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Sahitya Arpan Competition - काजल - शब्दाक्षरी आयोजन 2021
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काजल - शब्दाक्षरी आयोजन 2021

Competition Stats

  • #Entries 12

  • #Likes 12

  • Start Date 27-Feb-21

  • End Date 02-Mar-21

  • Competition Winners

    Writer Rank Certificate
    Meeta Joshi First Certificate

    Competition Information/Details

    सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...! हमारी आज की प्रतियोगिता शब्दाक्षरी है। जिसके अंतर्गत आज का शब्द है...

    "काजल"

    तो लिख भेजिये अपने शब्दों से सजा कर हम तक अपनी मन की संवेदनायें अपनी कलम से।

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
    1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
    2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
    3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
    4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
    5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा... सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।

    कवितालयबद्ध कविता

    काजल

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    काजल

    आया है कहां से यह,
    इतना प्यार लेकर।

    अनकहे जज्बातों का,
    दिल का करार बन कर।
    काजल तो काला है यह,
    आया है जादू बन कर।

    आया है कहां से यह,
    इतना प्यार लेकर।

    आंखों की सुंदरता का,
    मतवाला इकरार बन कर।
    मोहब्बत
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Ritu Garg3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी

    कविताअन्य

    Kajal Ka Badal

    • Edited 3 years ago
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    काजल का बादल

    काजल का काला बादल जब आँखों से बरस जाता है
    दुःख सारे दिल के आँखों से बहा ले जाता है
    फिर भी आँखों में आने को
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    कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा

    प्रेम-पत्र

    • Edited 3 years ago
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    गुलाबी गाल के ऊपर उसके सुर्ख काले घुँघराले बालों की लट और ऊपर से आँखों में लगा गहरा-काला काजल हर किसी को दिवाना बना दे।मैं जब भी उसे बालकनी में लगे पौधों से अठखेलियाँ करते देखता उसकी एक झलक पाने
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    Bina Chaturvedi

    Bina Chaturvedi 3 years ago

    दुखद

    Vijaykanta Pareek

    Vijaykanta Pareek 3 years ago

    Marmik chitran

    Mukesh Joshi

    Mukesh Joshi 3 years ago

    ओह!मार्मिक

    Bhavay Joshi

    Bhavay Joshi 3 years ago

    Bahut achhi kahani👌

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद🙏

    Seema krishna Singh

    Seema krishna Singh 3 years ago

    Beautiful story 👏❤️😊 love story ❤️

    Meeta Joshi3 years ago

    Thanks🙏❤️

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    अरे वाह आप तो सीख गई 😍😘

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी🙏❤️

    Shivangi lohomi

    Shivangi lohomi 3 years ago

    Superbbb👏👏👌👌never hurt anyone's true feelings 💓💓👍👍

    Meeta Joshi3 years ago

    👍❤️❤️

    कवितानज़्म

    काजल

    • Edited 3 years ago
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    हो गया हूं गुम इसमें कागल जो लगा है तेरी आंखों मे
    जितना ढूंढा खुद को और डुब गए तेरी आंखों में ।

    नहीं कोई जानता मुझे इस शहर में बेगाना हूं मैं
    जिसने भी देखा मुझे बस देखा तेरी आंखों में ।

    क्यूं करते
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आदरणीया रचना से जुड़ी तस्वीर अवश्य लगा लिया कीजिये

    Prem Bajaj3 years ago

    Ji jarur Neha ji ❤️

    कविताअतुकांत कविता, गजल

    काजरारे नैन

    • Edited 3 years ago
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    तेरी आंखों का काजल

    इन खुबसूरत आंखों में
    खो जाने का दिल चाहता है,

    जो बातें लफ़्ज़ों से बयां ना हो
    वो तेरी काजल लगी नैन बयां करती है,

    इन मासूम निगाहों से ना देख
    दिल की धड़कनें तेज होने लगती है,

    ये आंखें
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    रचना से जुड़ी तस्वीर भी लगा लीजियेगा रचना और खूबसूरत हो जाएगी।

    Seema krishna Singh3 years ago

    Ok

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Seema krishna Singh3 years ago

    Thank you 💗

    कविताघनाक्षरी, अन्य

    काजल*

    • Edited 3 years ago
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    काजल*
    ❤❤❤❤

