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मैं साहित्य हूं भारत का - Anup Kanheri (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कवितागजलअन्य

मैं साहित्य हूं भारत का

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प्राण जाएं पर वचन ना जाएं,
रामायण में लिखी रीत हैं।
राम सीता राधा कृष्ण,
शिव शक्ति की अंकीत प्रीत हैं।।
हक के लिए मर मिट जाना,
महाभारत में सिखाया है।
हो रणभूमि या मनो भूमि,
गीता में जीत का मार्ग बताया हैं।।
वेद शास्त्र पौराणिक कथाओं में,
अलौकिक ज्ञान भौतिक विज्ञान हैं।
ब्रह्मांड से ले परम ब्रह्म तक,
मुझमें विद्यमान है ।।
राम की मर्यादा कृष्ण की लीला शिव तांडव,
जीवन अंकीत दुर्योधन और पार्थ का।
शुन्य से शिखर मुझे समाहित ,
हां मैं साहित्य हूं भारत का।।

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