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मैं सिमटकर रहूंगा कब तक - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितागजल

मैं सिमटकर रहूंगा कब तक

  • 241
  • 2 Min Read

मै सिमटकर रहूँगा कब तक ?
यूँ रात भर जगूँगा कब तक ?

बदन दुखता है बैठे- बैठे
मै चाँद को घुरूँगा कब तक ?

एक दर्द उठता है रोजाना
अहजान संग जियूँगा कब तक ?

ज़ख्म-ए-जबीं तस्वीर बनी है
रंग चुन चुन भरूँगा कब तक ?

आकर खुशी यह बताती चल
नौबत-ए-ख्वार गिनूँगा कब तक ?

आदत नही छुपाने की थी
दम घुट घुट के सहूँगा कब तक ?

दर्द यह कितना कातिब है ‘मनी’
कि मरसिए पढ़ कहूँगा कब तक ?
-शिवम राव मणि

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Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

क्या कहने, बहुत खूब!

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

Priyanka Tripathi

Priyanka Tripathi 3 years ago

सुंदर

शिवम राव मणि3 years ago

धन्यवाद आपका

Anujeet Iqbal

Anujeet Iqbal 3 years ago

?

शिवम राव मणि3 years ago

आभार ?

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