Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan - Ankit Hemashan
userImages/92197/FB_IMG_15888332657971832_1711661005.jpg

Ankit Hemashan

'हेमाषण'

No Info Added By Writer Yet

Writer Stats

  • #Followers 1

  • #Posts 7

  • #Likes 0

  • #Comments 0

  • #Views 563

  • #Competition Participated 0

  • #Competition Won 0

  • Writer Points 2815

  • Reader Stats

  • #Posts Read 7

  • #Posts Liked 0

  • #Comments Added 0

  • #Following 1

  • Reader Points 35

  • कवितालयबद्ध कविता

    गहराई

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 46
    • 4 Mins Read

    गहराई

    कभी उड़ते हैं नभ में, कभी आशियाना धरती है
    जरा गहराई में आओ, गहराई की बात ही दूसरी है
    ऊपर से देखो तो मन कितना अशांत है
    गहराई में देखो तो असीम शांत है
    मन को यूं ही देखो तो तो केवल मन है
    गहराई से
    Read More

    गहराई ,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कवितालयबद्ध कविता

    नारी

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 97
    • 5 Mins Read

    नारी

    सृष्टि सृजन, जीवन का प्रारंभ है नारी
    मृत्यु तक पग पग पल पल है सहयात्री नारी
    निःसंदेह है ममता का सागर, प्रकृति सा अनंत, कोमल
    घर की लक्ष्मी, अभिमान, शान, है आधार तल
    ज्ञान, सुंदरता की देवी, अनमोल
    Read More

    नारी ,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कवितालयबद्ध कविता

    आलिंगन

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 59
    • 4 Mins Read

    करना चाहता हूं मैं तुम को आलिंगन
    इसका तात्पर्य कदापि नहीं वासना मिलन
    अनेक बार होता है इसका अर्थ
    करना चाहता हूं तुम्हारी आत्मा तक स्पर्श
    रोम रोम तक खोजना चाहता हूं तुम्हारे मन में
    छुपा लेती हो
    Read More

    आलिंगन ,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कवितालयबद्ध कविता

    सूखी डाली

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 89
    • 3 Mins Read

    सूखी डाली

    सूखी डाली पर आती नहीं हरियाली
    फूल नहीं खिलता, आता नहीं कली
    वो रहता है वीरान और खाली
    कोई नहीं करता है उसका रखवाली

    जब उसने देखा हरी डाली
    उसकी रौनक और खुशहाली
    कोसा किस्मत, क्यों हम है खाली
    फिर
    Read More

    सूखी डाली ,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कवितालयबद्ध कविता

    क्रोध

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 123
    • 5 Mins Read

    क्रोध

    भूल से भी कभी ना क्रोध करना
    आए क्रोध तो सीखो सही दिशा देना और संभालना
    क्रोध का है अपना पूरा परिवार
    जो बिगाड़ दे अच्छा खुशहाल संसार
    जिद है क्रोध का अपनी लाडली बहना
    जिद के आगे अच्छे अच्छे
    Read More

    क्रोध ,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कविताअन्य

    द्वंद

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 52
    • 6 Mins Read

    द्वंद

    ना करें किसी से उम्मीद, ये है मस्तिष्क कहता
    हृदय का करें क्या, ये कुछ आस है लगाता
    लोगों से इतना ही मिलो, काम भी हो रिश्ता भी निभ जाए
    जब काम न हो, दिल चाहता है चार बात किसी से की जाए
    दिमाग कहता
    Read More

    द्वंद ,<span>अन्य</span>
    user-image

    कविताअन्य

    प्रेम नियति

    • Added 5 months ago
    Read Now
    • 97
    • 11 Mins Read

    प्रेम नियति

    घूम रहे थे दोनों बाग में, प्रकृति के प्रेम में
    बहुत खुशनुमा क्षण था, एक दूसरे के मिलन में
    इस बीच उनके पांव गए लड़खड़ा
    यथा शीघ्र मैने उसे संभाला
    उसने मुझे मुस्कान दिया, प्यारी सी, मोहिनी
    Read More

    प्रेम नियति ,<span>अन्य</span>
    user-image