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Sahitya Arpan Competition - सा रे गा मा (अधूरी कहानी) भाग - 4
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सा रे गा मा (अधूरी कहानी) भाग - 4

Competition Stats

  • #Entries 4

  • #Likes 5

  • Start Date 31-Mar-21

  • End Date 05-Apr-21

  • Competition Information/Details

    सा रे गा मा संगीत उत्सव 2021
    अंतिम भाग

    मन ही मन वो परेशान रहती कि कार्तिक ने ऐसा क्यूँ किया ,
    वो कहाँ गया ,वो आया क्यूँ नहीं ।

    और फिर एक दिन उसकी माँ ने एक अच्छा लड़का मिलते ही सौम्या की शादी करा दी । सब कुछ अच्छा था मगर पहले प्यार,पहले स्पर्श ,और पहले दर्द को कोई कैसे अलग कर सकता है । वो अंदर ही अंदर घुटने लगी ,परेशान रहती मगर किसी से कुछ कह नहीं पाती ।

    और फिर एक दिन वो अपने पति के साथ मूवी जा रही थी कि उसने अचानक कार्तिक को देखा ,फटे पुराने कपड़े,बिखरे बाल ,और ऐसा लग रहा था जैसे मानों उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी । वो कार्तिक की और दौड़ी बहुत तेज़ी से ---

    कार्तिक अपने होश में नहीं था कुछ बावला सा ,कुछ गुम सा बिना यहां वहां देखे बस सड़क पर चलता जा रहा और कुछ बढ़बढ़ा रहा था । सौम्या बहुत जो़र से आवाज़ लगाते हुए कार्तिक की और दौड़ी जा रही थी कि तभी दोनों और से आते हुए अलग अलग ट्रक दोनों को रोंदते हुए आगे बढ़ गए ।

    और ये इश्क़ अधूरा रह गया ।

    अब आपकी बारी है इसके अंत पर गीत लिखने की। जल्दी से लिख भेजिये।

    रचनाकार
    भावना सागर बत्रा

    कवितागीत

    लो आज पूरी होगई हमारी अधूरी कहानी...

    • Edited 3 years ago
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    लो आज़ पूरी हो गई हमारी अधूरी कहानी...

    कभी सोचा न था ...
    यूं बिखरे पलों को,
    समेटेंगें हम दोनों इस जहां में,
    कुछ इस तंरह...
    लो आज....

    मौत भी शायराना सी लगने लगी,
    थाम लिया जो सारे जज़्बातों को हमने,
    यूं जिंदगी
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बढ़िया

    Nutan Garg3 years ago

    हार्दिक आभार

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुन्दर

    Nutan Garg3 years ago

    हार्दिक आभार जी

    कवितागीत

    रूह से रूह का मिलन

    • Edited 3 years ago
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    अपना तो है रूह से रूह का मिलन
    जिस्मों से थी , अपनी सांसे जुड़ी
    मांगा है तुमको ही सातो जनम
    ना होगी कभी दिल से दिल की बेरुखी
    अपना तो है ....

    तुमसे जुदाई, दिल सह ना सका
    अश्कों ने भी दामन,ना छोरा मेरा
    दिल
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बढ़िया

    कवितागीत

    थम गए

    • Edited 3 years ago
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    ज़िन्दगी में यूँ अचानक
    कैसी हुई ये आहट
    कि दो राह में…. थम गए।

    ये कदम ना जाने क्यों,
    सांसे ना जाने क्यों।
    एहसासों से लिपटकर
    होश को भुलाकर
    दो राह में… थम गए।

    एक रोज अनजान यूँ,
    आ गए सामने तुम।
    समय के कांटो
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    Nutan Garg

    Nutan Garg 3 years ago

    सुंदर

    शिवम राव मणि3 years ago

    शुक्रिया आपका

    कवितागीत

    बेवफा हम नहीं

    • Edited 3 years ago
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    बेवफा हम नहीं
    तू मेरा ना हुआ, मैं तेरी ना हुई।
    एक मुकम्मल कहानी शुरू ना हुई।
    खता क्या थी मेरी,
    बताते तो तुम।
    वादा भी करके
    ना घर आये हो तुम।
    हसरतों की कली ये जवां ना हुई।
    तू मेरा......
    तुम
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    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    जी आपका ये गीत बहुत मार्मिक है कहानी में दर्शायी स्थिति कि तरह

    Narendra Singh3 years ago

    हार्दिक आभार महोदया

    Narendra Singh

    Narendra Singh 3 years ago

    प्रेम का पंथ कराल है री। तलवार की धार पे धाविनो है।