No Info Added By Writer Yet
#Followers 1
#Posts 15
#Likes 5
#Comments 10
#Views 2955
#Competition Participated 0
#Competition Won 0
Writer Points 14875
#Posts Read 15
#Posts Liked 0
#Comments Added 0
#Following 0
Reader Points 75
London is the capital city of England.
कवितागजल
(1)
ग़ज़लकार- डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
ग़ज़ल
तेरा अख़्लाक जब एहसास से भर जायेगा।
फिर तेरे वुजूद से कुफ़्र का ये असर जायेगा।
ये चश्म हमारे इनायत की तेरी तलबगार
Read More
कविताअतुकांत कविता
रचनाकार- डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
मैं वायोर्विद मैं ही चार्वाक
===============
मैं वायोर्विद,
एक चिकित्सा विज्ञानी-
पुरातन भारत का।
जीवन की उत्पत्ति यहाँ धरती पर,
एक विवादित प्रश्न बन
Read More
कविताअतुकांत कविता
डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
जो कुछ नहीं करते हैं बहुत कुछ करते हैं
=========================
मैं अस्थि कोशिका हूँ।
मैने अपने बचपन में भी परिश्रम किया,
तुम्हारे शरीर को आधार देने के लिये,
मिट्टी ढोता
Read More
कविताअतुकांत कविता
कलमकार- रहबर क़बीरज़ादा
एकलव्य का अंगूठा
-------------------------
एकलव्य का अंगूठा,
संसार में सब से अनूठा।
पूँछ रहा है,
हम से, तुम से,
सभी से।
तब से, आज से,
अभी से।
एक प्रश्न-
सर्वथा जीवंत।
कोई तो कर्म-
दण्ड का
Read More
कविताअतुकांत कविता
डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीर ज़ादा"
सपना सपना ना रह जाये
---------------------------------------
वह एक पिता है।
बहुत ख़ुशी होती है उसे,
जब उसका बेटा उसे पापा जी कहता है।
और ज्यादा ख़ुशी होती है,
जब वो पप्पा कहता है।
उसका
Read More
कविताअतुकांत कविता
डॉ. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
इन्साफ़ बानो की चीख़
===============
मैं राम को नहीं जानता,
नहीं जानता मैं किसी इन्सान को।
मगर मैं जानता हूँ इन्सान को।
और उसकी बहन
इन्साफ़ बानो को।
वो मेरे
Read More
कविताअतुकांत कविता
रचनाकार- डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
परिभाषा का भार लिए मैं घूम रहा हूँ
=======================
मैं कवि हूँ
मेरा पता न पूँछो
मत पूँछो कहाँ रहता हूँ
मैं तो हूँ नदी
नदी की धार
सदा बहता हूँ
मैं बहता
Read More
कविताअतुकांत कविता
रहबर क़बीरज़ादा (डॉ. शिव प्रसाद तिवारी)
मैं पराली हूँ।
========
मैं पराली हूँ।
मैं तुम्हारे घर के बुजुर्ग हूँ।
मैं तुम्हारे बच्चों के दादू जैसा हूँ।अरे मैं ही,
तुम्हारे खेतों की पराली हूँ।
मैंने
Read More
कविताअतुकांत कविता
(3)
रहबर क़बीरज़ादा
(डा.शिव प्रसाद तिवारी)
मैं हिरण्यकश्यप हूँ।
-----------------------
ज्ञान की गंगा लिये,
अपने कमण्डल में।
फिर रहा हूँ मैं युगों से,
इस भूमंडल में।
मैं वायोर्विद मैं हूँ चार्वाक,
मैं तथागत
Read More
कविताअतुकांत कविता
रचनाकार- डा. शिव प्रसाद तिवारी (रहबर क़बीरज़ादा)
यूँ तो मेरा क़त्ल हुआ है।
---------------------------------
यूँ तो मेरा क़त्ल हुआ है,
मगर अभी मैं मरा नहीं हूँ।
रहता था उस जगह,
जहाँ पर सभी बिरहन ही रहते थे।
मैंने एक
Read More
कविताअतुकांत कविता
डा. शिव प्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
डोम काटत किवाड़ी
============
कल रात मैंने एक सपना देखा,
एक विचित्र सा सपना।
सपने में देखा लोक नायकों की टोली।
टोली में सबसे आगे बापू गाँधी बाबा थे,
बापू के साथ
Read More
कविताअतुकांत कविता, गजल
डा. शिवप्रसाद तिवारी "रहबर क़बीरज़ादा"
सूर्पनखा की नाक कटाई।
-------------------------------
हे राम, हमारे राम
परम श्री धाम
कौशल्या पुत्र शान्ता के भाई।
भला बताओ,
सूर्पनखा की नाक कटाई,
आप ने कैसे करायी !
नारी यह
Read More