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    लेखअन्य

    बस एक मज़ाक था।

    • Added 1 year ago
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    • 43
    • 1 Mins Read

    जिस मोहब्बत पर मुझे नाज़ था,
    आज पता चला कि बस एक मज़ाक था।

    बस एक मज़ाक था।,<span>अन्य</span>
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    Firoz Khan Madni

    Firoz Khan Madni 6 months ago

    Superb

    कवितागजल

    भूला मुझको दिया..

    • Edited 3 years ago
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    • 137
    • 1 Mins Read

    खता किसी और की थी, गिला मुझसे किया।
    चोट किसी और से मिली, रास्ते से हटा मुझको दिया।
    मैंने तो सिद्दत से तुम्हें चाहा, और चाहेंगे हरदम।
    वो बात अलग है..
    भुलाना ज़माने को था, और भुला मुझको दिया।

    भूला मुझको दिया..,<span>गजल</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    यह रचना इतनी है क्या 🤔

    कविताअन्य

    दिल टूट गया।

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 194
    • 1 Mins Read

    हमें भी नाज़ था अपनी मोहब्बत पर,
    जब उन्हें बदलते देखा, तो दिल टूट गया।

    दिल टूट गया।,<span>अन्य</span>
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    👌🏻

    आकाश त्रिपाठी3 years ago

    धन्यवाद् जी ☺️🙏

    कविताअन्य

    तेरे जाने के बाद।

    • Edited 3 years ago
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    • 129
    • 1 Mins Read

    वो खुशी कहीं खो सी गई है,
    तेरे जाने के बाद।
    जो खुशी मिलती थी दिल को,
    तेरे मुस्कुराने के बाद।।

    तेरे जाने के बाद।,<span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    ज़माने की नज़र में

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 162
    • 2 Mins Read

    जमाने की नज़र में..

    जमाने की नज़र में, मैं भी गुनहगार हूं
    मुझेसे किसी को प्यार है, और मैं भी किसी का प्यार हूं
    ख्वाबों में मेरे खोई वो, जागी है सारी रातों में
    खुद से सवाल कर - कर वो, उलझी है खुद की बातों
    Read More

    ज़माने की नज़र में,<span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    औकात

    • Edited 3 years ago
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    • 150
    • 2 Mins Read

    औकात
    १.
    उसकी चाहत में इतना पागल था,
    की अपनी औकात भुला बैठा।
    और उसने एक दिन पूंछ लिया,
    तेरी औकात ही क्या है?
    २.
    सारा वक्त तो तुझपर लूटा दिया,
    उस औकात को क्या देता।
    जिसे देखने के लिए,
    सारा ज़माना उमड़ पड़ता
    Read More

     औकात,<span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    कलाकार बनूं , या ना भी बनूं..

    • Edited 3 years ago
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    • 158
    • 1 Mins Read

    कलाकार बनूं, या ना भी बनूं।
    पर इंसान तो अच्छा बन जाऊं।
    हॅंस कर मैं चुरा लूं ग़म सारा..
    चाहूं बस यही, हरपल चाहूं।।
    - आकाश त्रिपाठी (जानू)

    कलाकार बनूं , या ना भी बनूं..,<span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    तेरी यादें।

    • Edited 3 years ago
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    • 83
    • 1 Mins Read

    कितना सताती हैं यादें तेरी,
    जब-जब अकेला होता हूं मैं।
    कैसे दिखाऊं मैं हाल-ए-जिगर,
    छुप - छुप कर तन्हा रोता हूं मैं।।

    - आकाश त्रिपाठी (जानू)

    तेरी यादें।,<span>अन्य</span>
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    कवितागजल

    वो पल मैं कैसे बतलाऊं..

    • Edited 3 years ago
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    • 83
    • 3 Mins Read

    उस पल का क्या बखान करूँ,
    जिस पल उसका दीदार किया।
    वो पल मैं कैसे बतलाऊं,
    किस पल मैं उससे प्यार किया।

    जब भीगी-भीगी जुल्फों ने,
    जब बिन काज़ल की आँखों ने,
    जब मीठी-मीठी बातों ने,
    था उस पल मुझपे वार किया।
    वो
    Read More

    वो पल मैं कैसे बतलाऊं.. ,<span>गजल</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    आकाश त्रिपाठी3 years ago

    धन्यवाद् जी 😊🙏

    कवितागजल

    आज मिलेगी वो मुझसे...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 115
    • 4 Mins Read

    आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है ।
    शायद, आज उसे मेरा वो पहला प्यार याद आया है ।

    एक पल था, जब साथ-साथ हम, दोनो खेला करते थे ।
    एक पल था, जब साथ-साथ हम, मेला जाया करते थे ।
    एक पल था, जब वो सर पर, ऊंगुलिया
    Read More

    आज मिलेगी वो मुझसे...,<span>गजल</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत खूब

    आकाश त्रिपाठी3 years ago

    धन्यवाद् जी 😊🙏

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत ही सुंदर बचपन का पहला प्रेम 👌🏻

    आकाश त्रिपाठी3 years ago

    धन्यवाद् जी 😊🙏

    कविताअन्य

    दिल खोल के लुटा देती है..

