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"लोग"
कविता
कुछ तो लोग कहेंगे
अक्सर भूल जाते है लोग
क्या है आज के अखबार में
राख के ढेर
समय
राह में कुछ लोग अब भी मुस्कराते चल रहे
हाँ हम आम लोग हैं।
संवेदना...
कल मिलोगी जब तुम मुझसे...
आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग
लोग बदल जाते हैं
गीत... हो रहे हैं लोग
लोगों के चेहरे
कुछ लोग यूँ ही परेशान हैं
इमदाद ए किरदार लोगोंको याद जुबानी होगी
इमदाद ए किरदार लोगोंको याद जुबानी होगी
लोगों के जज़्बात बदलते हैं
करने लगे मन-पूरे लोग
लोग खुदा बदल लेते हैं
बोली भाषा मज़हब की दुहाई देनेके आदी लोग
*लोग तो सारे हमारे रहेंगे*
अच्छे -भले लोग बशर बीमार हो जाते हैं
*समझाने लगे हैं लोग *
*लोग किरदार समझ लेते हैं*
चलते बने लोग बशर खाक डाल कर कब्र पर
लोग-बाग बदल गए आवाज़
लोग अपनी ज़रूरतों को याद रखते हैं
इन्सान तो आख़िर इन्सान होता है
लोग जवानी में मर जाते हैं
मकीं अन्जाना
उनपर ऐतबार नहीं किया जा सकता
तमाशा बनता जाएगा
आते जाते रहेंगे लोग
बुरे वक़्त में लोगों के काम आता है
बन गए किस्से-कहानी अफ़्साने लोग
चमन के हालात बदले
मुश्क़िलात में लोग कमाल कर गए
मुक्तक (क़ता )
लोग अपने ऐब जिंदा रखते हैं
लोग सुबह के अख़बार क्यूँ हैं
मुश्क़िल है जगह पाना लोगों के दिल में
कुछ लोग मेरी पसंद के भी होंगे
मेरा नाम नही 🥵
अपनी शेख़ी बघारने वाले लोग
लोग सब पैदल जाएंगे
अमीर लोग मदीना देखते हैं
दिल से लोग क्यूँ नहीं निकल पाते
मतलब-परस्त लोगों का रिश्ता बेमानी होता है
सितम लोगों ने कलसे ज्यादा आज किया
आग बरस रही है आसमान से
मुसबत ख़याल के लोग
खुदगर्ज लोग सिखा जाते हैं
लोग क्या कहेंगे
लोग अपना रंग दिखाने लगे हैं
अपने इरादे कमज़ोर ना होने दो
ख़ूबसूरत अनमोल और खास होते हैं वो लोग
मसाइल सारे लोगों को लड़ाने केलिए
कितने लोग वो देखते हैं जो उन से छुपाया जा रहा है! @"बशर"
लोग सच्चे भी आएंगे
मख़मूर तबीअ'त लोगोंकी ऐसीही आदत होती है
लोगों के दिलों में जगह बनाकर
बेवज़ह लोगों केलिए दुनियामें कोईजगह नहीं है
हरबार हरजगह एकजैसे रहते नहीं हैं लोग
अपने खुदके ज़मीर से ठुकराए हुए लोग
लोग दिल वाले नहीं हैं
फैसले लोग ही लेते हैं कायर की हयात के
कहानी
फिर कब मिलोगे
ऑटो
चूक
लेख
लोग क्या कहेंगे
समाधान की ओर चलें श्मशान की ओर नहीं
अंधेरे में तीर चलाते लोग
लुप्त होती सामान्य लोगों की न्याय की आस
था वहम मेरा...
Wo Chaar Log
एक यात्रा, थोड़ा मनोजागरण और ढेर सारा मलाल
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