कहानीसामाजिकहास्य व्यंग्यप्रेरणादायक
हैप्पी वाला बर्थडे
नाम का बादशाह है और काम करता है मुम्बई की व्यस्त सड़कों पर जेबकतरी का,
पहले शिकार को ताड़ना फिर दीवार से टिकी पीठ को दीवार से अलग कर तेजी से लहराकर चलते हुए शिकार को हल्की टक्कर मारना और सिर को घुमाकर होंठो पर मुस्कान लाते हुए कहना "सॉरी"
जब तक शिकार को अनहोनी का अंदेशा हो बादशाह चलती हुई बस पकड़कर ये जा वो जा !
काम दिलचस्प है न ?
पर्स में से निकलता है चार महीने का लाइट का बिल, बच्चों की बाकी स्कूल फीस की स्लिप, शायद किसी बुड्ढे की दवाइयों की पर्ची और उन्नीस सौ अस्सी रुपये मात्र ।
बादशाह का जन्मदिन है और पार्टी के लिए उपलब्ध है यह चिड़िया का चुग्गा मतलब की उसके जन्म का साल 'उन्नीस सौ अस्सी' ।
बादशाह कुछ सोचकर सब पर्स के अंदर वापस डालता है और चल देता है मौका-ए-वारदात की ओर, जहां उसका कुछ समय पूर्व बना शिकार किसी पेशोपेश में सड़क की खाक छान रहा है ।
बादशाह तेजी से लहराकर चलते हुए उसे फिर हल्की टक्कर मारता है और सिर को घुमाकर होंठो पर मुस्कान लाते हुए कहता है "सॉरी" ।
शिकार अपनी जेब को भारी महसूस करे उससे पहले बादशाह चलती बस पकड़ लेता है ।
शिकार जेब से पर्स निकालकर देखता है और बरबस ही उसके मुंह से निकलता है ।
"थैंक यू"
Anil_Makariya
Jalgaon (Maharashtra)