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Start Date 25-Feb-21
End Date 06-Mar-21
Competition Information/Details
सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021 भाग- 2
उस रोज मैं ऑफिस के काम मे बहुत उलझा हुआ था कि तभी गूँजन का कॉल आ गया सामने बॉस था और सर पर मेरे काम का बोझ मैं समझ नही पा रहा था कि उसे कैसे समझाऊँ की अभी बात नही कर सकता।
मेरे बार बार कॉल डिस्कनेक्ट करने के उपरांत भी वो पगली समझ नहीं रही थी। सो मैंने उसका कॉल रिसीव करने मे ही अपनी भलाई समझी।
ये क्या पागलपन है, मैं बिजी हूँ.. करता हूँ बाद में..!
मैं धीरे से फुसफुसाया।
सुनो.. सुनो..! जब तक आप बिजी हैं तब तक के लिए राइटर बाबू आप अपनी कोई कहानी भेज दीजिये..!
उसने चंचलता से कहा।
मैंने बिना कोई उत्तर दिये एक मुस्कान के साथ कॉल काट तो दिया पर दिल मे एक बेचैनी सी होने लगी कही वो बुरा न मान जाये।
सारा दिन ऑफिस के काम मे इतना मशगूल रहा कि उसे दोबारा फोन कर के सॉरी भी नही कह सका। और फिर घोर विंडम्बना ये की उसका भी दोबारा कॉल नही आया..!
दूसरे दिन भी उसका कोई फोन नही आया और मुझे भी समय नही मिला।
मन बोझिल सा हुआ जा रहा था अपने व्यवहार के अपराधबोध से मैं खुद को दबा हुआ महसूस कर रहा था। मैंने खुद ही उसे फोन करके माफी मांगने का फैसला कर जैसे ही मोबाइल को छुआ गूँजन के कॉल की गूँज ने मेरे दिल की धड़कन को अचानक बढ़ा दिया।
"हैल्लो... कानो में शहद घोलती उसकी आवाज मेरे दिल मे उठते प्रेम-तरंग को मधुरता देने लगीं।
"गुस्सा हो..? उसने सहमते हुये पूछा।
"नही..!" मैंने धीरे से कहा
"मु..मुझे आपसे कुछ कहना है..!
उसने हकलाते हुऐ कहा।
"ह्म्म्म कहो..!"
मैंने अपने कंधे और कान के बीच मोबाइल फंसा कर अपनी शर्ट के बटन बन्द करते हुये कहा..!
"पता नहीं आप को कैसा लगेगा, और आप मेरे बारे में क्या सोचेंगे...!
"आप निशांकोच कह सकती हैं"!
मैं उत्सुकता से बोला।
"नीरव जी मुझे आपसे... वो बोलते बोलते चुप हो गई।
उसका ऐसे चुप होना उत्सुकता के साथ मेरी दिल की धड़कनों को और अधिक बढ़ा रहा था
उसके मुँह से अपने प्रेम-प्रस्ताव को सुनने के लिए मैं आतुर हुआ जा रहा था। और एक वो थी कि बस "मुझे आपसे... पर अटकी हुई थी।
शायद स्पष्ट न बोल पाने का कारण उसका लड़की होना है, ये सोच मैं उसे प्रोत्साहित करने लगा।
"हाँ गूँजन बोलो....
........ मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ..! आँखे बंद किये मैं ये बोलने ही वाला था कि ....!
"नीरव जी मुझे आपसे... आपकी स्टोरी चाहिए पढ़ने के लिये...!
यह बोल वो खिलखिलाकर हँस पड़ी।
उसकी पूरी बात सुन कर झटके से मेरी आँखें खुल गई और मेरे प्रेम का बादल जिस पर मैं खुद को बैठा महसूस कर रहा था अचानक से लड़खड़ा गया..!
