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Sahitya Arpan Competition - आया बसंत झूम के
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आया बसंत झूम के

Competition Stats

  • #Entries 11

  • #Likes 2

  • Start Date 15-Feb-21

  • End Date 17-Feb-21

  • Competition Information/Details

    सभी साहित्यिक स्वजनों को सादर नमस्कार...! हमारी आज की प्रतियोगिता शब्दाक्षरी है। जिसके अंतर्गत आज का शब्द है...

    "आया बसंत झूम के" .. तो लिख भेजिये अपने शब्दों से सजा कर हम तक अपनी मन की संवेदनायें अपनी कलम से।

    दिनाँक - 15 फरवरी से 17 फरवरी 2021
    विषय - आया बसंत झूम के
    विधा - मुक्त (किसी भी विधा मे)

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-

    1. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।
    2. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।
    3. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
    4. रचना पोस्ट करने के लिए एडिटिंग ऑप्शन में इवेंट का चुनाव करना न भूले।
    5. रचना के साथ चित्र कोई भी सलंग्न अवश्य करें।

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
    सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।

    कविताअतुकांत कविता

    अस्तित्व की आवाज

    • Edited 3 years ago
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    अस्तित्व की आवाज
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    कुछ लोग मुझे तोड़ना चाहते हैं |
    कुछ लोग मेरी गरदन मरोड़ना चाहते हैं |
    जिस मिट्टी में मेरी जड़ें हैं |
    कुछ लोग उसे कोड़ना चाहते हैं |
    न जाने क्यों मुझे वे खड़े होते हुए
    Read More

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    कविताअतुकांत कविता

    अस्तित्व की आवाज

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    अस्तित्व की आवाज
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    कुछ लोग मुझे तोड़ना चाहते हैं |
    कुछ लोग मेरी गरदन मरोड़ना चाहते हैं |
    जिस मिट्टी में मेरी जड़ें हैं |
    कुछ लोग उसे कोड़ना चाहते हैं |
    न जाने क्यों मुझे वे खड़े होते हुए
    Read More

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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब। आशा है आपकी और भी रचनाये यूँही पढ़ने को मिलती रहेगी हमें सदैब

    Krishna Tawakya Singh3 years ago

    एकदम ! आपका बहुत बहुत आभार

    कवितागीत

    मेरी जिंदगी में चली आना

    • Edited 3 years ago
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    मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना
    तुमसे जुड़ चुकी है खुशियाँ मेरी ; अब मुझे मत ठुकराना
    तुझ जैसी कहीं मिली न मुझे ; मैंने ढूंढा सारा जमाना
    तेरे लिए लड़ जाऊँगा दुनिया से मैं ; तुम कभी
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    कवितालयबद्ध कविता

    प्रकृति की सुंदरता

    • Edited 3 years ago
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    शीर्षक-"प्रकृति की सुंदरता"
    =================
    देखो सखी,सूर्य स्वर्णिम किरणें बिखेर रहा है।
    हरियाली फैली चहूंओर, मौसम भी रंग बदल रहा है।

    प्रकृति की सुंदरता ने
    मेरे मन को मोह लिया।
    रंग बिरंगे फूलों ने भी
    मेरा
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    कवितालयबद्ध कविता

    'मधुमास'-ऋतुराज बसंत

    • Edited 3 years ago
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    'मधुमास '-ऋतुराज बसंत
    ❤❤❤❤❤❤❤❤

    चूनर ओढ़ कर पीली-पीली ,
    आज धरा शरमायी है ।
    हर्षित है चहुं ओर दिशा,
    कलियों पर छायी तरुणाई है।
    ऋतुराज की मोहक छवि पर
    वसुधा अधीर इतरायी है ।

    सौन्दर्य अलौकिक अनुपम
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    कवितालयबद्ध कविता

    आया बंसत झूम के

    • Edited 3 years ago
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    लगे झुमने डाली डाली
    हवा चली फिर मतवाली
    पतझर का मौसम बीता
    आई बहारें फूलों वाली।

    सरसों हुई सभी लताएं
    फूले झूमें व लहराएं
    मौज सभी का आया देखो
    नवयौवन पर जैसे बालाएं।

    पवन पुरवाई मचल चली है
    दुल्हन
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    Rajesh Kr. verma Mridul

    Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

    उत्कृष्ट रचना

    Bandana Singh3 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    बसंती सपने

    • Edited 3 years ago
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    मेघा नाम के अनुरुप ही तो था उसका व्यक्तित्व । धीरे धीरे उछलती कूदती सतरंगी सपने देखती देखती कब बचपन की देहरी लांघ गयी । घर में सबकी लाडली । मेघा मेधावी छात्रा थी । स्कूल से कालिज का सफर अनेको सपनों
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    कवितालयबद्ध कविता

    ऋतुराज बसंत है आया

    • Edited 3 years ago
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    काव्य प्रतियोगिता फरवरी
    आया बसंत झुमके
    '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
    [रचना]

    ऋतुराज बसंत है आया
    मौसम बहारों का छाया

    बागो में चिड़िया चहकी
    फूलों से बगिया महकी

    खिले फूल की सरसों पर
    मधुकर
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    Babita Kumari

    Babita Kumari 3 years ago

    शानदार रचना 👌👌👏👏✍✍

    Babita Kumari

    Babita Kumari 3 years ago

    बहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    आभार आदरणीया।

    Krishnkant Verma

    Krishnkant Verma 3 years ago

    ऋतुराज बसंत पर सुंदर रचना। 👌👌

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    जी सादर धन्यवाद

    के . मौर्या

    के . मौर्या 3 years ago

    🏞️🏕️🌄🏞️🏕️

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    💐💐💌

    के . मौर्या

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    👌🏻

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    🙏 सहृदय नमस्कार🙏

    कवितागीत

    आया बसन्त झूम के

    • Edited 3 years ago
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    बसंत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
    Sahityarpan.कॉम
    Sahity arpan के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

    बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर पटल पर काव्य प्रतियोगिता में मेरी रचना--

    विषय- बसंत

    नवकुसुम ने सांस ली,पेड़ देखो
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    Narendra Singh

    Narendra Singh 3 years ago

    बहुत सुन्दर । बधाई ।

    कविताअतुकांत कविता

    ऋतुराज बसंत

    • Edited 3 years ago
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    शीर्षक- ऋतु राज बसंत

    गूंज उठे वीणा के तार,
    माँ शारदे जो मुस्कराई,
    बिखरे तम को हर दे,
    मन को हर्षित कर दे
    जीवन को उल्लास से भर दे
    वर दे! वर दे! वर दे!!!!

    सजधज गई धरा
    ओढ़ पीत चुनर बसंत बहार आई ..
    खिल उठी वसुंधरा
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    कविताअतुकांत कविता

    ऋतुराज आया

    • Edited 3 years ago
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    विषय:---
    # आया बसन्त झूम के
    प्रतियोगिता
    *ऋतुराज आया*

    बहारें छाई, ऋतुराज आया
    के दिल में उमंगे लहक रही हैं,,,
    झूम झूम के, बसन्त आया
    प्रेम प्यार का, मौसम है लाया
    के शहनाई दिल की गूंज रही है,,,,
    पलाश सरसो ने,
    Read More

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