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Sahitya Arpan Competition - सा रे गा मा (अधूरी कहानी) भाग - 2
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सा रे गा मा (अधूरी कहानी) भाग - 2

Competition Stats

  • #Entries 11

  • #Likes 8

  • Start Date 25-Feb-21

  • End Date 06-Mar-21

  • Competition Information/Details

    सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021
    भाग -2

    और तभी उसका फोन बजा जैसे ही काॅल उठाई तो उसकी मां दबी आवाज़ में बोली जल्दी आजा मेरी बच्ची और कहकर फोन कट कर दिया ।

    सौम्या के हाथ से चाय का कप छूटा और वो आटो करने के लिए भागी मगर बारिश की वजह से कोई जाने को तैयार नहीं था सौम्या की आँख से आंसू गिर रहे थे कि तभी उसके आगे बाईक आकर रुकी उसने ऊपर देखा तो कार्तिक था ।
    सौम्या बिना कोई सवाल किए बाईक पर बैठ गई और बोली जल्दी चलो सिटी हाॅस्पिटल ।

    कार्तिक ने तेज़ी से बाईक दौड़ाई और वो दोनों हाॅस्पिटल पहुँचे ,वहां जाकर सौम्या ने देखा कि उसकी मां बेहोश थी ।
    कार्तिक ने डाॅ से बात चीत की तो मालूम हुआ कि पथरी के दर्द के कारण तकलीफ हुई थी अभी के लिए दवाईयां लिख दी है आप ला दीजिए ।

    कार्तिक ने सारी दवाईयां लाकर सौम्या को दी तो सौम्या ने उसका शुक्रिया अदा करते हुए बिल पूछा ।बिल पूछने पर कार्तिक ने कहा "एक कप चाय और तुम्हारी मुस्कान" ।
    हाथ आगे बढ़ाते हुए बोला दोस्त ??
    सौम्या ने हाँ में सर हिलाया ।
    बस वहीं से शुरू हुई सौम्या - कार्तिक की प्रेम कहानी ।

    क्रमश : पहली बार कार्तिक की तरफ से दोस्ती का हाथ बढ़ाना शायद यह प्रेम की शुरुआत का पहला पन्ना था। सौम्या के लिए यह किसी ख्वाब से कम नही था। बस इसी परिस्तिथि पर आपको लिखना है।

    रचनाकार
    भावना सागर बत्रा

    कविताअतुकांत कविता

    मन तन के पार

    • Edited 3 years ago
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    मन तन के पार है
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    अब तुम्हारी नग्न तस्वीरों में
    मेरा मन मगन नहीं होता |
    अब शायद इसने इन तस्वीरों के पार देखना सीख लिया है |
    जो कभी देह में ही अपनी दृष्टि
    गड़ाए रखता था |
    वह सृष्टि के उन रहस्यों
    Read More

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    कविताअतुकांत कविता

    मन तन के पार

    • Edited 3 years ago
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    मन तन के पार है
    ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

    अब तुम्हारी नग्न तस्वीरों में
    मेरा मन मगन नहीं होता |
    अब शायद इसने इन तस्वीरों के पार देखना सीख लिया है |
    जो कभी देह में ही अपनी दृष्टि
    गड़ाए रखता था |
    वह सृष्टि के उन रहस्यों
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    कवितागीत

    मेरा मन सुमन की तरह खिला दिया

    • Edited 3 years ago
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    #सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021
    समूह:-लफ्जों की उड़ान
    कहानी:-अधूरी कहानी-2
    रचनाकार:-भावना सागर बत्रा
    दिनांक:-03/03/2021




    गीत- मेरा मन सुमन की तरह खिला दिया

    जब से तूने दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया
    मेरा मन सुमन की तरह खिला
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    Rajeev Kapil

    Rajeev Kapil 3 years ago

    उत्तम रचना

    Sudipta Jethi raut3 years ago

    धन्यवाद

    jyoti batra

    jyoti batra 3 years ago

    Nice

    Sudipta Jethi raut3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Sudipta Jethi raut3 years ago

    धन्यवाद

    कवितागीत

    प्यार के रंग

    • Edited 3 years ago
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    #सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021
    अधूरी कहानी भाग - 2

    शीर्षक- प्यार के रंग

    हम और तुम, तुम और हम...
    एक-दूजे में कहीं खो जाएं...हूं हूं हूं...

