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Start Date 15-Feb-21
End Date 17-Feb-21
Writer | Rank | Certificate |
---|---|---|
Shalini Sharma | Certificate | |
Bandana Singh | Certificate | |
Priyanka priya Mishra | Certificate |
Competition Information/Details
सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...! हमारी आज की प्रतियोगिता शब्दाक्षरी है। जिसके अंतर्गत आज का शब्द है...
"आया बसंत झूम के" .. तो लिख भेजिये अपने शब्दों से सजा कर हम तक अपनी मन की संवेदनायें अपनी कलम से।
दिनाँक - 15 फरवरी से 17 फरवरी 2021
विषय - आया बसंत झूम के
विधा - मुक्त (किसी भी विधा मे)
लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-
1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।
आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....
धन्यवाद
साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।
कविताअतुकांत कविता
अस्तित्व की आवाज
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
कुछ लोग मुझे तोड़ना चाहते हैं |
कुछ लोग मेरी गरदन मरोड़ना चाहते हैं |
जिस मिट्टी में मेरी जड़ें हैं |
कुछ लोग उसे कोड़ना चाहते हैं |
न जाने क्यों मुझे वे खड़े होते हुए
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कविताअतुकांत कविता
अस्तित्व की आवाज
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कुछ लोग मुझे तोड़ना चाहते हैं |
कुछ लोग मेरी गरदन मरोड़ना चाहते हैं |
जिस मिट्टी में मेरी जड़ें हैं |
कुछ लोग उसे कोड़ना चाहते हैं |
न जाने क्यों मुझे वे खड़े होते हुए
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बहुत खूब। आशा है आपकी और भी रचनाये यूँही पढ़ने को मिलती रहेगी हमें सदैब
एकदम ! आपका बहुत बहुत आभार
कवितागीत
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना
तुमसे जुड़ चुकी है खुशियाँ मेरी ; अब मुझे मत ठुकराना
तुझ जैसी कहीं मिली न मुझे ; मैंने ढूंढा सारा जमाना
तेरे लिए लड़ जाऊँगा दुनिया से मैं ; तुम कभी
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कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक-"प्रकृति की सुंदरता"
=================
देखो सखी,सूर्य स्वर्णिम किरणें बिखेर रहा है।
हरियाली फैली चहूंओर, मौसम भी रंग बदल रहा है।
प्रकृति की सुंदरता ने
मेरे मन को मोह लिया।
रंग बिरंगे फूलों ने भी
मेरा
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कवितालयबद्ध कविता
'मधुमास '-ऋतुराज बसंत
❤❤❤❤❤❤❤❤
चूनर ओढ़ कर पीली-पीली ,
आज धरा शरमायी है ।
हर्षित है चहुं ओर दिशा,
कलियों पर छायी तरुणाई है।
ऋतुराज की मोहक छवि पर
वसुधा अधीर इतरायी है ।
सौन्दर्य अलौकिक अनुपम
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कवितालयबद्ध कविता
लगे झुमने डाली डाली
हवा चली फिर मतवाली
पतझर का मौसम बीता
आई बहारें फूलों वाली।
सरसों हुई सभी लताएं
फूले झूमें व लहराएं
मौज सभी का आया देखो
नवयौवन पर जैसे बालाएं।
पवन पुरवाई मचल चली है
दुल्हन
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कहानीलघुकथा
मेघा नाम के अनुरुप ही तो था उसका व्यक्तित्व । धीरे धीरे उछलती कूदती सतरंगी सपने देखती देखती कब बचपन की देहरी लांघ गयी । घर में सबकी लाडली । मेघा मेधावी छात्रा थी । स्कूल से कालिज का सफर अनेको सपनों
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कवितालयबद्ध कविता
काव्य प्रतियोगिता फरवरी
आया बसंत झुमके
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[रचना]
ऋतुराज बसंत है आया
मौसम बहारों का छाया
बागो में चिड़िया चहकी
फूलों से बगिया महकी
खिले फूल की सरसों पर
मधुकर
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बहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति
आभार आदरणीया।
ऋतुराज बसंत पर सुंदर रचना। 👌👌
जी सादर धन्यवाद
कवितागीत
बसंत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Sahityarpan.कॉम
Sahity arpan के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर पटल पर काव्य प्रतियोगिता में मेरी रचना--
विषय- बसंत
नवकुसुम ने सांस ली,पेड़ देखो
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कविताअतुकांत कविता
शीर्षक- ऋतु राज बसंत
गूंज उठे वीणा के तार,
माँ शारदे जो मुस्कराई,
बिखरे तम को हर दे,
मन को हर्षित कर दे
जीवन को उल्लास से भर दे
वर दे! वर दे! वर दे!!!!
सजधज गई धरा
ओढ़ पीत चुनर बसंत बहार आई ..
खिल उठी वसुंधरा
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कविताअतुकांत कविता
विषय:---
# आया बसन्त झूम के
प्रतियोगिता
*ऋतुराज आया*
बहारें छाई, ऋतुराज आया
के दिल में उमंगे लहक रही हैं,,,
झूम झूम के, बसन्त आया
प्रेम प्यार का, मौसम है लाया
के शहनाई दिल की गूंज रही है,,,,
पलाश सरसो ने,
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