    सजल नयन में स्वप्न घनेरे,
    कितनी बातें कितने गहरे
    कह दें आंखें जब भी देखा
    वो चंचल काजल की रेखा।।

    गहरी- गहरी कमल की पांखें,
    मौन तुम्हारा मुखरित कर दें
    जब भी मैंने उनको परखा
    भेद हृदय
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    wow ❤️

    Pallavi Rani3 years ago

    आत्मिक आभार ❤

    कहानीलघुकथा

    काजल

    • Edited 3 years ago
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    काजल ----
    -----------
    अन्तिम यात्रा की पूरी तैयारी हो गयी ,मां का श्रंगार पूरा हो चुका था । रानू एक टक मां को निहार रही थी । अपने आंसूओं को मुश्किल से पलकों पर रोक रखा था । उसकी छोटी बहन और भाभी जिसे मां ने कभी
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    ओह, कभी किसी की कही हुई बात कितना गम्भीर घाव दे जाती है। बहुत अच्छी रचना

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    किरकिरा हुआ काजल

    • Edited 3 years ago
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    कविता :
    शीर्षक:किरकिरा हुआ काजल

    किरकिरा हुआ काजल साथ छूटा तब ।
    हमें भी एहसास हुआ दिल टूटा जब।।

    उनका दर्द आंखों से ज़रा निकला जो।
    मेरा भी दिल हाथों से जरा फिसला तो।।

    आंखों के कोरे से बही जो नयन सरिता
    उन
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Sarita Singh Singh3 years ago

    आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सरिता जी कविता के साथ रचना से जुड़ी तस्वीर लगाएं अपनी नहीं

    Sarita Singh Singh3 years ago

    की सूचना के लिए धन्यवाद चित्र बदल दिया है

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Sarita Singh Singh3 years ago

    आपका बहुत शुक्रिया आदरणीय

    कहानीलघुकथा

    ब्यूटी विथ ब्रेन

    • Edited 3 years ago
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    # चित्राक्षरी प्रतियोगिता

    विषय:- काज़ल
    *ब्यूटी विथ ब्रेन*

    कॉलेज में काजल रस्तोगी मेम का पहला दिन था। नटखट बच्चों ने सोचा, " होगी साँवली सी, तभी यह नाम रखा।"
    काजल ने कक्षा में प्रवेश किया, बोर्ड पर
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    Yasmeen 1877

    Yasmeen 1877 3 years ago

    शानदार

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत उम्दा 👌🏻

    कवितागीत

    बहुत बोलती हैं ये आंखे तुम्हारी

    • Edited 3 years ago
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    बहुत बोलती हैं ये आंखे तुम्हारी
    दिल में करे ये गजब बेक़रारी
    मैं करता हूँ कुछ भी चाहे जहाँ भी
    निगहबान होती हैं नजरें तुम्हारी
    दिल में करे ये बहुत बेकरारी।

    हम अपने दम पे जिन्दा ही कब थे
    आखों का
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह

    Bandana Singh3 years ago

    जी आभार आदरणीया

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    वाह

    Bandana Singh3 years ago

    बहुत बहुत आभार आपका

    कवितागजल

    "काली नैयना मदहोश शाम लगती है"

    • Edited 3 years ago
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    आयोजन - 27 फरवरी 2021
    विषय - शब्दाक्षरी (काजल)
    ===================
    [ रचना ]

    गज़ल
    ये काली नैयना मदहोश शाम लगती है
    अंधेरी रात में भी खिली चांद लगती है

    नैयनो की पंखुडियाँ गुलाब लगती हैं
    कजरारी
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    Babita Kumari

    Babita Kumari 3 years ago

    👌👌👏👏✍✍

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    धन्यवाद महोदया

    Babita Kumari

    Babita Kumari 3 years ago

    Wah wah kya bat hai.

    Bandana Singh

    Bandana Singh 3 years ago

    सुन्दर रचना

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    सादर आभार आदरणीय।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    बहुत-बहुत आभार सादर धन्यवाद।

    कविताअतुकांत कविता

    काजल

    • Edited 3 years ago
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    तेरी आंखों में काजल
    मेरी आंखों में सूरमा
    है रोशनी में
    एक अंधकार की लकीर सा पर
    रात में
    दिखे तेरे हुस्न के
    नजारे सा
    चांद चांदनी से
    मिल पाता है
    रात के अंधेरे में ही
    यह तेरी आंखों के काजल में
    मेरी
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर