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शीर्षक: "गोल गप्पे"
बच्चे बहुत ही मासूम होते है, पर जब बोलना शुरू करते है तो ही पता चल पाता है मासूम चेहरे वाले बच्चे कितने शैतान होते है!
कभी कभी इन मासूम बच्चों की शैतानी भरी बातें इतनी मज़ेदार होती की हम अंदाज़ा नही लगा पाते, कब और कैसे उनकी सुलझी बातों के धागों ने हमें उलझा दिया!
उनकी मासूम बातों का मैं ही क्या, कोई भी जवाब नही दे सकता!
विश्वास नही तो सिर्फ दो मिनिट किसी बच्चे के साथ बैठ कर बातों का सिलसिला बढ़ा कर के देखिये!
न आप ये कहने पर मजबूर हो जाये.... "बेटा जाओ बाहर जा कर खेलो..!" तो कहना!
एक छोटा सा वाकया साँझा कर रही हूँ !जब अक्षरा (मेरी भतीजी) मात्र पाँच वर्ष की थी!
उस दिन मैं और मेरी दोनों भतीजी बैठे अपनी बातों में खोए थे, या ये कहिये मैं खुद का आई क्यू टेस्ट कर रही थी !
उनके सवालों के जवाब दे कर..!
तभी बाहर से आवाज़ आई.. ये आवाज़ गोल गप्पे वाले भैया की थी ! जो अक्सर शाम को गली में आया करता था..!
आवाज़ सुन कर मेरी भतीजी अक्षरा गोल गप्पे खाने की ज़िद करने लगी!
पर मुझे फेरी वाले से ऐसे गोल गप्पे खाना अच्छा नही लगा और उसे टालने के लिये मैंने उससे कहा "मुझे ये लड़का बिल्कुल भी पसंद नही है...देखो कितनी जोर जोर से बोलता है...!
कल बाज़ार चलेंगे तो शॉप से खा कर आएंगे....!
ये सुन कर वो और ज़िद करने लगी!
"नही मुझे अभी खाने है'
वो लगातार ज़िद कर रही थी!
अंत मे दुखी हो कर मैंने उसे डाँट दिया!
मेरी डाँट असर कर गई और वो शांत पर गुस्से से मुँह फुला कर बैठ गई!
तभी भाई ऑफिस से आ गये
"अक्षरा...!"
उन्होंने आवाज़ लगाई पर अक्षरा शांत भाव से बैठी रही, मुँह फुला कर!
जब काफी देर तक भी अक्षरा नही बोली तब भाई ने अक्षरा से उसके चुप होने का कारण पूछा तो मैं ही बोल पड़ी!
"इसको गोल गप्पें खाने थे
पर मैने मना कर दिया!
"क्यो..? भाई ने उसे बहलाते हुए कहा!
"मुझे वो लड़का मुझे बिल्कुल पसंद नही बहुत चिल्ला कर बात करता हैं!
अक्षरा कुछ देर तो चुप रही फिर अचानक ही बोली, "ओ। ।हो बुआ जी हमने सिर्फ उसके गोल गप्पे खाने थे ! आपका रिश्ता नही करना था! जो आपको पसंद नही वो!
उसकी ये बात सुन कर हम सभी हँसते हँसते लोट पोट हो गये...!
आज भी जब वो गोल गप्पे वाले भैया आते है अक्षरा की तोतली ज़ुबान से बोले गए वो शब्द हँसी बन कर होंठो पर थिरक जाते है...!
©️पूनम बागड़िया "पुनीत"
(नई दिल्ली)
स्वरचित मौलिक रचना
बहुत मज़ेदार संस्मरण..! बच्चों की बातचीत चुपचाप सुनने में बड़ा मजा
बहुत मज़ेदार संस्मरण..! बच्चों की बातचीत चुपचाप सुनने में बड़ा मजा
जी सर ! सादर आभार
बहुत मज़ेदार संस्मरण..! बच्चों की बातचीत चुपचाप सुनने में बड़ा मजा