Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan - Vijayanand Singh
userImages/199/IMG_20210307_193605_1615362745.jpg

Vijayanand Singh

'विजयानंद विजय'

विजयानंद विजय
आनंद निकेत
बाजार समिति रोड
बक्सर (बिहार) - 802103

Writer Stats

  • #Followers 2

  • #Posts 6

  • #Likes 2

  • #Comments 9

  • #Views 1694

  • #Competition Participated 4

  • #Competition Won 3

  • Writer Points 8535

  • Reader Stats

  • #Posts Read 11

  • #Posts Liked 0

  • #Comments Added 0

  • #Following 0

  • Reader Points 55

  • कहानीलघुकथा

    सच्ची तस्वीर

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 466
    • 8 Mins Read

    सच्ची तस्वीर
    -----------------
    " गद्दार। "
    " देशद्रोही। "
    " जेहादी। "
    " मानव बम। "
    " इंसानियत के खिलाफ षडयंत्र। "
    हैदरगंज की मज़लिस में देश-विदेश से आए पाँच सौ से अधिक लोगों की उपस्थिति की खबर फैलते ही मीडिया को हिंदू-मुस्लिम
    Read More

    सच्ची तस्वीर,<span>लघुकथा</span>
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कहानीलघुकथा

    एहसास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 131
    • 11 Mins Read

    एहसास
    ---------------
    " रूको !रूको ! हेलमेट लगा लो बेटा। " चौराहे पर सिपाहियों के साथ खड़े दारोगा जी ने सामने से तेजी से जा रहे बाईक सवार को आवाज दी।
    नया मोटर वेहिकल एक्ट लागू होने के बाद से शहर के हर चौक-चौराहे
    Read More

    एहसास,<span>लघुकथा</span>
    user-image

    कहानीप्रेरणादायक

    खुलती गाँठें

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 351
    • 11 Mins Read

    खुलती गाँठें

    ------------------

    " पापा ! पापा ! देखो न ! स्वीटी को क्या हो गया... ? " चार वर्षीया बेटी घबड़ाकर दौड़ती हुई उसके पास आई और हाथ पकड़कर उसे गार्डेन की ओर ले जाने लगी...गुड़हल के उस पेड़ के पास.... जहाँ स्वीटी अक्सर
    Read More

    खुलती गाँठें,<span>प्रेरणादायक</span>
    user-image
    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत बढ़िया। पिता-पुत्री के प्रेम में पगी मीठी सी कहानी

    कहानीलघुकथा

    #दहेज़

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 177
    • 6 Mins Read

    और....कहानी पूरी हो गयी
    --------------------------------------
    रविवार का दिन था।वीकेंड की छुट्टियाँ थीं। इसलिए वह घर पर थी। उसने ड्राइंग रूम में खेल रही छ: वर्षीय बेटी से पूछा - " गुड्डा-गुड़िया के साथ खेल रही हो बेटा
    Read More

    #दहेज़,<span>लघुकथा</span>
    user-image
    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    ह्रदयस्पर्शी..!!

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    ह्रदयस्पर्शी..!!

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत भावपूर्ण

    कविताअतुकांत कविता

    संवेदना

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 220
    • 7 Mins Read

    संवेदना
    ----------
    जब सड़क पर लहूलुहान
    घायल पड़े, तड़पते-कराहते
    ज़िंदगी और मौत से जूझते
    किसी मनुष्य को देख
    निर्विकार भाव से हम आगे बढ़ जाते हैं
    तब कहाँ मर जाती है हमारी संवेदना ?

    जब दैत्याकार मशीनी दानव
    निरीह
    Read More

    संवेदना,<span>अतुकांत कविता</span>
    user-image
    Pallavi Rani

    Pallavi Rani 3 years ago

    भावपूर्ण

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    वाह सर बहुत ही बेबाक। बधाई हो

    कविताअतुकांत कविता

    एक दीया शहीदों के नाम

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 349
    • 7 Mins Read

    तो देश होता है
    -------------------
    जब दुरभिसंधि में
    बुरी तरह घिरा अभिनंदन
    अपने प्रबल रण-कौशल से
    दुश्मनों के चक्रव्यूह को तोड़कर
    अपनी मातृभूमि को चूमता है
    तो देश होता है।


    जब हड्डियों तक को
    गला देने वाली ठंड
    Read More

    एक दीया शहीदों के नाम,<span>अतुकांत कविता</span>
    user-image
    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    वाह

    Vijayanand Singh3 years ago

    धन्यवाद

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बेहतरीन.. भावपूर्ण शानदार सृजन

    Vijayanand Singh3 years ago

    धन्यवाद