Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan - SHAKTI RAO MANI
userImages/136/PicsArt_05-02-11.52.34_1598683117.png

SHAKTI RAO MANI

'SRM'

No Info Added By Writer Yet

Writer Stats

  • #Followers 4

  • #Posts 11

  • #Likes 7

  • #Comments 10

  • #Views 1449

  • #Competition Participated 1

  • #Competition Won 0

  • Writer Points 7365

  • Reader Stats

  • #Posts Read 46

  • #Posts Liked 9

  • #Comments Added 17

  • #Following 36

  • Reader Points 445

  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    कहानी सस्पेंस और थ्रिलर 5th

    कवितागजल

    ज्ञानी हर एक है

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 207
    • 2 Mins Read

    रस्ता मिल जाता है पर मकाम आसान नहीं होते
    भटकना जरूर पर दुखी मन वीरान नहीं होते।

    हर एक कदम में टूटेगा हौसला मंजिल तक
    यही तो कामयाब जिंदगी है, हैरान नहीं होते।

    तेरी जिंदगी तुझे धूल चटा देगी
    ना बना
    Read More

    ज्ञानी हर एक है,<span>गजल</span>
    user-image
    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    यूके ०८ डी २०४२ :- एक अनसुलझा रहस्य

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 200
    • 126 Mins Read

    समय

    २०३८

    आधुनिक हरिद्वार

    ८ दिसंबर २०३८

    स्नेहा आंटी:- शायद आज ही वो तारीख है जब जया स्नेहा को समय भवर में फसा देगी…? मुझे जल्दी जाना होगा ।

    ………….

    ऑफिसर रिसो:- रुद्र आज पांच दिन हो गए है, शांतनु की मौत
    Read More

    यूके ०८ डी २०४२ :- एक अनसुलझा रहस्य,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
    user-image

    कहानीप्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, संस्मरण

    द स्टोरी ऑफ माई थर्ड बर्थ पार्ट 2

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 101
    • 23 Mins Read

    अरविंद गोस्वामी व्यापारियों में सोलवीं सदी का जाना माना नाम मुझे हर एक चीज जो व्यापार से जुड़ी है उससे प्रेम था बहुत मेहनत कर मैंने इस व्यापार को बढ़ाया अनाजों का व्यापार बहुत ही लाभदायक है, परंतु
    Read More

    द स्टोरी ऑफ माई थर्ड बर्थ पार्ट 2,<span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>संस्मरण</span>
    user-image

    कहानीप्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, संस्मरण

    द स्टोरी ऑफ माई थर्ड बर्थ पार्ट १

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 160
    • 34 Mins Read

    ये कहानी तीसरे जन्म से शुरू होती है इससे पहले के दो जनम थे याद नही पर जब विचार करती हूँ तो आंखें चोथे वर्ष में खुलती है शायद यही मेरा पहला जन्म है जहां माथे पर तिलक लगाए सब घर घुमा करती मेरी प्रवृति
    Read More

    द स्टोरी ऑफ माई थर्ड बर्थ पार्ट १,<span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>संस्मरण</span>
    user-image
    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    वैसे रचना अच्छी है

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    हिन्दी रचना पर English title मुझे कुछ ठीक नहीं लगता

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    कहानी अच्छी है और अच्छी हो सकती थी, अभी इस रचना को पकाने की जरुरत है

    कवितालयबद्ध कविता

    जिऊं तो सुहागन मरु तो सुहागन।

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 106
    • 3 Mins Read

    सोलह बारे बरत रखूं न हो‌ कोई चुभन
    फल में मांगू जिऊं तो सुहागन मरु तो सुहागन।

    मैं सजती तब थी जब सँवरती नहीं थी
    मेरा सँवरना जैसे रुप तेरा मोहन।

    जिंदगी हों या रस्ते तेरे हाथों से पार हुई
    हाथ हैं कश्ती
    Read More

    जिऊं तो सुहागन मरु तो सुहागन।,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कविताअतुकांत कविता