पर उसकी निश्छल हँसी से मेरे सुने मन मे प्रेम का दीया और शशक्त रूप से रोशन होने लगा।
और मैंने अपने प्रेम की स्वीकृति में उसकी हँसी सँग अपनी हँसी सम्मिलित कर दी।
मुझ नीरव के खामोश जीवन में अब गूँजन के प्रेम की गूँज थी।
हम दोनों का मौन स्वयं ही एक दूजे की चुगली कर गया।
पता ही नही चला कब किसने पहल की...
पर प्यार है ये दोनों को यकीं हो चला था......
(क्रमशः)
गूँजन के चुलबुले, अल्हड़ अंदाज़ से नीरव को प्यार हो चला है और ये प्यार दोनो तरफ है दोनो जानते है पर एक दूजे को बोल नही पा रहे.. !
बस.. इसी परिस्थिति पर गीत लिखना है..!
कहानीकार
पूनम बागड़िया "पुनीत"
कवितागीत
तुमसे है प्यार
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काश वो दिल का हाल पुछले
मेरे दिल की बात बूझले
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कवितागीत
गुनगुनाती है तेरी आवाज प्रियवर हो,
चहचहाती है तेरी आवाज़ प्रियवर हो,
कुछ तुम कहो,
कुछ हम कहें,
हमराज प्रियवर हो,
दिल की बात हो नईया पार,
जज़्बात खास प्रियवर हो,
धड़क उठे,
कभी फड़क उठे,
जब बजे दिल के तार प्रियवर
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कवितागीत
मधुर मधुर तेरी ये बोली
बात में जैसे मिश्री घोली
सुनते तेरी बातें जैसे
लगता है कोयलिया बोली
मधुर मधुर तेरी ये बोली
बात में जैसे मिश्री घोली
बातें तेरी दीवाना करती
प्रेम भाव मेरे मन में भरती
उठती
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कवितागीत
नमन माँ शारदे
नमन मंच
आयोजन--सा रे गा मा #अंत_का_आरंभ_भाग--२
दिनांक--०४/०३/२०२१
वार---गुरुवार
विधा--दोहा गीत
विषय--इजहारे_मुहब्बत
दिल सोचे हरपल यही , कैसे हो इजहार।
सुनकर बातें रस भरी, हो गया मुझे
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कवितागीत
"नायक "
बेताबियाँ बढ़ने लगीं हैं , समां भी हो गया है आशिक़ाना
कह भी दे जो दिल में है तेरे , अब ना बना कोई बहाना
इनकार और इक़रार की कश्ती में सवार हम तुम
दिल-ए-दरिया किस तरह करेंगे पार ओ जानेजाना
" नायक "
बेधड़क
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कवितालयबद्ध कविता
चंचल चितवन नैनों ने,
जब नैनों की भाषा जानी थी।
दिल में आग बराबर थी,
पर पहल की बाजी हारी थी।
धधक उठी जब प्रेम की ज्वाला,
दिल की तड़पन जारी थी।
मौन स्वीकृति दोनों ने दी,
पर लबों की भाषा हारी थी।
अब जब धड़कन
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प्रेम के इज़हार की खूबसूरत अभिव्यक्ति
धन्यवाद🙏😊
बहुत अच्छी और भावपूर्ण रचना
धन्यवाद सर🙏अच्छा लगता है आपके देखकर।अपना आशीर्वाद बनाए रखिये,
Superrrr se uparrr❤️👏👏😍😍👌lajawab💕💕💕
Thanks 🙏❤️❤️
Lovely poem... beautiful love poem ❣️
धन्यवाद सीमा🙏💐इसी तरह जुड़ी रहें।
कवितागीत
मुखड़ा..
