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कवितानज़्म
जिसे देखिए गाड़ियों में सफ़र करता है हम कहां तक पैदल जाएंगे इक दिन हम लोगों के कंधों पर जाएगे और लोग सब पैदल जाएंगे ©️ "बशर"