Login
Login
Login
Or
Create Account
l
Forgot Password?
Trending
Writers
Latest Posts
Competitions
Magazines
Start Writing
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Searching
"मसर्रत"
कविता
सरगिरानी में भी मसर्रतों का हमारी न कमाल पूछिए
बे-शुमार मसर्रतें होती हैं मयस्सर जरा-सा मुस्कुराने से
*रौनक-ओ-मसर्रत से यौमे-ए-खास की हर पहर गुजरी*
क्या बताए बशर किसीको
मसर्रत
सुकून- ए-क़ल्ब
मसर्रतें बंट गईं खुशनसीबों में
मस'अला तो मसर्रतों का है
मसर्रतें हयात से ख़फा रहती हैं
मसर्रतों के गीत
मुश्क़िलात में लोग कमाल कर गए
मसर्रतों से ख़ौफ़ज़दा
दर्द में भी मुस्कराया करो
ख़्वाहिशों और हसरतों में रह गई कमियां
ख़्वाहिशों के रस्तों से उफ़क तक जाना है
बड़प्पन और बात
मसर्रत हासिल होगी
पता ही नहीं चला कब आगया बुढापा जवानी से
मसर्रतों के चुरा लो अवसर थोड़े बहुत
मसर्रतें जीत के दीदार की
मसर्रतें मेरी तलाश में भटकती रहीं
हसरतें कहीं जाती नहीं हैं
मसर्रतों का गुल खिला नहीं
बांटनेसे और बढेंगी मसर्रतें कम न बांटा करो
वस्लो-गुफ़्तगू से करें दूरियाँ ये कम
Edit Comment
×
Modal body..