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अब बात नही होती - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

अब बात नही होती

  • 758
  • 4 Min Read

~~~~|अब बात नही होती|~~~


*बिन मौसम बरसात नही होती*
*मिलने की फरियाद करे तो*
*सुनवाई नही होती*.....
*अब बात नही होती* ........

*काम ज्यादा है, समय नही है*
*अब यह दूरियां बढ़ने लगी है*
*बढ़ती दूरियां कम नही होती* ...
*अब बात नही होती *......

*अब वक्त गुजर है जाता *
*उसके ही इंतजार में *
*लेकिन एक नजर प्यार की *
*बरसात नही होती *
अब बात नही होती ..........

*कहने को कितनी बाते है होती
*प्यार की हसीन अब *
*कहा राते है होती*.....
*अब बस आंखे नम है रहती*
*अब बात नही होती* .......

*अब ना अधिकार रखते है,*
*ना अब वो प्यार करते है*
*अब बस यादों में प्यार की*
*गुजारिश है होती *.....
*अब बात नही होती* ......
*********************************

*मौलिक व सर्वाधिकार सुरक्षित*
*ममता गुप्ता*
*अलवर राजस्थान*

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Champa Yadav

Champa Yadav 3 years ago

इस रचना में..... नही मे अनुस्वार और आख, दूरिया, कहा शब्द मे चंद्रबिंदु और नजर शब्द मे नुक्ता की त्रुटियाँँ है और कहीं -कहीं लय मे तालमेल नहीं बैठ पा रहा है.... अन्यथा, यह रचना भावो को छूती हुई श्रेष्ठ रचना है। इसमें कोई दो राय नहीं है।

Mamta Gupta3 years ago

जी धन्यवाद आगे से सभी गलतियों का ध्यान रखूंगी

Rekha Tiwari

Rekha Tiwari 3 years ago

इस रचना में पद साम्य नहीं है, किसी. में चार तो.किसी में पांच पंक्तियां हैं.,भाव प्रवण रचना जो जीवन की सच्चाई को लिये हुये है मन को छू लेती है, लिखते. रहिये. बढते रहिये

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद मैम प्रयास जारी है

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

नमस्कार। सुंदर, भाव पूर्ण, प्रेम, मन की व्यथा और एकांत को दर्शाती आपकी रचना पढ़ने में सुरुचिपूर्ण और खूबसूरत है। बस हल्का सा और शब्दों के साथ खेलने की आवश्यकता है। धन्यवाद

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद सर जी

Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 3 years ago

विरह के भाव से ओतप्रोत सुंदर रचना ..! परन्तु थोड़ी और मेहनत की आवश्यकता प्रतीत होती है, कविता के अनुसार शब्द थोड़ा अपना ताल- मेल नही बैठा पा रहे और टंकण त्रुटि भी है आपने कंहाँ लिखना था कहा लिखा..! कृप्या इस पर भी विशेष ध्यान दें क्योंकि एक गलत शब्द भाव के अर्थ बदल देता है..! क्षमा चाहूँगी.. मुझे भी लेखन की अधिक जानकारी नही परन्तु फिर भी हम एक दूसरे से काफी कुछ सीख सकते है..!?????

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद नेहा जी एक दूसरे से सीखने के लिए समीक्षा जरूरी है। आपने मेरी त्रुटियो से अवगत कराया इसके लिए आभारी हूँ।।

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

कहाँ,आंखें, रातें सही होता है।

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

"नहीं" सही है । है एकवचन और हैं बहुवचन के लिए। हमारी हिंदी लिखावट त्रुटि रहित हो तो सोने में सुहागा। पता नहीं बार बार लिखने में कुछ कट रहा है मुझसे, क्षमा करें।

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

नुक्ता का भी ध्यान रखा जाए

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

अत्यंत भावपूर्ण है ।बात नहीं होने के कारण अच्छे हैं। यदि ग़ज़ल माने तो कहीं कहीं काफ़िया व रदीफ़ की गड़बड़ है। यूँ तो मैं भी विशेषज्ञ नहीं हूँ। जी कुछ अनुस्वार

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद सरला जी मैं अपनी त्रुटियो में सुधार लाने की कोशिश करूँगी

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

पुनःश्च

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

पुनःश्च

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

ममता जी , आपकी रचना "अब बात नहीं होती"

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

ममता जी , आपकी रचना "अब बात नहीं होती"

Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 3 years ago

अच्छी रचना अच्छी अभिव्यक्ति आगे बढ़ये रहिये ।

Mamta Gupta3 years ago

जी धन्यवाद

Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

राते/है सभी जगह बिंदु गायब हैं। संयम से लिखेंगी तो रचना गुणवत्तापूर्ण होगी

Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

अपनी ओर नहीं खींचेगी।नही/करे/है/बाते/

Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

आपकी रचना अच्छी है ममता जी,लेकिन बिंदु प्रयोगों पर आपका बिल्कुल भी ध्यानाकर्षण नहीं है.कोई भी रचना वर्तनी दोषों से भरकर पाठक को

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद अंजू जी मैं आगे से ध्यान रखूंगी की गलती न हो।।???

Bhawna Sagar Batra

Bhawna Sagar Batra 3 years ago

बहुत भावपूर्ण रचना है ,किसी व्यक्ति से जुड़े हुए बिना मापन वाले प्रेम की विरह को दर्शाती हुई उम्दा रचना ।परंतु किसी किसी पंक्ति में लगा पढ़कर जैसे पंक्तियों का मेल नहीं है केवल दो तीन पंक्तियों में जैसे "अब बस आँखे नम है रहती ,अब बात नहीं होती "। आपसे एक बेहतरीन लेखन की उम्मीद हैं आप टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगी और बेहतर कोशिश करेंगी ।

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद भावना जी कोशिश करूँगी आपकी उम्मीदो पर खरी उतरने की

Kumar Sandeep

Kumar Sandeep 3 years ago

अब बात नहीं होती, रचना में सचमुच बता न होने के दर्द को विरह को बहुत ही खूबसूरती से बयां किया गया है। भावनाओं से ओतप्रोत उम्दा सृजन। आपकी रचना यूं ही ट्रेडिंग लिस्ट में नहीं होती है, आपकी हर रचना सचमुच में बेहतरीन होती हैं। हार्दिक शुभकामनाएं आपको मैम।

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद संदीप जी ।पाठको के बिना लेखन भी अधूरा लगता हैं

Anil Dhawan Sirsa

Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

अब बात नही होती।। कभी भी बिन मौसम बरसात नही होती, किसी की याद बिना ये आँखे नही रोती,, बहुत दूरियाँ बढ़ गई है उनमे होर हमारे बीच मे, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।। वो अब अपनी जिन्दगी मे व्यस्त और हम अपनी मे हो गए, दोनो के अब राह हमारे अलग हो गए,, अब करूँ मे उनसे क्या फरियाद, हमारी फरियाद की ही अब है हमेशा मात है होती,, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।।

Mamta Gupta3 years ago

????

Anil Dhawan Sirsa

Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद सर शब्दों के चयन पर अवश्य ध्यान दूँगी

Anil Dhawan Sirsa

Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,

Comrade Pandit

Comrade Pandit 3 years ago

बहुत अच्छा लिखा है , शब्दों का चयन भी बहुत अच्छा है ??

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

अद्भुत

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