Login
Login
Login
Or
Create Account
l
Forgot Password?
Trending
Writers
Latest Posts
Competitions
Magazines
Start Writing
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Searching
"हूं"
कविता
सुनो एक बात कहता हूं (भाग - 1)
सुनो एक बात कहता हूं (भाग - 2)
हूँँ मैं नारी
एक बात मैं और कहूं क्या?
सोचता हूं कि क्या लिखूं
ललायित हूं मैं
मैं हिन्दी हूं
बेटी हूं मैं : पराया धन ना कहना
मैं सिमटकर रहूंगा कब तक
काश
मैं गंगा मां हूं
गीत कहूं या ग़ज़ल कहूं
मौन हूं, अनभिज्ञ नहीं
क्यों न मिलकर सुख दुःख बाटें
सुरभित मुखरित पर्यावरण
डर रहा हूं मैं
मैं तो हूं ही बेवकूफ
शायद दूर तक सफर कर रहा हूं
मेरे अन्दर मैं कैद हूं
मै शून्य हूं
मैं चांद नहीं आफताब हूं
रो पड़ता हूं ये सोच-सोच...
पिया ❣️
आंदोलन जीवी
मैं नारी हूं
मै आज भी वही हूं
कौन हूं मैं?
मैं तन्हा हूं
हिंदी हूं मैं
हर जुबां पे मैं रहूंगी......
क्योंकि मैं खास हूं
आस में हूं
मैं क्या लिख रहा हूं
ये बात आख़िरी है।
मैं ज़िन्दा हूं, बेजान हूं।
"मैं अभी और पढ़ना चाहती हूं"
चाहता हूं
क्या कर रही हूं मैं?
कृपा करें श्रीराम
मैं हिन्दी हूं
मुसाफ़िर बनना चाहूंगा
"दर्द की जीती-जागती मिसाल"
मै पैसा हूं,
Kanchan dasi
सौगात मेरी
मैं साहित्य हूं भारत का
मेरे कुछ फर्ज़ है
हसरतों के पगडंडियों पर बढ़ने लगा हूं.....
चाहूं हे रघुनंदन सबरी की गति........
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना
अभिव्यक्ति” के शाश्वत गरिमा से....
दीवाना दिल
शायद, अब संभलना चाहता हूं मैं ......................
लाजवाब लगता हूं 🔥🔥
लेख
शायद तुनक मिज़ाज
मैं तुम्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहता हूं
मैं ग़लत हूं, कुछ की नज़रों में..
साक्षात्कार- पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
एक यात्रा, थोड़ा मनोजागरण और ढेर सारा मलाल
Edit Comment
×
Modal body..