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अपनी शक्ति पहचानो - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

अपनी शक्ति पहचानो

  • 137
  • 5 Min Read

अपनी शक्ति पहचानो

निर्भया ! अब जागो
डरो नहीं,तुम उठो
अपनी शक्ति पहचानो
कब तलक दामिनी सी
अपना मुँह छुपाओगी
कोई राम हनुमान
नहीं आएगा बचाने
वानर सेना भी
तुम बना नहीं पाओगी
कृष्ण भी चीर ना बढ़ाएगा

राम के रहते भी
हरी गई थी सीता
दुःशासनी दुनिया में
अंधे तो थे ही
अब तो सारे के सारे
बहरे गूँगे भी हो गए हैं
मित्र रिश्तेदार फसे
पासों की कुचालों में
तेरे अपने भी आज
तमाशबीन हो गए हैं

गांडीव उठा नहीं पाओगी
चक्र सुदर्शन विष्णु का
कहाँ से लाओगी ?
तुम्हें ही बनना है अब तो
दुर्गा पद्मिनी व लक्ष्मी
खिलजी फिरंगियों के
तुम्हें छक्के छुड़ाना है
अस्मत ख़ुद ही बचाना है
जौहर रचाना नहीं है
अरे तुम्हें जोहर दिखाना है

फोगाट बहनों वाले
दाव पेंच लगाना है
मेरीकॉम मुक्कों के
प्रहार बरसाना है
बन जाओ फ़ौलादी
सीख लो सारे पैतरे
जूडो कराटे की सारी
चालों को अपनाना है
महादेवियों सी शक्तिशाली
बन के दिखाना है
सरला मेहता

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Priyanka Tripathi

Priyanka Tripathi 3 years ago

प्रेरणाश्रोत

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

प्रेरणादायक

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

चैतन्यपूर्ण

Amrita Pandey

Amrita Pandey 3 years ago

जोश जगाती खूबसूरत रचना

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

Swati Sourabh

Swati Sourabh 3 years ago

बिल्कुल सही बहुत सुन्दर रचना

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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प्रपोजल
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माँ
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