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 97
    • 1 Mins Read

    तेरी दरियादिली का बखान कैसे करूँ,
    जो तू ज़ख्म पे ज़ख्म, दिल खोल के लुटा देती है ।

    -आकाश त्रिपाठी (जानू)

    दिल खोल के लुटा देती है..,<span>अन्य</span>
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    कवितागजल

    क्युं आँख तेरी भर आयी है ...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 87
    • 3 Mins Read

    क्युं होंठों पर है ख़ामोशी, क्युं मायूसी सी छाई है
    बोलो न ज़रा कुछ बोलो न, क्युं आँख तेरी भर आयी है

    किस सोच में खोये बैठे हो, किस याद में डूबे हो आख़िर
    क्या दिल पे लगी है चोट कोई, या सीने में उठी तन्हाई
    Read More

    क्युं आँख तेरी भर आयी है ...,<span>गजल</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    कवितागजल

    कल मिलोगी जब तुम मुझसे...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 111
    • 2 Mins Read

    कल मिलोगी जब तुम मुझसे,
    तो शायद मैं कुछ कह पाऊं।
    हो सकता है ऐसा भी,
    कि कहते-कहते रुक जाऊं।

    पर दिल की सारी बातें,
    मेरी ये आंखें बोलेंगी।
    जब तेरी प्यारी दो आंखें,
    दिल का दरवाजा खोलेंगी।

    मेरी लफ़्ज़ों
    Read More

    कल मिलोगी जब तुम मुझसे...,<span>गजल</span>
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    कविताअन्य

    खुश है वो देखो कितना..

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 114
    • 1 Mins Read

    खुश है वो देखो कितना,
    मेरे टूटने के बाद ।
    देखा भी न मुड के पीछे,
    मेरे रूठने के बाद ।

    -आकाश त्रिपाठी (जानू)

    खुश है वो देखो कितना..,<span>अन्य</span>
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    कवितागजल

    रो पड़ता हूं ये सोच-सोच...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 76
    • 2 Mins Read

    रो पड़ता हूं ये सोच-सोच,
    किस हाल में जीती होगी तुम
    होकर तन्हा, हो होकर हताश,
    मेरी याद में होती होगी गुम

    सुनो जान न रुठो ऐसे
    मैं तो हरपल हूं पास तेरे
    आंखें मूंदो, महसूस करो
    तेरे हांथों में हैं हाथ मेरे

    ना
    Read More

    रो पड़ता हूं ये सोच-सोच...,<span>गजल</span>
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    लेखअन्य

    ख़ामोश ही रहना अच्छा है।

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 77
    • 2 Mins Read

    मैं अपने जज़्बात लिखूं,
    या, मैं अपने हालात लिखूं।
    मैंने तो मोहब्बत दिल से किया,
    फिर मैं, क्यूं ? अपनी औकात लिखूं।

    मोहब्बत की शुरुआत लिखूं ,
    या उसकी बातें खास लिखूं।
    पर जो चोट लगी है दिल पर आज ,
    इस दिल
    Read More

    ख़ामोश ही रहना अच्छा है।,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    मैं ग़लत हूं, कुछ की नज़रों में..

    • Edited 3 years ago
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    • 122
    • 2 Mins Read

    क्यूं बयां करूं, मैं कैसा हूं
    मैं जानता हूं, मैं जैसा हूं।
    मुझे नहीं सफाई देनी है,
    मुझे नहीं गवाही देनी है,
    मैं जैसा हूं सब जानता हूं।
    मैं खुद को खूब पहचानता हूं,
    मैं सही हूं, खुद की नज़रों में।
    मैं
    Read More

    मैं ग़लत हूं, कुछ की नज़रों में.. ,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    था वहम मेरा...

    • Edited 3 years ago
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    • 72
    • 1 Mins Read

    था वहम मेरा, कि वो भी प्यार करते हैं।
    चाहत भरे दिल से, वो इन्त्ज़ार करते हैं।
    वो फ़िर जाएंगे फ़िर, ये सोचा नहीं मैंने,
    मतलब के बने लोग, कहाँ प्यार करते हैं।
    - आकाश त्रिपाठी (जानू)

    था वहम मेरा...,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    अब तो कुछ काम करने लगे हैं..

