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Start Date 22-Mar-21
End Date 28-Mar-21
Competition Information/Details
सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...!
हमारी आज की प्रतियोगित कहानियाँ ही है। जिसके अंतर्गत आपको भेजनी है आपकी लिखी हुई कोई भी कहानी। कोई विषय नही है कोई बंधन नही है। सिर्फ कहानी लिखनी है और नीचे दिए गए थोड़े से नियम हैं। तो जल्दी से लिख भेजिये।
जानकारी :
पहले विजेता को 500 रुपये दिए जाएंगे। विजेता निर्णायक मंडल तय करेगा। परन्तु निर्णायक मंडल द्वारा दिये गए निर्णय में आपके लाइक व्यू और कॉमेंट के नम्बर भी शामिल किए जाएंगे। 1 लाइक = 1 नम्बर, 1 कॉमेंट = 5 नम्बर, 1 व्यू = 10 नम्बर, निर्णायक मंडल में पास की गई रचना के 50 नम्बर।
लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।
आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....
धन्यवाद
साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति और मन को लुभाने वाली कहानी के अंत तक मनोरंजन करती है
धन्यवाद मेघा जी🙏💐
मर्मस्पर्शी रचना 👌👌👌👌
अपने व्यस्त जीवन में से कुछ चंद लम्हे मेरी कहानी को देने के लिए आभार🙏💐
Bahut sundar rachna 👌👌
धन्यवाद मामा।अच्छा लगा आपका comment देख कर🙏
ख़ूबसूरती से लिखी हुई. ह्रदयस्पर्शी, भावपूर्ण रचना..
धन्यवाद सर। इसी तरह प्रोत्साहन करते रहिए।🙏
बहुत खूबसूरती से काकी के ज़ज़्बातों को बयां किया है।👍
🙏❤️शुक्रिया
Beautiful story❤️❤️😍👌👏👏👏
हमेशा की तरह आज भी मुझसे जुड़ उत्साहवर्धन करने के लिए दिल से धन्यवाद।
हर इंसान अपना वज़ूद बनाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता है।काकी भी इससे अछूती नहीं थी।कहानी में हास्य के साथ मार्मिकता भी है।
आपको पसंद आई शुक्रिया।उम्मीद है कुछ पुराने लोग आपको भी याद आए होंगे।
कविताअतुकांत कविता
न्याय इतनी दूर क्यों ?
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न्याय की तकरीर बनती है शब्दों के तकरार से
पर लिखे जाते हैं फैसले आज भी तलवार से |
लिखी जाती इबारतें कलम से पन्नों पर |
पर उस कलम की भी कीमत होती है |
लिखनेवाले हाथ
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कविताअतुकांत कविता
न्याय इतनी दूर क्यों ?
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
लिखी जाती इबारतें कलम से पन्नों पर |
पर उस कलम की भी कीमत होती है |
लिखनेवाले हाथ यूँ ही नहीं चलते
उन हाथों में ऊर्जा भरने की मिन्नत होती है |
इन इमारतों की दीवारें
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कहानीलघुकथा
अंतर्द्वंद....
अजीब अंतर्द्वंद निशा के सामने का वह क्या फैसला ले समझ नहीं पा रही थी।आज वही लोग उसके सामने झोली फैलाए बैठे थे जिनसे कभी उसने रो-रो कर उसे अपनाने की भीख माँगी थी वह समझ नहीं पा रही थी
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
*स्टैटस-एक और लौकडाउन *
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मार्च 2020, कोरोना काल-सुनी सडकें, सुने खेल के मैदान, बंद दुकानें, बंद स्कुल, चारों तरफ पसरा सन्नाटा। सरकार ने लौकडाउन की घोषणा कर दी है। बड़े- बूढे, बच्चे सभी घर में
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बहुत सुन्दर, भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी...! मन की अभिव्यक्ति ऐसे में बहुत आवश्यक है..!
सादर आभार आदरणीय 🙏
कहानीप्रेरणादायक
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कईएक पहलू जीवन के….??
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निश्तेज चेहरा, आंखें धसी हुई, शरीर का ढांचा जैसे कोई नरकंकाल यही हाल था उस वक्त बृजकिशोर का।
बृजकिशोर बलिष्ट शरीर जैसे कोई बॉडीबिल्डर,
गोरा चिट्टा
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अच्छी रचना
जी सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीया
लेखआलेख
भारत को ईश्वर नहीं ऐश्वर्य चाहिए |
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बहुत हो गयी ईश्वर की चर्चा और ईश्वर के नाम की पूजा | अब ऐश्वर्य की पूजा का समय है | क्योंकि हमारा ईश्वर सदा इसी ऐश्वर्य में खोया है | वहीं से वह हमे
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कथा अच्छी है पर...लॉकडाउन,दूँ,हँसते, हाँ,माँ, मोड़,पढ़,आएँगे...सही कर लीजिएगा।
🙏🙏
सर कहानी के साथ अपनी नहीं रचना से जुड़ी कोई और तस्वीर लगाएं
जी बिल्कुल आदरणीया
कहानीप्रेम कहानियाँ
डायरी में संजोए मोरपंख
मधुरिमा ,बेटे के प्रोजेक्ट हेतु अपना खज़ाना खंगालने लगी। हाथ में आ गई अपने प्रिय दोस्त श्रेयस द्वारा भेंट की गई डायरी। और एक मोर पंख आ गिरा आँचल में। अभी तक ज्यों का त्यों
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