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Sahitya Arpan Competition - हास्य व्यंग्य
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हास्य व्यंग्य

Competition Stats

  • #Entries 11

  • #Likes 11

  • Start Date 31-Mar-21

  • End Date 09-Apr-21

  • Competition Information/Details

    सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...!

    हमारी आज की प्रतियोगिता हास्य व्यंग्य है। जिसके अंतर्गत आपको भेजनी है आपके लिखे हुए कोई भी हास्य व्यंग्य। कोई विषय नही है कोई बंधन नही है। सिर्फ हंसा हंसाकर सभी को लोट पोट करना है। नीचे दिए गए थोड़े से नियम हैं। तो जल्दी से लिख भेजिये हम हंसने को आतुर हैं।

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-

    1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।

    2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।

    3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।

    4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।

    5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
    सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।

    कहानीहास्य व्यंग्य

    "बियर-पार्टी"

    • Edited 3 years ago
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    शीर्षक: "बीयर-पार्टी"
    (हास्य-कथा)

    "हैप्पी बर्थडे मेरी जान!"
    सुबह सुबह आये फोन को उनींदी हालत में जैसे ही सन्नी ने रिसीव किया तो उसके कानों से अपनेपन के भाव लिए निखिल की आवाज़ टकराई!
    नींद से बोझिल आँखे
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    Ajay Goyal

    Ajay Goyal 3 years ago

    🤣🤣🤣🤣🤣

    Poonam Bagadia3 years ago

    😜😀🙏🏻🙏🏻

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अविस्मरणीय '' बीयर '' पार्टी. 😊

    Poonam Bagadia3 years ago

    जी शुक्रिया सर....😂😁🙏🏻🙏🏻

    कविताअतुकांत कविता

    स्टेटस

    • Edited 3 years ago
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    चारों तरफ वुमन्स-डे का शोर था।
    मुझपर भी अरमानों का जोर था।
    पतिदेव से कहा,"सुनो जी,आज महिलाओं का स्टेटस अपडेट है।
    किसी के पति के हाथ की चाय,तो कहीं फूल, गिफ्ट या कहीं की डिनर-पिक से अप-टू-डेट है।
    मुझे
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    Mukesh Joshi

    Mukesh Joshi 3 years ago

    शानदार👏🤣

    Girish Upreti

    Girish Upreti 3 years ago

    हास्य रस से भरपूर

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    पतिदेव की अच्छी सलाह..!!

    Shivangi lohomi

    Shivangi lohomi 3 years ago

    Awesome ❤️👏👏👌😍😍

    Seema Pande

    Seema Pande 3 years ago

    वाह!क्या खूब लिखा मीता 👌🏽👌🏽

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद दी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    😀 👌🏻

    Meeta Joshi3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी🙏❤️

    Girish Upreti

    Girish Upreti 3 years ago

    काबिले तारीफ रचना

    Meeta Joshi3 years ago

    शुक्रिया🙏🌺

    Bhavay Joshi

    Bhavay Joshi 3 years ago

    Bahut khoob👌👌👍

    Meeta Joshi3 years ago

    🙏❤️🌺

    कहानीएकांकी

    महादरबार

    • Edited 3 years ago
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    *महा दरबार*

    महामारी के चलते मानव घर में बंद। और सारे पशु पक्षी वनचर जीव जंगल के साथ शहर में भी मंगल मनाने लगे। शेरू दादा ने महादरबार का आयोजन किया। सब सजे धजे आ बिराजे।
    तर्रार खरगोश, दादा को हार पहनाने
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    कवितालयबद्ध कविता

    बुढ़ौती में हमरा के लव होइ गवा..!

    • Edited 3 years ago
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    बुढ़ौती में हमरा के लव होइ गवा…
    कैसे इ जाने कब होइ गवा,
    ऊ आयी,
    हमरा नजर खोई गवा,
    दिल से ससुरा गज़ब होइ गवा,
    बुढ़ौती में हमरा के लव होइ गवा-२

    राते सपने में उहि होइके आवै,
    भोरे-भोरे ऊ हमका जगावै,
    घरवा में कह
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    कविताअतुकांत कविता

    कुछ कुछ होता है

    • Edited 3 years ago
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    #कुछ कुछ होता है...