    • Edited 3 years ago
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    • 85
    • 2 Mins Read

    लोग हमसे कुछ इस कदर जलने लगे हैं
    महफ़िल खुद की सजा कर, चर्चे हमारे करने लगे हैं
    खुश हूँ मैं ये जानकर.. कि नफरत से ही सही,
    पर उनकी जुबां पर मेरा नाम तो है
    वैसे तो निठल्ले थे वो,

    Read More

    अब तो कुछ काम करने लगे हैं.. ,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    अन्दाज़

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 76
    • 1 Mins Read

    मेरी दास्तां मैं नहीं, मेरे अन्दाज़ बोलेंगे ।
    मैं क्या हूं ये राज, मैं नहीं, ये वक्त खोलेंगे ।।
    - आकाश त्रिपाठी (जानू)

    अन्दाज़,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    हैं शिकायतें बहुत..

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 132
    • 1 Mins Read

    हैं शिकायतें बहुत इस ज़माने को मुझसे,
    पर वक्त ज़ाया करना मुझे आता नहीं।
    - आकाश त्रिपाठी (जानू)

    हैं शिकायतें बहुत..,<span>अन्य</span>
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    कवितागजल

    मोहब्बत की कुछ बूंदें।

    • Edited 3 years ago
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    • 91
    • 2 Mins Read

    मोहब्बत की कुछ बूंदें, यूँ ही लुटा देता हूँ मैं।
    उसके हर सितम को, हस कर भुला देता हूँ मैं |
    माना की उसे गुरूर है, अपने हसीं होने का..
    दिल की प्यारी बातों से, दिल फिर भी चुरा लेता हूँ मैं।।
    - आकाश त्रिपाठी
    Read More

    मोहब्बत की कुछ बूंदें।,<span>गजल</span>
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    कविताअन्य

    हे माँ तू मेरी जन्नत है,

    • Edited 3 years ago
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    • 232
    • 4 Mins Read

    वो भी एक दौर था..
    जब माँ के आँचल में आकर,
    हम छुप जाया करते थे |

    वो भी एक दौर था..
    जब अपनी तोतली भाषा में,
    माँ को समझाया करते थे |

    वो भी एक दौर था..
    जब लगा कर माथे पर काज़ल,
    माँ मुझको चूमा करती थी |

    वो भी एक दौर
    Read More

    हे माँ तू मेरी जन्नत है,,<span>अन्य</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर रचना आकाश जी मगर मेरे ख्याल से इसे लेख की अपेक्षा कविता कहना ज्यादा उचित होगा

    आकाश त्रिपाठी3 years ago

    जी , बहुत बहुत धन्यवाद! 🙏🥰

    लेखअन्य

    गुनाह हो गया है, इज़हार करना..

    • Edited 3 years ago
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    • 133
    • 3 Mins Read

    गुनाह हो गया है, इज़हार करना
    हुई है मोहब्बत , मुझे माफ करना
    समझा है सब ने, सच को भी झूठा
    क्योंकी सच ही जता कर, है लोगों ने लूटा

    है दिल में मोहब्बत, उसके लिए पर
    मैं कैसे कहूँ, जो समझे मुझे वो
    डरता हूँ, कहीं
    Read More

    गुनाह हो गया है, इज़हार करना..,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    दिल की लिखूं तो क्या-क्या लिखूं ?

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 2 Mins Read

    दिल की लिखूं, तो क्या-क्या लिखूं?
    क्या भूलूं , क्या याद करूं?
    तेरी बातें, या तेरा चेहरा,
    या फिर तेरा, अंदाज़ लिखूं?

    तेरी आंखों की मस्ती को,
    या जुल्फ़ों में ढली वो रात लिखूं?
    लिख दूं गर कहो तो, दिल मेरा,
    या
    Read More

    दिल की लिखूं तो क्या-क्या लिखूं ?,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    चलो मेरे साथ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 131
    • 3 Mins Read

    चलो मेरे साथ

    चलो मेरे साथ, अब दूर जाना नहीं।
    मैं सिर्फ़ तुम्हरा हि हूँ, ये भूल जाना नहीं।

    रूठो मगर, मान जाया करो।
    ये हक़ है तुम्हारा, न घबराया करो।

    उठो,
    चलो मेरे साथ, ज़िद न करो मान जाया करो।
    मैं सिर्फ़
    Read More

    चलो मेरे साथ,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    ऐ कलम मेरी, मेरे अल्फाज़ लिख दो।

    • Edited 3 years ago
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    • 149
    • 3 Mins Read

    ऐ कलम मेरी, मेरे अल्फाज़ लिख दो।
    दिल में दबी जो बात है, वो राज़ लिख दो।
    कहने को हूं बेचैन, पर कैसे कहूं मैं..
    अनकही वो बात, वो आवाज़ लिख दो।।

    जिंदगी का ग़म, उन टूटे दिलों को।
    खुशियों का वो कल, उन बीते पलों
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    ऐ कलम मेरी, मेरे अल्फाज़ लिख दो।,<span>अन्य</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    वाह बहुत सुंदर

    आकाश त्रिपाठी1 year ago

    धन्यवाद 😊🙏