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Start Date 27-Feb-21
End Date 02-Mar-21
Writer | Rank | Certificate |
---|---|---|
Meeta Joshi | Certificate |
Competition Information/Details
सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...! हमारी आज की प्रतियोगिता शब्दाक्षरी है। जिसके अंतर्गत आज का शब्द है...
"काजल"
तो लिख भेजिये अपने शब्दों से सजा कर हम तक अपनी मन की संवेदनायें अपनी कलम से।
लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।
आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा... सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....
धन्यवाद
साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।
कविताअन्य
काजल का बादल
काजल का काला बादल जब आँखों से बरस जाता है
दुःख सारे दिल के आँखों से बहा ले जाता है
फिर भी आँखों में आने को
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कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा
गुलाबी गाल के ऊपर उसके सुर्ख काले घुँघराले बालों की लट और ऊपर से आँखों में लगा गहरा-काला काजल हर किसी को दिवाना बना दे।मैं जब भी उसे बालकनी में लगे पौधों से अठखेलियाँ करते देखता उसकी एक झलक पाने
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Beautiful story 👏❤️😊 love story ❤️
Thanks🙏❤️
Superbbb👏👏👌👌never hurt anyone's true feelings 💓💓👍👍
👍❤️❤️
आदरणीया रचना से जुड़ी तस्वीर अवश्य लगा लिया कीजिये
Ji jarur Neha ji ❤️
कविताअतुकांत कविता, गजल
तेरी आंखों का काजल
इन खुबसूरत आंखों में
खो जाने का दिल चाहता है,
जो बातें लफ़्ज़ों से बयां ना हो
वो तेरी काजल लगी नैन बयां करती है,
इन मासूम निगाहों से ना देख
दिल की धड़कनें तेज होने लगती है,
ये आंखें
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रचना से जुड़ी तस्वीर भी लगा लीजियेगा रचना और खूबसूरत हो जाएगी।
Ok
ओह, कभी किसी की कही हुई बात कितना गम्भीर घाव दे जाती है। बहुत अच्छी रचना
धन्यवाद
कवितालयबद्ध कविता
कविता :
शीर्षक:किरकिरा हुआ काजल
किरकिरा हुआ काजल साथ छूटा तब ।
हमें भी एहसास हुआ दिल टूटा जब।।
उनका दर्द आंखों से ज़रा निकला जो।
मेरा भी दिल हाथों से जरा फिसला तो।।
आंखों के कोरे से बही जो नयन सरिता
उन
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सरिता जी कविता के साथ रचना से जुड़ी तस्वीर लगाएं अपनी नहीं
की सूचना के लिए धन्यवाद चित्र बदल दिया है
कहानीलघुकथा
# चित्राक्षरी प्रतियोगिता
विषय:- काज़ल
*ब्यूटी विथ ब्रेन*
कॉलेज में काजल रस्तोगी मेम का पहला दिन था। नटखट बच्चों ने सोचा, " होगी साँवली सी, तभी यह नाम रखा।"
काजल ने कक्षा में प्रवेश किया, बोर्ड पर
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कवितागीत
बहुत बोलती हैं ये आंखे तुम्हारी
दिल में करे ये गजब बेक़रारी
मैं करता हूँ कुछ भी चाहे जहाँ भी
निगहबान होती हैं नजरें तुम्हारी
दिल में करे ये बहुत बेकरारी।
हम अपने दम पे जिन्दा ही कब थे
आखों का
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कवितागजल
आयोजन - 27 फरवरी 2021
विषय - शब्दाक्षरी (काजल)
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[ रचना ]
गज़ल
ये काली नैयना मदहोश शाम लगती है
अंधेरी रात में भी खिली चांद लगती है
नैयनो की पंखुडियाँ गुलाब लगती हैं
कजरारी
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बहुत सुंदर रचना
बहुत-बहुत आभार सादर धन्यवाद।