    एक दिन आधी रात को
    मैंने देखा एक सपना
    आया सपने में कोई अपना
    आकर बोला-
    गाँव की गलियों में
    नदिया किनारे,
    पेड़ों की छाँव में,
    कर रही है वो तेरा इन्तजार...

    सुबह होते ही चल दिए हम,
    पैदल-पैदल...
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    Narendra Singh

    Narendra Singh 3 years ago

    अच्छा है भाई।

    Ajay Goyal3 years ago

    धन्‍यवाद

    कवितागजल

    इक बेचारा

    • Edited 3 years ago
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    हास्य प्रतियोगिता हेतु : हज़ल
    बहारों ने मारा, नज़ारों ने मारा।
    सावन की रिमझिम फुहारों ने मारा ।
    पिटता ही रहा वो पिटने वाला,
    बीबी ने उसकी बेलन से मारा ।
    किसी की कमसिन अदाओं ने मारा ।
    किसी की झूठी बफाओं
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    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    बहुत खूब

    Narendra Singh3 years ago

    हार्दिक आभार

    Ajay Goyal

    Ajay Goyal 3 years ago

    वाह!

    Narendra Singh3 years ago

    आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बेहतरीन 👌🏻

    Narendra Singh3 years ago

    जय हो। आपका आभार।

    Narendra Singh

    Narendra Singh 3 years ago

    खुद पर हँसना बहुत मुश्किल होता है।

    कविताअतुकांत कविता

    चिंटू की खुशी

    • Edited 3 years ago
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    *चिंटू* *की आवाज आई** ...........
    मम्मी देखो जली जली हुई सी तिरछीरोटी पापा ने बनाई.....
    पापा शर्माए सकुचाए,
    बोले मैं नई-नई काम पर आ ई......
    मैं कुछ वेतन नहीं लूंगी,
    मुझे इस घर में रहने दो मेरी माई..
    मम्मी भी सकुचाई सुनकर
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    कवितालयबद्ध कविता

    ब्याह के लड्डू*

    • Edited 3 years ago
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    ब्याह के लड्डू *
    🌸🌸🌸🌸🌸🌸

    अंगने में जा बैठी कन्या,
    वर से मुँह को मोड़ के
    जाओ मैं नहीं जाना
    तुम संग रिश्ता जोड़ के ।
    वर का तब जी घबराया
    ब्याह पर कैसा संकट आया,
    बोला ऐसे मुँह ना मोड़ो

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    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    अति सुंदर सृजन😊😊

    Pallavi Rani3 years ago

    सादर धन्यवाद 🙏

    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    बहुत खूब

    Pallavi Rani3 years ago

    हार्दिक आभार 🙏😊

    लेखआलेख

    कुछ तीर कुछ तुक्के

    • Edited 3 years ago
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    *कुछ तीर, कुछ तुक्के*

    संवाद सम्प्रेषण एक कला है। संवाद, व्यक्तित्व का दर्पण होते हैं। हम चाहे किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करें, कहीं न कहीं मानव प्रकृति झलक ही जाती है।
    *अक्सर देखने सुनने में
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    कविताछंद

    हास्य रस

    • Edited 3 years ago
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    रस का नाम :- हास्य रस
    विधा:- मत्तगयंद सवैया
    मापनी:- 211 211 211 211 211 211 211 22
    --------------------------------------------------------------------------
    रचना
    ( ०१ )
    बासन माज रहे सजना सजनी चलचित्र न देख अघाती।
    वासन धोकर हाथ दुखे सर हाथ रखे बलमा
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    Comrade Pandit

    Comrade Pandit 3 years ago

    वाहहह कमाल कर दिया 🤪🤪🤗🤗8

    पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

    सादर आभार वंदन आदरणीय श्री

    कविताअन्य

    व्यंग्य

    • Edited 3 years ago
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    मैंने थोड़ा व्यंग्य तरीक़े से मुहावरे प्रयोग किया है।
    (चित्रण इतना कि नेता जी बरसात के पानी में गिर गया था)

    मैंने कहा-
    पानी में उतर गये,
    नेता जी बिफर गये।
    ठंड सर्द हवाओं में,
    नेताजी सिहर गए।

    तब दोस्त
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