ये जान लिया मैंने, मेरा जीवन धन हो तुम।
जो टूट सके ना कभी, ऐसा बंधन हो तुम।
अंतरा
(1)
अब जीवन के सुख दुःख, तुमसे ही है मेरे।
तुमसे ही प्रीत लगी, तुमसे ही गीत मेरे।।
जिससे भीगा अन्तर्मन, वो मेघ
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कवितागीत
दिल के जज्बात
नायक :
गुंजन करतीं तुम भंवरे सी , मन की बगिया महकी महकी ।
कोयल जैसी कूक तुम्हारी, इन कानों में चहकी चहकी ।
मेरे जीवन में आ जाओ , नेह के धागे जुड़ जाएं अब ।
गुंजित कर दो घर - आंगन, सपने पूरे
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कवितागीत
सुन रही हो ना ये दिल कर रहा है तुम से ही बातें.....
आंखों में तुम, ख़्यालों में तुम,
अब मेरी ज़िन्दगी बन गई हो तुम ।।
सुन रही हो ना.....
(नायक- क्यों ख़ामोश हो कुछ बोलो.... बोलो ना)
नायिका:
दिल ये चाहे मेरा
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कवितानज़्म
छलकते ज़ज्बात
❤❤❤❤❤❤
नायक👇
हुआ दिल बेकरार ..आज यार.. क्या कीजे ।
खो गया है करार जाने-बहार क्या कीजे ।। ...२
❤
तन्हा-तन्हा थी शाम अब हसीन लगती है
वो भी मेरी तरह ही बेकरार लगती है.....लगती है
अब नहीं खुद
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कविताअतुकांत कविता
*आरम्भ का अंत*
मैं कभी अधीरा नहीं रही
के तुम मेरे हो जाओ प्रिये
मेरी राहें चुन ली थी मैंने
खुशियाँ बिखरी हुई थी
फूलों से सँवारी थी मैंने
क्यूँ बो दिए काँटे तुमने
दिल तो यूँ भी टूटा ही था
फ़िर ज़ख़्मी
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जी, आदरणीया जी।बहुत सुंदर रचना प्रस्तुति,किंतु शीर्षक का नाम ही अंत का आरंभ कर लें सादर🙏🏻🙏🏻
कवितागीत
शीर्षक-मौन स्वीकृति
इक दिन तु सुबह सुहानी बनेगी
आधी नहीं पूरी कहानी बनेगी
चंचलता तेरी तन-मन में बसेगी
नीरव की गुंजित निशानी बनेगी
"नीरव"
*****
जब भी फोन की ये धुन आती है
दिल की तारें भी सरगम गाती है
तेरी
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कवितागीत
प्रतियोगिता के लिए
सुनों तुम मेरी कहानी
जिसमें एक लड़की सयानी
जब वो हँसती है मेरी धड़कन बढ जाती है
लगता है मुझे हो गया है प्यार
प्यार प्यार बेशुमार
सुनो तुम मेरी कहानी
जिसमें एक लड़की सयानी
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कवितागीत
सा रे गा मा संगीत उत्सव २०२१
समूह प्रेम तरंग, कहानी गीतों भरी
कहानी अंत का आरंभ-भाग-दो
(गीत)
आखों में चमकता प्यार तेरा
मुझको न पागल कर जाए
जीते हैं बस तेरे लिए।
हम जीते जी न मर जाएं।
तेरी
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कविताअन्य
अंतिम यात्री...
आँखे बंद थी
देख रहा था
लोग रुदन कर रहे।।
शोर मचा कर
जोर जोर से
सीस मुझ पर धर रहे।।
याद आ रहा
आज बचपन
पहले माँ नहलाती थी
आज लोग नहला रहे।।
बच्चो सा बरताव किया
कपड़े नए पहनाए है
उठा लिया
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मनुष्य जीवन की वास्तविकता पर प्रकाश डालने वालीं अद्भुत कविता superb
धन्यवाद आदरणीय
कवितागीत
कल्पनाओं में दोनों (नीरव एवं गुँजन) एक दूजे के साथ एक दूजे के लिए गाते हुए.....!!
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#मुखड़ा (दोनों एक साथ)
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है गीत ये मिलन का, गाओ मुझे सुनाओ|
चितचोर दिल लगाकर,
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बहुत खूबसूरत गीत..!👌👍
सादर आभार वंदन आद.