कहानीप्रेम कहानियाँ
जब भी बारिश की बूंदें धरती पर सरगम की तरह बजती हैं। रिया अपने प्यार से मिलने को बेचैन हो उठती है। आज भी मेघराग बजते ही रिया का दिल धड़कने लगा है। जब उसकी बेकरारी बरदाश्त के बाहर हो जाती है तो स्कूटी की चाबी उठा वह चल पड़ती है, अपने प्रिय से मिलने। वह जानती है उसका प्रिय उसे कहां मिलेगा। बारिश के बावजूद सड़क सूनी नहीं है रंगबिरंगे टू व्हीलर्स का मेला सा लगा है। उसकी हम उम्र और भी लड़कियां है जो अपने अपने टू व्हीलर्स पर 'व्हाई शुड ब्वायज़ हैव आल द फ़न' की तर्ज़ पर भीगे मौसम का मज़ा लेने निकल पड़ी हैं। रिया उन्हें देख मुस्कुरा दी। कुछ ही देर की राइड के बाद ही वे सभी शहर की इकलौती झील के किनारे पहुंच गए। वह वहीं है। उसे देख रिया उत्साह से भर उठी है। वह उसकी ओर दौड़ पड़ी और...और बोली, "भैया! एक भुट्टा देना।"
सहज, सरल प्रवाही रचना । मजा आया पढ़कर ।
आभार सर
वाह, बहुत ही प्यारी रचना.. भीगी बारिश की सोंधी खुशबु लिए हुए
शुक्रिया