    न तुमको पता, न हमको पता,
    यूं मिलना हमारा, करता इशारे क‌ई,
    तुम समझो, हम समझे,
    और
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Nutan Garg3 years ago

    दिल से हार्दिक आभार 🙏🌹

    कवितागीत

    मैंने तो मांगा है बन्धन पिया

    • Edited 3 years ago
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    मैंने तो मांगा है बन्धन पिया
    टूटे ना अपना ये संगम पिया
    खींचे एक डोरी जो अनजानी सी
    उसी से बंधे है हम तुम पिया।।



    नजरें खामोश है दिल भी है बेजुबा
    आओ समझाऊं तुमको प्यार की दास्तां
    शीरी फरहाद सा
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    बहतरीन पंक्तियां

    कवितागीत

    प्रतिक्षा

    • Edited 3 years ago
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    विधा :- कविता
    विषय :- प्रतिक्षा

    प्रतिक्षा करूंगा मैं तबतक ; जबतक तू मेरी हो न जाएं
    मैं प्रेम करूंगा सिर्फ तुमसे ; चाहे क्यों न जग बागी हो जाएं....!
    तू मेरी है, मैं तेरा हूँ ; चाहे जग माने न माने
    प्रतिक्षा
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    jyoti batra

    jyoti batra 3 years ago

    अति उत्तम

    jyoti batra

    jyoti batra 3 years ago

    अति उत्तम

    Rishi Ranjan3 years ago

    आभार आपका ।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Rishi Ranjan3 years ago

    जी धन्यवाद ।

    कवितागीत

    हमसफ़र/दोस्त

    • Edited 3 years ago
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    अधूरी कहानी भाग2 प्रतियोगिता
    गीत
    दोस्त तुम हो मेरे ये बताओ मुझे,
    बीच मझधार में छोड़ दोगे नहीं?
    मैं तुम्हारा, तुम्हारा रहूंगा सदा,
    ये वचन मुझसे लेलो, लेलो कहीं।

    मैं तो सीता बनी हूं तुम्हारे
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    jyoti batra

    jyoti batra 3 years ago

    बहुत खूब

    jyoti batra

    jyoti batra 3 years ago

    बहुत खूब

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    सुंदर रचना

    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    बहुत खूबसूरत 👌👌

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बेहतरीन 👌🏻

    कवितालयबद्ध कविता, गीत

    दूर ना जाना

    • Edited 3 years ago
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    पास आये हो तुम दोस्ती बनकर,
    दूर ना जाना अजनबी बनकर।

    परेशां दिल के अधरों पे कभी
    मुस्काये नही जहां लफ्ज़ एक भी
    ठहर गये वहां तुम हंसी बनकर।

    तन्हा राह में कितने तन्हा थे
    गुज़रा ना कोई जब हैरां थे
    मिल गए
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    शिवम राव मणि3 years ago

    शुक्रिया आपका

    कवितालयबद्ध कविता

    "मेरा प्रेम नयन नीर निश्छल सा है"

    • Edited 3 years ago
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    आयोजन - सा.रे.गा.मा
    अधूरी कहानी - भाग २
    समूह - लफ्जों की उड़ान
    ================
    [रचना]
    मेरा प्रेम 'नयन नीर' निश्छल सा है

    ये घनघोर सावन की बूंदे
    अभी थमीं नहीं दिखती है
    तेरे इस व्याकुल हृदय पर
    किंचित सा विघ्न
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    Babita Kumari

    Babita Kumari 3 years ago

    Ummda kriti

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    सादर धन्यवाद।

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    धन्यवाद महोदया

    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    Bahut sunder

    Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

    सादर आभार आदरणीया!

    कविताअतुकांत कविता

    चाय के बहाने

    • Edited 3 years ago
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    # प्रतियोगिता अधूरी कहानी भाग 2
    चाय के बहाने ,,गीत

    मौसम ये सुहाना है,
    और चाय का बहाना है,
    सजना अब कह दे ना
    तू मेरा दीवाना है
    मौसम,,,,,
    अनजाने दो राही
    गलियारों में मिलते थे
    इन आँखों ही आँखों में
    बस गुफ़्तगू
    Read More

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    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    Bahut sunder 👌👌

    कवितागीत

    तेरा साथ है

    • Edited 3 years ago
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    तेरा साथ है ( गीत)
    तेरा साथ है, ज़िन्दगी का सहारा।
    भँवर में थी कश्ती, मिला जो किनारा।
    मेरे प्यार को खुशबू से भर दो,
    मौसम का समझो दिलबर इशारा।
    तेरा साथ है - - - - -
    तेरे रूप पर मैंने, तन मन को वारा।
    तेरी इक
    Read More

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    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    बहुत सुंदर ।

    Narendra Singh3 years ago

    हार्दिक आभार

    Narendra Singh3 years ago

    हार्दिक आभार आदरणीय

    Narendra Singh

    Narendra Singh 3 years ago

    आओ एक बार गुनगुना लो।