    ये जो मोहब्बत है

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 111
    • 4 Mins Read

    ये जो मोहब्बत है
    जो तुम्हें हुई है
    जो किसी को हो रही है

    कल के दिन खुद की गलती से
    जब नाकाम हो जाओगे
    या नाकाम कर दिए जाओगे

    और जब खुद की सोच को
    एक दायरे में बांध दोगे
    कभी मरने की सोचोगे
    कभी मारने की सोचोगे

    जीवन
    Read More

    ये जो मोहब्बत है,<span>अतुकांत कविता</span>
    user-image

    कवितागजल

    समंदर तो नहीं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 133
    • 3 Mins Read

    इस तरह न रूठा कर मेरा दूसरा मुकद्दर तो नहीं
    दायरे की दरिया हूं सुख जाऊंगा कोई समंदर तो नहीं।

    जिया नाराजगी में समझ खो देती है कफ़न मांगती है
    पिया तेरे दामन ढकने तक तो हूं पर वो चादर तो नहीं।

    कुछ बाते
    Read More

    समंदर तो नहीं,<span>गजल</span>
    user-image
    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बढ़िया

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    यूप

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    शुक्रिया आपका

    कवितागजल

    जैसे ग़ज़ल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 108
    • 2 Mins Read

    समझा दूँ एक अकसना जैसे ग़ज़ल
    अश्क गिरते हैं जैसे झरना जैसे ग़ज़ल।

    ख्वाब तो ख्वाब में ही‌ टूट जाते हैं
    टूटे मोती का हिरा बनना जैसे ग़ज़ल।

    उड़ान तो परिंदे कई भरते हैं
    गिरकर‌ फिर उड़ान भरना जैसे ग़ज़ल।

    फूरसत
    Read More

    जैसे ग़ज़ल,<span>गजल</span>
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    जी इसमें मीटर और बहर नही है तो यह गजल तो नही परन्तु बहुत सुंदर कविता है। बहुत अच्छा लिखा है आपने

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    जी यह बे बहर ग़ज़ल है। इसलिए मीटर ध्यान में नहीं है । शुक्रिया आपका

    कवितागजल

    एजाज लिख दूं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 93
    • 3 Mins Read

    मैं रोशनी ‌पलट दूँ की ऐसे अल्फाज़ लिख दूँ
    धार है मेरे कहने मे अगर खंजर को आवाज़ लिख दूँ‌।

    मिट्टी मे मिल जाते हैं आकाश कई अक्सर
    बंजर पेरो से उड़ी थी जो धूल वो परवाज़ लिख दूँ।

    जिवन का अंत अगर मृत्यु
    Read More

    एजाज लिख दूं,<span>गजल</span>
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत ही सुंदर रचना

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    धन्यवाद आदरणीय

    कवितालयबद्ध कविता

    कलयुग है ये

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 96
    • 4 Mins Read

    युगो युगो की बात को ना दोहराओ कलियुग है ये
    आज सति मे रति वासना मे डुबा युग है ये
    प्रथम चरणे इक्यानवे वर्ष का पहला दिन है ये
    वैवस्वत् चल रहा है संवत् कलि है ये

    कलियुग को प्रलय क्यो बताया महापरिवर्तन
    Read More

    कलयुग है ये,<span>लयबद्ध कविता</span>
    user-image

    कविताछंद

    कभी मेरे श्रृंगार से वाक़िफ होते

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 134
    • 3 Mins Read

    वो सिर्फ अपने लिए कहता,
    तेरे बिन जिंदगी कुछ कम थी।
    कभी मेरे श्रृंगार से वाक़िफ होते
    मेरी आंखे भी नम थी।

    कभी कोशिश तो की होती
    मुझको मुझसे ही चुराने की
    “मुझसे” वहीं छोड़ गए तुम
    सिर्फ़ कोशिश की मुझको
    Read More

    कभी मेरे श्रृंगार से वाक़िफ होते,<span>छंद</span>
    user-image
    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बढ़िया

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    yup

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bhut khub

    SHAKTI RAO MANI3 years ago

    धन्यवाद